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मुरली कुमार

कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे। जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ही पूरी करनी है तो ज़हर खा लो मर जाओ, क्योंकि ऐसे लोगों की इस दुनिया को जरूरत नहीं।बाप की पूरी ज़िंदगी बेटी ब्याह कराने में लग जाता है, और तुम उसी बेटी की कद्र नही करते। अरे अब बन्द करो हैवानियत अपनी पढ़े लिखे लोगों। दहेज़ लेना बंद करो। कूबत हो पालने की तो ब्याह करो नही तो जहर खाओ और मर जाओ। घिन आती है जब ऐसे समाज का हिस्सा हूँ सोचता भी हूँ तो। #आयशा माफ् करना बे

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बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से,
मर्दांगी हमारी निखर जाएगी नई औरतों को आजमाने से।।

किसी से इश्क नहीं करते हैं कोई मर्द कभी ,
महबूबा थोड़ी बनती है औरत एक रात बिताने से।।

वो तो जवानी ठंडी करनी थी तो ब्याह कर लिया,
अब बीवी थोड़ी बन जाएगी  सिंदूर का टीका लगाने से।।

औऱ हाँ बाप ने उसके दहेज़ कम दिया,
मुझे  फ़र्क़ नहीं पड़ता उसके जीने से मर जाने से।।

एक नहीं दो नहीं जितनी चाहे लाएंगे,
औरत तो बस पुतला है मिल जाती है भाव लगाने से।। कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे।
जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ही पूरी करनी है तो ज़हर खा लो मर जाओ, क्योंकि ऐसे लोगों की इस दुनिया को जरूरत नहीं।बाप की पूरी ज़िंदगी बेटी ब्याह कराने में लग जाता है, और तुम उसी बेटी की कद्र नही करते। अरे अब बन्द करो हैवानियत अपनी पढ़े लिखे लोगों। दहेज़ लेना बंद करो। कूबत हो पालने की तो ब्याह करो नही तो जहर खाओ और मर जाओ। घिन आती है जब ऐसे समाज का हिस्सा हूँ सोचता भी हूँ तो।
#आयशा माफ् करना बे

Murli Bhagat

कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे। जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ही पूरी करनी है तो ज़हर खा लो मर जाओ, क्योंकि ऐसे लोगों की इस दुनिया को जरूरत नहीं।बाप की पूरी ज़िंदगी बेटी ब्याह कराने में लग जाता है, और तुम उसी बेटी की कद्र नही करते। अरे अब बन्द करो हैवानियत अपनी पढ़े लिखे लोगों। दहेज़ लेना बंद करो। कूबत हो पालने की तो ब्याह करो नही तो जहर खाओ और मर जाओ। घिन आती है जब ऐसे समाज का हिस्सा हूँ सोचता भी हूँ तो। #आयशा माफ् करना बे

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बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से,
मर्दांगी हमारी निखर जाएगी नई औरतों को आजमाने से।।

किसी से इश्क नहीं करते हैं कोई मर्द कभी ,
महबूबा थोड़ी बनती है औरत एक रात बिताने से।।

वो तो जवानी ठंडी करनी थी तो ब्याह कर लिया,
अब बीवी थोड़ी बन जाएगी  सिंदूर का टीका लगाने से।।

औऱ हाँ बाप ने उसके दहेज़ कम दिया,
मुझे  फ़र्क़ नहीं पड़ता उसके जीने से मर जाने से।।

एक नहीं दो नहीं जितनी चाहे लाएंगे,
औरत तो बस पुतला है मिल जाती है भाव लगाने से।। कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे।
जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ही पूरी करनी है तो ज़हर खा लो मर जाओ, क्योंकि ऐसे लोगों की इस दुनिया को जरूरत नहीं।बाप की पूरी ज़िंदगी बेटी ब्याह कराने में लग जाता है, और तुम उसी बेटी की कद्र नही करते। अरे अब बन्द करो हैवानियत अपनी पढ़े लिखे लोगों। दहेज़ लेना बंद करो। कूबत हो पालने की तो ब्याह करो नही तो जहर खाओ और मर जाओ। घिन आती है जब ऐसे समाज का हिस्सा हूँ सोचता भी हूँ तो।
#आयशा माफ् करना बे

nensi gangele

#आयशा sucide case nojoto poetry #justice or आयशा #standAlone

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छोटी सी ज़िन्दगी में बड़े से ख़्वाब थे मेरे 
लड़की कमज़ोर नहीं , मज़बूत थी में 

बस ज़रा सी मेरी ही गलती थी , हद से 
ज्यादा अहमियत मैने ही उसे दे कर रखी थी

अपने सपनों को सब्र देकर, उसके सपनों
को अपनी आंखों से देखने की चाह थी मेरी,

में कमज़ोर नहीं थी , पर कदम से कदम मिलाकर 
चलने की कसमें वादे निभा रहीं थीं 

जज़्बात मेरे सस्ते नहीं थे, पर रिश्तों की अहमियत 
मेरे लिए आस्था थी, पर शायद उस इंसान पर जज़्बात 

लुटा दिए थे,जो इसके काबिल नहीं था ,
कहना चाहा था, रहनुमा जिसे वहीं मेरा गुनहगार था

औरत को कमज़ोर कहने वाला, वह खुद छोटी
सोच का गुलाम था,पर अपमान की झंकार मेरे कानो में थी
बार बार अस्तित्व पर पड़ी चोट ने मुझे तोड़ दिया 
जिंदगी मेरी बदतर अपनो ने की थी, सिसकियां भी

मेरी मेरे कानों में शोर सी थी , हा मैने अपनी ज़िंदगी
की ज्योति साबरमती में बुझादी, हार चुकी हूं अब ,

जाते जाते इक बात जरूर कहुगी , प्यार दो तरफा कर
लेना इक तरफा कभी नहीं ,ताकि फिर कोई आयशा 

अपने ही हाथों ,अपनी ही ज्योति बुझाने की मजबूर ना हो

©nensi gangele #आयशा sucide case
#nojoto poetry
#justice or आयशा

#standAlone

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

बस एक एहसास,✍️✅ #HerQuestions#nojot#noshame#beti#Society#shamawrite#मेवाड़#म्हारो_राजस्थान#आयशा#dowery Hiyan Chopda Anshu writer Great Awaaz sk. manjur Meer Hadi joytu maurya payreji sanju singh Rekha mewada Fatima Ali Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" vks Siyag k Smile NIKHAT KHAN

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Neha Bhargava (karishma)

#आयशा

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जीना था, आगे बढ़ना था.
इन मुश्किलों से यू न डरना था..
जज़्बात जो ना समझ पाया..
आखिर क्यों..
उसके लिए जिन्दगी को दांव पर लगाया
माना मुश्किल तेरी बड़ी थी
पर इतना भी क्यों तू डरी थी
एक तरफा इश्क में..
अपनो के साथ तो खड़ी थी
ये नही कहती,तू गलत थी
मानती हूं, मौत..तेरे लिए जीवन से सरल थी
जिसके लिए तेरे आंसू की कीमत ना थी
उसके लिए तेरे दिल में इतनी तड़प थी..
एक बार आगे बडकर तो देखती
जिंदगी से लड़कर तो देखती
अपनी के लिए जीकर तो देखती
मौत.. मुश्किलों का हल नहीं होता
चले जाते हैं हम तो छोड़कर
मगर मां बाप का गम कम नहीं होता
जिंदगी की सूरत एक नहीं होती
हर शक्श की नियत नेक नहीं होती..

©Neha Bhargava (karishma) #आयशा

Varsha

आयशा थी वों #आयशा #justis_for_aaysha #Stop dowry system #SpeakOutLoud #nojotohindi #justice

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Rustam Ali Anjum

पूछा ना ज़िन्दगी में किसी ने भी दिल का हाल अब शहर भर में ज़िक्र मेरी ख़ुदकुशी का है #आयशा

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पूछा ना ज़िन्दगी में किसी ने भी दिल का हाल

अब शहर भर में ज़िक्र मेरी ख़ुदकुशी का है 

आयशा

अल्लाह आपको जन्नत नसीब करें

रुस्तम अली अंजुम पूछा ना ज़िन्दगी में किसी ने भी दिल का हाल

अब शहर भर में ज़िक्र मेरी ख़ुदकुशी का है 

#आयशा

😍Deepmu_deepmu😍

अच्छा लिखते हो , अनुशीर्षक में yqbaba,yqdidi इत्यादि को लगाओ,ताकि ज्यादा से ज्यादा पढ़ सकें ... आयशा , ये शमस को बताती हैं .. अक्सर आयशा इस तरह मदद कर दिया करतीं हैं नए राइटर्स कि जो yq पर आते हैं , कुछ इस तरह ही आयशा ओर शमस की बात शुरु होती हैं ...!! आयशा ,जो सादगी में रहती हैं ,

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 अच्छा लिखते हो ,
अनुशीर्षक में yqbaba,yqdidi इत्यादि को लगाओ,ताकि ज्यादा से ज्यादा पढ़ सकें ...
आयशा , ये शमस को बताती हैं ..
अक्सर आयशा इस तरह मदद कर दिया करतीं हैं नए राइटर्स कि जो yq पर आते हैं ,

कुछ इस तरह ही आयशा ओर शमस की बात शुरु होती हैं ...!!

आयशा ,जो सादगी में रहती हैं ,


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