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Best दूँगी Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ritu Singh

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सुन ना!
तेरी बहुत याद आती है,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी ।
ख्वाबों में रुलाती है और हक़ीक़त में तकिया भिंगा जाती है,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी ।
टूट जाऊँगी,टूटकर बिखर जाऊँगी,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी ।
तुझसे इश्क़ करने की हर सजा खुद को दूँगी,पर तुझे आवाज नहीं दूँगी ।

नहीं दूँगी ।

piyu pandey

एक माँ अब पहले तो मैं बेटी को जन्म ही न दूँगी और अगर हो गईं तो उसे एक कैद में रखूंगी क्यों? यही पूछ रहे हो न तो सुनो….... मेरे पास ऐसा कुछ नही की मैं उसको आजाद छोड़ सकू

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एक माँ

अब पहले तो मैं बेटी को जन्म ही न दूँगी
और अगर हो गईं तो उसे एक कैद में रखूंगी

क्यों? यही पूछ रहे हो न तो सुनो…....

मेरे पास ऐसा कुछ नही की मैं उसको आजाद छोड़ सकू
वो फूल सी नाजुक होगी कैसे सँभालूंगी मैं उसे
लड़कियाँ तो वैसे भी चंचल चिड़िया होती है
जो कभी एक जगह टिकती नही है
इसलिए वो कैद रहेगी एक बन्द कमरे में 
मैं उसे बाहर ही नही आने दूँगी किसी की नजर ही न पड़ने दूँगी तब शायद उसे बचा लूं
नही पढ़ने भेजूंगी मैं उसे हा मुझे उसे नही बनाना कोई बड़ा ऑफिसर क्योंकि या तो वो बनने से पहले किसी का शिकार हो जाएगी या बनने के बाद
हा मैं एक बुरी स्त्री बन जाऊँगी उसकी सुरक्षा के लिए
पर क्या करूँ मैं उसको तड़पता हुआ नही देख पाऊँगी न 
इसलिए वो कैद ही रहेगी जीवन भर और बाँध के रखूंगी मैं उसकी एक कलाई को अपने पल्लू से ताकि घर की गंदी निगाहों से भी बचा सकूँ मैं उसे
अपने घर मे भी वो अजनाबियों सी होगी क्योंकि कोई भाई पिता या सहोदर नही होगा उसका
तब ही शायद सुरक्षित होगी मेरी बेटी क्योंकि
इस कानून, सरकार और कोर्ट के गंदे धंधो से मैं उसे कभी सुरक्षा नही दे पाऊंगी न
ये लोग अपराधियों को कैद नही कर सकते न 
उनको सजा नही दे सकते न 
इसलिए मैं तुझे ही सजा दे दूँगी और तुझे ही कैद कर लुंगी मेरी गुड़िया
माफ करना मेरी बिटिया पर मैं तेरी सुरक्षा को लेकर विवश और लाचार हूँगी

-----पीयू
😢😢😢😢😢😢
😖😓😓😓😓 एक माँ

अब पहले तो मैं बेटी को जन्म ही न दूँगी
और अगर हो गईं तो उसे एक कैद में रखूंगी

क्यों? यही पूछ रहे हो न तो सुनो…....

मेरे पास ऐसा कुछ नही की मैं उसको आजाद छोड़ सकू

Nasin Nishant

मुझे नहीं पता था कि वो मुझसे "इतनी मोहब्बत" करती है...

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"इतनी मोहब्बत"

तुम वफा लिख दो ,
मैं तुम्हें बेवफा लिख दूँगी ।
तुम नाम कर दो मेरा ,
मैं तुम्हें बदनाम कर दूँगी ।
तुम इश्क में दलील रोज करो मुझसे ,
मैं तुम्हें जलील कर दूँगी ।
तुम रोज़ाना मुझे अपनी शायरी में भर दो,
मैं तुम्हें अपनी डायरी से अलग कर दूँगी ।
तुम शबनम,तुम ख़्वाहिश या माहताब लिख दो मुझे,
और मैं तिरगी तुझमें बेहिसाब भर दूँगी ।
तुम ग़र अपनी गलतियों का एहसास भी लिख दो,
तो भी मैं तुम्हें बर्बर और बदहवास कर दूँगी । मुझे नहीं पता था कि वो मुझसे "इतनी मोहब्बत" करती है...

Chanchal Chaturvedi

हाँ गुजरना था बचपन एक दिन गुज़र गया,मगर अपना बचपना खोने ना दूँगी........

समझदारी के भवंर में उलझ कर अपनी सच्चाई और मासूमियत को ऊलझने ना दूँगी..........

ज़िन्दगी तो दर्द भरा जाम है इक बार में मुस्कुरा कर सारा जाम पी लूँगी,मगर दर्द अपना किसी के सामने छलकने ना दूँगी........

कोई चाहे मुझे तो ऐसे ही चाहे जो हूँ और जैसी हूँ मैं, किसी की सच्ची चाह में बदलना तो ठीक है,मगर इस चाह में खुद को मिटाने का हक तो खुद को भी देने ना दूँगी............

हाँ गुजरना था बचपन एक दिन गुज़र गया,मगर अपना बचपना खोने ना दूँगी........ #bachpana_khone_na_dungi
#Chanchal_Mann #hindinojoto#poetry#shabdanchal

Priyanshi Mehta

#Kardungi

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जो ख्वाब आते है तेरे ,इन आँखो में मेरे,
देखना बहोत जल्दी इन्हें भी खुदसे दुर कर दूँगी,
ये जो नाम लिया करता है तेरा, अब भी ये दिल मेरा,
 देखना बहोत ही जल्दी इसे चुप रहने पे मजबूर कर दूँगी... #kardungi

Roopanjali singh parmar

हमारे समाज के दो हिस्से हैं.. एक हिस्से में औरतों को आत्मनिर्भर बनाने की बात की जाती है, और एक हिस्सा कमजोर औरतों को ही औरत होने का दर्जा देता है। हम सभी एक स्वतंत्र विचार वाली और आत्मनिर्भर औरत को स्वीकार कर ही नहीं पाते, क्योंकि हमारी सोच में औरत की छवि एक दबी हुई आवाज़ की तरह है। जिसे हम सुनकर भी अनसुना कर देते हैं। औरत को हम या तो दायित्वों में डाल व्यस्त कर देते हैं या मनोरंजन के साधन की तरह इस्तेमाल कर लेते हैं.. औरतों की कमजोरी की वज़ह क्या है..? दरअसल वज़ह हम खुद हैं.. क्योंकि हम उन्हें ये

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मैं सुधर जाऊंगी

(कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें) हमारे समाज के दो हिस्से हैं.. एक हिस्से में औरतों को आत्मनिर्भर बनाने की बात की जाती है, और एक हिस्सा कमजोर औरतों को ही औरत होने का दर्जा देता है।
हम सभी एक स्वतंत्र विचार वाली और आत्मनिर्भर औरत को स्वीकार कर ही नहीं पाते, क्योंकि हमारी सोच में औरत की छवि एक दबी हुई आवाज़ की तरह है। जिसे हम सुनकर भी अनसुना कर देते हैं। औरत को हम या तो दायित्वों में डाल व्यस्त कर देते हैं या मनोरंजन के साधन की तरह इस्तेमाल कर लेते हैं..
औरतों की कमजोरी की वज़ह क्या है..? दरअसल वज़ह हम खुद हैं.. क्योंकि हम उन्हें ये

Arzooo

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पडी हैं जो ये ज़नजीरे इन्हें तोड़ दूँगी ..
ज़रा दिल को सम्भल जाने दे मैं तुझे छोड दूँगी ..

deepak sahu

#2YearsOfNojoto वो कहती थी जान दे दूँगी,
ऐसे न मिलना ईमान दे दूँगी।।
कल जो माँग लिया हाथ,
उसने कहा जान ले लूँगी।।
                            ©dp

😣😢☹️😔😖😟😭😩 #nojotoHindi #nojotoquote #shayari #sher #deepakpremi

kalamkaar

#हार

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हार न मैं हारूँगी,न ही अपने हौसले को टूटने दूँगी ,
जो शुरू किया है सफर उसे वक़्त के हवाले न झोकने दूँगी,
होगी मेरी भी जगह उन चमकते सितारों में ,
जो शुरू किया है सफर उसे यूँ न छोडूंगी। #हार

Alewar A

💐💐

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उम्मीद है कि मेरे सपनो को साकार कर जाऊंगी। 
बुभुक्षा मन की मिटा दूँगी ।
नसीब आपना उज्जवल बना लूँगी।
भविष्य आपना सुंदर कर दूँगी । 💐💐
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