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Aaditya aryan
निर्माण का निर्माण का है तुम्हे आह्वान , राष्ट्र निर्माण का राष्ट्र निर्माण का। देखो एक नए सूर्य का उदय हुआ , अन्धकार का हरण हुआ।। देखो चिड़िया निकल चुकी है, तिनके की तलाश में।। तुम क्यों बैठे हो किसी और की आस में, वो तिनके - तिनके लगा रही है अपने घोसले के निर्माण में।। तुम क्यों हाथ नहीं बढ़ाते हो राष्ट्र निर्माण में।। तिनका तिनका जोड़कर घोसला बने, ईट से ईट जुड़े तो मकान। फिर क्यों नहीं बन सकता है फिर मेरा भारत महान।। आओ तुम्हें आह्वान है निर्माण, एक नए राष्ट्र निर्माण का।। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, जैसा आत्मा का परमात्मा से वैसा मेल हमारा हो। फिर से संस्कृति ज्ञान एकता में सर्वश्रेष्ठ देश हमारा हो।। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, नदियों को निर्मल बनाए यह उद्देश्य हमारा हो। देश के निर्माण में सहयोग हमारा हो। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, जैसा आत्मा का परमात्मा से वैसा एक दूसरे से मेल हमारा हो। आओ तुम्हे आह्वान है एक नए राष्ट्र निर्माण का, राष्ट्र निर्माण का। saukat ali निर्माण का निर्माण का #HBDShastriJi
निर्माण का निर्माण का #HBDShastriJi
read moreNiraj Srivastava
आँखो की इस झील में, सोचा था हर दर्द छूपाऊंगा, खुद मुसकुरकार दुनियाँ को मैं, खुशियों का पैगाम सुनाऊँगा , कम्बखत झील भी छोटा पर गया, जब दर्द की गहराई को देखा, निकल परा आँसू का मंजर, जब झील की साहिल ने रोका, नीरज की कलम से........ आँखों का झील।
आँखों का झील।
read moreNaveen Mahajan
'झील का चांद' किस जतन से आया है ये क्या जताने आया है? पानी पीने आया है के, प्यास जगाने आया है? चांद मन का देवता है है मनों पे मनों भारी मन लगाने आया है के, मन मनाने आया है? अचल दर्पण, चन्द्र चंचल रात में छूता है आंचल देखने आया है चेहरा या दिखाने आया है? झील सबकुछ जानती है प्यार में कहती नहीं शांत-शीतल है खड़ी क्या के जो बहती नहीं? 'चांद यूँ तो सबका है पर मुझसे है कुछ बात खास सबसे पहले छोड़ सबको सिर्फ मुझको और मुझको प्यार जताने आया है पागल बनाने आया है.' #NaveenMahajan #moonlight झील का चांद
#moonlight झील का चांद #poem #NaveenMahajan
read moreParasram Arora
अगर परमात्मा अपनी कल्पना से मनुष्य की रचना करने मे कामयाब हुआ है तो निश्चित ही आदमी भी अपनी कल्पनाओ क़े आधार पर ईश्वर का सृजन करने क़े लिए निर्भीक और स्वछंद रूप से अधिकृत हैं जैसे जैसे मौसम और परिस्तिथियों मे बद्लाव होता रहा है वैसे वैसे आदमी ने भी ईश्वर क़े रंग रूप आकार साज़ सज़्ज़ा मे क्रन्तिकारी बद्लाव किये है पिछले दौर मे हमने छतीस करोड़ देवताओं का निर्माण किया था जो आज क़े दौर मे बढ़ कर एक सौ छतीस करोड़ का आंकड़ा पार हो चुका है #ईश्वर का निर्माण..
#ईश्वर का निर्माण..
read moreParasram Arora
संगठित धर्मो को हमे नकारना होगा ......क्योकि यही हैं वे धर्मक्षेत्र जिन्होंने कुरुक्षेत्रो को जन्माया है ......जिन्होंने मनुष्य को बांटा है और. मनुष्यता का संहार. किया है कुरुक्षेतरो का निर्माण
कुरुक्षेतरो का निर्माण
read moreArora PR
ज़िंदा आदमी के लिए कब्रों के नक्शे बन. रहे है और कब्र खोदने वालो की रोज़ी. अच्छे से चल रही है विकराल हो चुकी गरीबी और भूख ने आतंक मचा रखा है बची खुची रोटियी को भी अमीरी छीन रही है ©Arora PR कब्रों का निर्माण
कब्रों का निर्माण #कविता
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
उनकी झील सी आँखों का इकलौता चिराग हूँ। उनके सपनों में बसा आधी और तूफान हूँ। मन तो करता है,उनके पलकों की छांव में छुप जाऊँ। पर यहाँ तो पलकों के छाव से घिरा बेसहारा इंसान हूँ। उनकी झील सी आँखों का!
उनकी झील सी आँखों का!
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