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Pravesh Kumar
सामने जब तुम आ जाते हो, धड़कन थम-सी जाती है, होंठ सिले जाते हैं मेरे, आंखें शोर मचाती हैं, मन अधीर हो उठता है, बस प्रेम तुम्हारा पाने को, बाहों में भर लेने को, या बाहों में भर जाने को, बड़े उमंग से पंछी बन के, पंख पसारे, तेरी ओर, दिल उड़ता जाता है तेरे, सीने से लग जाने को, तेरी एक छुअन से मानो, मदहोशी छा जाती है, होंठ सिले जाते हैं मेरे, आंखे शोर मचाती हैं, फूलों-सी मुस्काने वाली, सुनो भ्रमर का सुंदर गीत, ओ गुलाब सी सुर्ख़ ग़ुलाबी, बन जाओ तुम मेरे मीत, मैं कान्हा मुरलीवाला हूँ, तुम प्यारी राधा रानी, दिल के बदले दिल का सौदा, तेरी हार न मेरी जीत, कितनी बातें कहना चाहे, लेकिन कह ना पाती हैं, होंठ सिले जाते हैं मेरे, आंखे शोर मचाती हैं, सामने जब तुम आ जाते हो, धड़कन थम-सी जाती है, होंठ सिले जाते हैं मेरे, आंखें शोर मचाती हैं... ✍️ : प्रवेश #प्रेम #गुलाब #कान्हा #मन #धड़कन #आंखें #होंठ Your quote bibi Yq hindi #pravesh_kanha
Pravesh Kumar
भगवान श्रीकृष्ण को उनकी मैया 'लल्ला' कहती थीं। श्री हरि ने यह अधिकार अपने किसी भी जन्म में किसी और को नहीं दिया। उनके बालरूप की मनोहर छवि को ध्यान में रख के एक से बढ़कर एक साहित्यिक रचनाएं की गईं, जिनमें से लगभग अधिकांश में "मैया और कान्हा" ही केंद्र में रहीं, "पिता" सदैव नेपथ्य में ही रहे। प्रस्तुत है मेरी कलम से भी, कान्हा जैसी संतान की कामना से भरी, एक कविता, जिसका शीर्षक है... "लल्ला" ✍️ लल्ला समय बीतता चला जा रहा अपनी निश्चित गति-से, उसे क्या लेना-देना, किसी की उन्नति से, अवनति से। आंगन जबतक सूना है संतान से-किलकारी से, श्याम, हमारा जीवन जड़वत, वंचित निज संतति से। कानों में जबतक दुखियों की चीख नहीं पड़ती है, क्या उनकी अन्तर्व्यथायें तुमको दीख नहीं पड़ती हैं। क्या कोई मोल नहीं है मेरी मौन याचनाओं का,
लल्ला समय बीतता चला जा रहा अपनी निश्चित गति-से, उसे क्या लेना-देना, किसी की उन्नति से, अवनति से। आंगन जबतक सूना है संतान से-किलकारी से, श्याम, हमारा जीवन जड़वत, वंचित निज संतति से। कानों में जबतक दुखियों की चीख नहीं पड़ती है, क्या उनकी अन्तर्व्यथायें तुमको दीख नहीं पड़ती हैं। क्या कोई मोल नहीं है मेरी मौन याचनाओं का, #Krishna #प्रेम #merikalamse #श्रीकृष्ण #pravesh_kanha
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शरारत तुम अपनी ज़िंदगी बेफ़िक्रमन्द हो के जियो, बना लो ख्वाबगाह-सा, इसे जन्नत कर लो। न ज़रूरत है किसी बड़े कारनामे की, कि बस इतना करो कि हमसे मोहब्बत कर लो। तुम अपनी आंखों से देखो जो ख्वाब शामो-सहर गले लगा लो मुझे और हकीकत कर लो। ये अदाएं, ये निगाहें, ये तेरा चुलबुलापन, मेरे पहलू में आ के इनकी हिफाजत कर लो। मेरी बातों पे करो ऐतबार कुछ पल को, मेरी जाँ हम से भी थोड़ी-सी शरारत कर लो। #pravesh_kanha #ज़िंदगी #zindgi #बेफिक्र #जन्नत #मोहब्बत #ग़ज़ल #मेरीक़लमसे YQ Sahitya YourQuote Hindi YQbaba
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इजाज़त सफ़र में हाथ छुड़ाने की इजाज़त नहीं है, मेरी महफ़िल से यूँ जाने की इजाज़त नहीं है। हमारे बीच अगर प्रेम हो तो सच्चा हो, किसी भी झूठे बहाने की इजाज़त नहीं है। तुम्हें आना है तो आओ मेरे अपने की तरह, ऐसे मेहमान-सा आने की इजाज़त नहीं है। हो अगर पक्का, तो लगाओ मुझे जी भर के, कच्चे रंगों को लगाने की इजाज़त नहीं है। कहीं कुछ भी, किसी के मन में हो, बेख़ौफ़ कहो, कोई भी बात छिपाने की इजाज़त नहीं है। #इजाज़त #महफ़िल #प्रेम #रंग #मेरीक़लमसे #ग़ज़ल #pravesh_kanha #merikalamse
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आ भी जाइये इतना भी न खुद को, ऐ सनम, आजमाइए, दर्द से इतना भी न, रिश्ता बढ़ाइए। किसी का गम, नहीं हैं कम, इसके भी बावजूद, जीना है अगर ज़िन्दगी, तो मुस्कुराइए। कहते हैं, हर बात, सबसे की नहीं जाती, फिर किस से कहेंगे, ज़रा ये तो बताइए। बैठिये सुकून से, नदी के किनारे, सुनिए मेरी भी, और कुछ अपनी सुनाइये। अपनी तरह का हो, तो बात और है मगर, हर किसी से दिल भी न अपना लगाइये। ऐसे ही टूट जाती हैं, चाहत यहां अक्सर, चाहे लाख जीने-मरने की, कसमें खाइये। आप भी रूठेंगे कभी, हम भी रूठेंगे, हम भी मनाएं और कभी, हमको मनाइये। थम न जाएं इंतज़ार, में ये धड़कनें, बस भी कीजिये, अजी अब आ भी जाइये। #प्रेम #मेरीक़लमसे #ग़ज़ल #pravesh_kanha #कोराकाग़ज़ #हिंदी #दर्द #कविसम्मेलन 𝘠ourQuote Didi YQbaba Arpana Kumari
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सुबह की धूप जब आये तुम्हारी याद आती है, घटा घनघोर जब छाये तुम्हारी याद आती है। बसंती बाग़ में कोयल का एक जोड़ा मधुर स्वर में, मिलन के गीत जब गाये तुम्हारी याद आती है। किसी भँवरे के चुम्बन से, कोई नवयौवना जैसे, कली कोई जो मुस्काए तुम्हारी याद आती है। जहां चाहत के दुश्मन हों वहां प्रेमी परिंदों का, मुकम्मल प्रेम हो जाये तुम्हारी याद आती है। तुम्हारी यादें मेरी सांसों में ऐसे समाहित हैं, हर एक पल में सनम हाये तुम्हारी याद आती है। तरसती हैं ये आंखें बादलों जैसे बरसती हैं, तू आये या नहीं आये तुम्हारी याद आती है। #yqbaba #yqdidi #merikalamse #pravesh_kanha #ghazal #tumhari_yaad #हिंदी #तुम्हारीयाद
Pravesh Kumar
मत देख कोई आदमी गुनाहगार कितना है, देख वो तेरे साथ वफादार कितना है। मत देख कि उसे किसी से कितनी नफ़रत है, देख कि उसे तुमसे प्यार कितना है। ग़र सीख ले तू हंसना और हंसाना बज़्म में, फिर देख हर एक शाम ख़ुशगवार कितना है। भूल जा ये रंजिशें, शिकवे-गिले तमाम, फिर देख ज़माने को तुमसे प्यार कितना है। प्रेम भी क्या चीज़ है इसके बिना ऐ दोस्त, ज़रा देख कि ये ज़िन्दगी दुश्वार कितना है। कमी है ज़माने में चंद नेक-दिलों की, मगर देख यहाँ दिले-दाग़दार कितना है। ख़ुद को बना इस लायक़ की कहें ये लोग भी, ज़रा देख कि ये बंदा समझदार कितना है। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #zindagi #प्यार #pravesh_kanha #ज़माना #दिल
Pravesh Kumar
चराग़-ए-मोहब्बत जलाने चले हैं, कि रस्मे-ताअल्लुक़ निभाने चले हैं, बड़े शौक़ से आज उनकी तरफ़ हम, उन्हीं को उन्हीं से चुराने चले हैं। #मोहब्बत #मेरीक़लमसे #yqbaba #yqdidi #yqshayari #hindi #pravesh_kanha
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