Find the Best इश्क़_की_गलियों_में Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about
Krish Vj
भटकता भटकता पहुँच गया, न जाने कब इश्क़ कि दुनियाँ में हर तरफ छाही खुशियों की महक, जो महका रहीं हैं सासें मेरी मुलाक़ात हुई महबूब से, उनसे इश्क़ की कुछ बातें भी हुई छाने लगा नशा मोहब्बत का, धड़कने मेरी इश्क़ में दीवानी हुई कतरा-कतरा महकने लगा हर पल मैं खुश रहने लगा आरज़ू सब पूरी मेरी होने लगी, इश्क़ में मैं डूबने लगा वक़्त ने ली करवट कुछ इस तरह, दर्द में आँसुओं का सागर बहने लगा रहती थी दिल के घर में वो रानी कि तरह अब इस दिल से जुदा होने लगी 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
read morekavi manish mann
उस बेवफा के लिए तड़पना छोड़ देंगे। ईश्क की गलियों में भटकना छोड़ देंगे। प्यार जिसके लिए सिर्फ़ इक सौदा है, उस बेवफा से यारों करना अब तौबा है। जिसने हमको सदा दर्द ही बांँटा है। उसका भी नाता अब गमों से जोड़ देंगे। अश्क आंँखों से अब बहाना छोड़ देंगे। ईश्क की गलियों में भटकना छोड़ देंगे। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
read moreashutosh anjan
इश्क़ की गालियों में अपना भी ठिकाना रहा कोई, ये बात और है वफ़ा से अपना बैर पुराना रहा कोई। रूह के अज़ाब में घिरकर एक उम्र बिताई हमनें, टूटता रहा हर पल ना निकलनें का कोई रास्ता रहा कोई। न जाने किस सुबह की उम्मीद थी दिल को, कि वस्ल की ख़ातिर रात भर शमा बनकर जलता रहा कोई। जब इश्क़ के बाज़ार में लगीं अरमानों की बोली, महफ़िल में मैं ही ख़ामोश था हर चेहरा ख़रीददार रहा कोई। (अज़ाब- संताप, तीव्र पीड़ा) 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
(अज़ाब- संताप, तीव्र पीड़ा) 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
read moreDR. SANJU TRIPATHI
इश्क की गलियों में अब हमारा रोज का आना जाना है, कोई गर हमारा पता पूछे तो बस अब यही ठिकाना है इश्क के दरिया में अब हर रोज हम डुबकियां लगाते हैं, हर बार यहां पर इश्क का हम एक नया रंग ही पाते हैं, हम हरदम अपने महबूब की आंखो में ही खोए रहते हैं, धड़कन बन एक दूजे के दिल में अब धड़कते ही रहते हैं, इश्क खुदा की बख्शी नैमत है हमने मांगी थी वो मन्नत है, इश्क से दुनियां रोशन है और अब इश्क ही हमारी जन्नत है। -"Ek Soch" 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
read moreAnil Prasad Sinha 'Madhukar'
इश्क़ की गलियों में देखा, मोहब्बतें नीलाम होती हैं, वफ़ा थी बहुत महंगी पर, रुसवाईयाँ आम होती है, इन्हीं गलियों में इश्क़ का, सरेआम इश्तिहार देखा है, इश्क़ में मुब्तिला आशिकों को, बेबस लाचार देखा है। हमनें भी दौरा किया था, इन गलियों का अब कैसे कहें, आए थे इश्क़ फरमाने, और हम किसी काम के ना रहे, इश्क़ पर इख़्तियार नहीं, पर लोग नाकामयाब होते हैं, फँसकर इश्क़ के भँवर में, फिर जिन्दगी भर रोते हैं। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-22 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥22:- इश्क़ की गलियों में
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited