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Rishipal Bhati

POONAM TIWARI

सम्राट विक्रमादित्य #bharat #Society

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Andaaz Pathak

सम्राट विक्रमादित्य ने सारी दुनिया का केलेंडर बदल दिया था और आज सब लोग अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से चलते है। #विक्रमादित्य #हिंदीकलेंडर #अंग्रेजीकलेंडर #विक्रमसंवत

ओमसिंह पातावत

*वो 'राजा', जिसे भूल गया हमारा इतिहास, जिसने भारत🇮🇳 को बनाया था '"सोने की चिड़िया'" ।* *🙏🏻गौवत्स, सनातन सेवा संघ राष्ट्र-धर्म प्रचार प्रसार #शायरी #महाराजा

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Omsingh Rathore *वो 'राजा', जिसे भूल गया हमारा इतिहास, जिसने भारत🇮🇳 को बनाया था '"सोने की चिड़िया'" ।*

*🙏🏻गौवत्स, सनातन सेवा संघ राष्ट्र-धर्म प्रचार प्रसार

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#rakshabandhan याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं #Live #writersofindia #nojotohindi #poetsofindia #NojotoFilm #poetrycorner #shamawritesBebaak

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Poonita Sharma

ये नववर्ष हमें स्वीकार नहीं,,,, "श्री रामधारी सिंह दिनकर " जी की कविता,,,,, यह नववर्ष भारतवर्ष पर गुलामी की छाप है,, हमारे एक दिग्गज प्रधानम #WritersMotive

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kaushik

माना जाता है कि इस लौह स्तंभ का निर्माण राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 375-412) ने कराया है और इसका पता उसपर लिखे लेख से चलता है, जो गुप् #गुगल_पिक्चर

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      महरौली लौह स्तंभ
    ( विष्णु स्तंभ या गरुड़ स्तंभ भी कहा गया है)










 माना जाता है कि इस लौह स्तंभ का निर्माण राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 375-412) ने कराया है और इसका पता उसपर लिखे लेख से चलता है, जो गुप्

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ 🎉दीपावली के पावन पर्व पर सभी बुजुर्गगणों को सादर चरण स्पर्श ,सभी बराबर के साथियों को प्रेम भरा -निश्छल आलिंगन (गले मिल #समाज

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✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️
🎉दीपावली के पावन पर्व पर सभी बुजुर्गगणों को सादर चरण स्पर्श ,सभी बराबर के साथियों को प्रेम भरा -निश्छल आलिंगन (गले मिलना )एवं समस्त छोटों को प्यार भरा आशीर्वाद …ईश्वर से एवं सतगुरु से अरदास है की संपूर्ण धरातल पर सुख -समृद्धि -ऐश्वर्या -वैभव एवं मंगल करें तथा सबके मन मस्तिष्क से नकारात्मकता को खत्म कर सकारात्मकता का प्रवेश करें जिससे अमन -भाईचारा -प्रेम -सद्व्यवहार -इंसानियत का प्रकाश चहुँ ओर फैले ,इन्हीं शुभकामनाओं के साथ🙏

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है-साधारणत: हम लोग दीपावली मनाने का कारण श्री राम के 14 वर्ष का वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटने व समुद्र मंथन द्वारा लक्ष्मी के प्राकट्य को मानते हैं, लेकिन इनके अलावा शास्त्रों के अनुसार दीपावली का यह त्योहार युगों की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का भी साक्षी रहा है…,
1-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लक्ष्मी अवतरण – कार्तिक मास की अमावस्या तिथि‍ को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं- दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है, इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि‍ मां का आगमन हो…,
2-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना – इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है- कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था…,
3-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान राम की विजय – रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे,उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था…,

4-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्र‍ियों को इसी दिन मुक्त करवाया था-इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया…,
5-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पांडवोंं की वापसी – महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था-पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे,उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी…,

6-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की विक्रमादित्य का राजतिलक – बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दि‍वाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं…,

7-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की गई थी, इस कारण भी दीपावली का त्योहार विशेष महत्व रखता है…,

8-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जैन धर्म – दीपावली का दिन जैन संप्रदाय के लोगों के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है,जैन धर्म इस पर्व को भगवान महावीर जी के मोक्ष दिवस के रूप में मनाता है-ऐसा माना जाता है कि‍ कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी…,

9-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सिख धर्म – सिख धर्म के लिए भी दीपावली बहुत महत्वपूर्ण पर्व है- इस दिन को सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे,इसके अलावा सन् 1577 में अमृतसर के हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास भी दीपावली के दिन ही किया गया था…,

10-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सन् 1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओं के साथ मुक्त किया जाना भी इस दिन की प्रमुख ऐतिहासिक घटना रही है -इसलिए इस पर्व को सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाता हैं, इन राजाओं व हरगोबिंद सिंह जी को मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबंंद किया हुआ था….,

आखिर में एक ही बात समझ आई की दिवाली पूजा मंत्र:
मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र-ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी …!
🌹सुप्रभात🙏
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“🔱विकास शर्मा’शिवाया ‘”🔱
जयपुर-राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️
🎉दीपावली के पावन पर्व पर सभी बुजुर्गगणों को सादर चरण स्पर्श ,सभी बराबर के साथियों को प्रेम भरा -निश्छल आलिंगन (गले मिल

Asha Giri

छोटी थी तब लगता था,बरसात के दिनों में बरसात हर जगह पर होती है। पूरी दुनिया में। धीरे-धीरे बडी़ होती गयी वैसे पता चला हर शहर में एक समान बारि #yqbaba #yqdidi #cinemagraph #paidstory

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मैं नहीं बेताल।। छोटी थी तब लगता था,बरसात के दिनों में बरसात हर जगह पर होती है। पूरी दुनिया में। धीरे-धीरे बडी़ होती गयी वैसे पता चला हर शहर में एक समान बारि

Maitreya

हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ । हिंदू भारतीय इतिहास में इस #समाज #मैत्रेय #navratri2021 #रुद्रभयानंद #soulsearchers #soulwisdom

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हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से  1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था।
सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। 
बसंत ऋतु का आरंभ लगभग इसी समय होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से परिपूर्ण होती है फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है !पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है. इसके मुताबिक़ नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था. लेकिन ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम 'राक्षस' होगा.
राक्षस नाम के इस संवत्सर में मंगल के राजा होने से वर्षा में कमी होगी। फसल कम होगी। अनाज, घी और तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। मंगल के मंत्री होने से दूध की कमी होगी। नकली दूध का उत्पादन बढ़ेगा। आम जनता में दुख और आक्रोश बढ़ेगा लेकिन मुट्ठी भर लोग सुखी होंगे। आम जनता के कष्ट में वृद्धि के संकेत हैं। शुक्र के धन्याधिपति होने से बड़ों का भय नष्ट होता है। गुरु के धान्येश होने से अन्न की अच्छी उपज होगी। अकाल से अनाज और औषधि नष्ट होने से क़ीमतें बढ़ेंगी।
गुरु के द्वारा धन की कमी भी नहीं होने दी जाएगी। कुल मिलाकर पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के आसार है। इस साल देश में कई तकरीबन सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन होंगे। जो संवत्सर 2078 के अंत तक सिमटते हुए दिखेंगे। वहीं कई लोगों के असली चेहरे भी इस दौरान सामने उजागर हो जाएंगे। दुर्घटना, आतंक, चोरी और दंगे बढ़ेंगे, सीमा क्षेत्रों में युद्ध के लक्षण दिखेंगे, जो अगले वर्ष तक निर्णय होगा।
बीमारियों से निजाद नवंबर तक होने की उम्मीद है और शिक्षण संस्थानों को नई प्रारूप भी मिलेगा। नए नेतृत्व का मार्ग भी खुलेगा जो नए प्रारूप में दर्शन मार्ग को खोलेगा। #मैत्रेय #नववर्ष #रुद्रभयानंद #चैत्र #soulsearchers #soulwisdom

©Maitreya हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
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