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poonam atrey
ये कहानी है ममतामयी उस माँ की ,जो अपनी ममता निस्वार्थ बाँटती है, देती है पुष्प लता अपनी संतानों को, और काँटे अपने लिए छाँटती है, कहते हैं माँ प्रकृति उसे , जो लुटाती रही अपना सर्वस्व हम सब पर , बदले में हमसे उस ममतामयी माँ ने ,कहाँ कुछ माँगा है मग़र, मग़र हमनें भी अत्याचार की , सारी सीमाएं ही तोड़ दी, विध्वंशता की सारी आँधियाँ , उस माँ की तरफ़ ही मोड़ दी , भरना पड़ेगा हमें ही इसका खामियाजा ,हमने तनिक ना विचार किया, पाट दिए सब नाले बन्ध , सब वृक्ष लताओं को भी तहस नहस किया, बच्चो को श्राप भी क्यूँ कर देती, वो बेचारी माँ जो ठहरी, हर दर्द अपने ज़िस्म पर सहती रही, मग़र चोट लगी थी गहरी, रोती रही बिलखती रही , मग़र दया न हमको आई थी, हमारी ही भूल का परिणाम था ,जो मची दुनिया मे तबाही थी ।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #माँप्रकृति #एककहानी
poonam atrey
चलो आज एक कहानी लिखते हैं, तुम अपना किस्सा लिखना , हम अपना फ़साना लिखते हैं , कुछ आंसू लिखेंगे उसमे , कुछ प्यारी सी मुस्कान भी , कुछ बारिश लिखे उसमे , कुछ तपता रेगिस्तान भी , कुछ हसीं खुशी के पल लिखे , कुछ लंबी जिंदगानी लिखते हैं , चलो आज एक कहानी लिखते हैं ।। ©poonam atrey #एककहानी Rama Goswami mangalviras Pankaj सचिन सारस्वत gauri अब्र (Abr) @gyanendra pandey अदनासा- वंदना .... Payal Das Ashutosh Mishra Lalit Saxena Pooja Udeshi Poonam Suyal Anshu writer सचिन सारस्वत Saloni Khanna Atri Vikas " Sagar " Hardik Mahajan Sunita Pathania Sethi Ji Anil Ray Mili Saha Hardik Mahajan Anuja sharma Durgesh Tiwari..9451125950 काव्यार्पण रविन्द्र 'गुल' ek shayar भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन R K Mishra " सूर्य " Rakesh Srivastava Praveen Jain "पल्लव" PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरम
#एककहानी Rama Goswami mangalviras Pankaj सचिन सारस्वत gauri अब्र (Abr) @gyanendra pandey अदनासा- वंदना .... Payal Das Ashutosh Mishra Lalit Saxena Pooja Udeshi Poonam Suyal Anshu writer सचिन सारस्वत Saloni Khanna Atri Vikas " Sagar " Hardik Mahajan Sunita Pathania Sethi Ji Anil Ray Mili Saha Hardik Mahajan Anuja sharma Durgesh Tiwari..9451125950 काव्यार्पण रविन्द्र 'गुल' ek shayar भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन R K Mishra " सूर्य " Rakesh Srivastava Praveen Jain "पल्लव" PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरम
read moreRadheshyam
एक कहानी आज़ मैं भी आप सभी को बताना चाहतीं हूं, "एक कृष्ण प्रेम दीवानी लड़की की,,"। एक ऐसी लड़की, जो इस समाज के मध्यम वर्ग से आतीं हैं। भोली हैं, प्यारी हैं पर कृष्ण प्रेम में हारी हैं। उठते श्याम, सोते श्याम हर पल उसको श्याम चाहिए, जिंदगी में कुछ मिले या ना मिलें, लेकिन उसे हरि नाम चाहिए,,। ©Divyanshi Triguna "Radhika" #story #NojotoHindi #एककहानी
Deepak Motwani
एक कहानी तो सभी के पास होती है, लेकिन उसे लिखने / सुनाने का हुनर और साहस नहीं होता । #एककहानी #एककहानीऐसीभी #कहानी #मेरीक़लमसे #मेरीकहानी
#एककहानी #एककहानीऐसीभी #कहानी #मेरीक़लमसे #मेरीकहानी
read morePS T
🚃🚃🚃 हम सब की ज़िंदगी में ऐसी कोई न कोई कहानी मौजूद है। सुनाइये ना। Collab कीजिये YQ Didi के साथ #एककहानी #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #pra
हम सब की ज़िंदगी में ऐसी कोई न कोई कहानी मौजूद है। सुनाइये ना। Collab कीजिये YQ Didi के साथ #एककहानी #yqdidi #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #pra
read moreDrg
भूली बिसरी एक कहानी, याद आती है सावन की झड़ी में, कि ऐसी ही एक बरसात की रात, मिली थी मैं एक 'जाने पहचाने' अजनबी को (कैप्शन में पढ़े) भूली बिसरी एक कहानी,याद आती है सावन की झड़ी में, कि ऐसी ही एक बरसात की रात, मिली थी मैं एक 'जाने पहचाने' अजनबी को चुपचाप सा रहता था जो सबसे,उस रात दिल खोल बैठा था वो, उसकी बातों में न जाने क्या था असर, भुला बैठी मैं भी हर ग़म को लाखों चाहने वाले थे जिसके,आज बैठा था मेरे क़रीब वो, हाथ पकड़,कविताएं सुनाता, चुटकी लेता..मुझे होश में लाने को
भूली बिसरी एक कहानी,याद आती है सावन की झड़ी में, कि ऐसी ही एक बरसात की रात, मिली थी मैं एक 'जाने पहचाने' अजनबी को चुपचाप सा रहता था जो सबसे,उस रात दिल खोल बैठा था वो, उसकी बातों में न जाने क्या था असर, भुला बैठी मैं भी हर ग़म को लाखों चाहने वाले थे जिसके,आज बैठा था मेरे क़रीब वो, हाथ पकड़,कविताएं सुनाता, चुटकी लेता..मुझे होश में लाने को
read moreAnamika
दो लाइनें एक कहानी.. प्रेम की चिंगारी, दो घरों के चौथे में ठंडी हुई... #दोलाइनें #एककहानी #धर्म_के_ठेकेदार #प्रेम_कहानी #कहानीमरनहींसकती #तूलिका #योरकोटकहानी
Anjali Jha
भुली -बिसरी एक कहानी अक्सर याद आती है तेरे - मेरे दरमियां मेंं जो अधुरी रह गयी तेरे- मेरे दरमियां में जो पुरी नही हो सकी क्या तुम फिर से पुरा कर पाओगे क्या तुम फिर से मेरा साथ निभाओगे वादा करो फिर से पुरा करोगे नही तो यादों को सपने में ही रहने दो तय हुई थी तेरे - मेरे दरमियां जो मुलाकात उसे अब अधुरी ही रहने दो उसे अब याद बनकर ही रहने दो हम सब की ज़िंदगी में ऐसी कोई न कोई कहानी मौजूद है। सुनाइये ना। Collab कीजिये YQ Didi के साथ #एककहानी #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
हम सब की ज़िंदगी में ऐसी कोई न कोई कहानी मौजूद है। सुनाइये ना। Collab कीजिये YQ Didi के साथ #एककहानी #yqdidi #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morepriyanka yadav
गाँव में वापसी आज मैं वापस अपने गाँव आया हूँ। अपने अपनों से मिलने। नौकरी लगने के बाद पहली बार अपने गाँव आया हूँ। दिल्ली शहर में नौकरी लगी है। आमदनी वैसे कुछ ज्यादा नहीं है। फिर भी पहली बार आया हूँ तो सब के लिए कुछ ना कुछ लाया हूँ। आज जी भरकर सबसे बातें करूंगा। आज माँ की गोद में सर रखकर सोऊँगा। आज दादी माँ का दुलार भी पाऊँगा। पापा की फटकार भी सुनने को मिलेगी और उसके बाद जब दादा जी पापा को डाँटेगे तो माँ और मैं धीमे-धीमे ही हँस देंगे। ओह! अलार्म बज गया। ये तो एक ख्वाब था। सुबह हो गई थी और इस सुबह के साथ मेरे ख्वाब की सुबह भी हो गई थी। #गाँवमेंवापसी#एककहानी #priyanka-pri
#गाँवमेंवापसी#एककहानी #priyanka-pri
read morepriyanka yadav
कहानी -नए जूते पापा की चाय की दुकान थी। घर का बस गुजर -बसर ही होता था। वहाँ ख्वाहिशें कहाँ पूरी होती, जहाँ बस जरूरतों के लिए घर था। मैं घर की सबसे छोटी थी, तो प्यार भी कुछ ज्यादा ही मिलता था। मैं अपने भाई -बहनों के साथ ही स्कूल जाया करती थी। स्कूल के बाहर एक छोटी-सी बच्ची अपनी माँ के साथ बैठी भीख मांगा करती थी। आते-जाते मेरी नज़र उसपर पड़ ही जाती थी। वो कुछ 2-3 साल की ही होगी। एक दिन मैंने उसे रोते हुए देखा ,मैं उसके रोने का कारण जानने को उत्सुक थी। बड़े भाई ने जाकर पता किया, तो पता चला कि उसके पैरों में काँच चुभ गया है। ये सुनकर मैं कुछ सोचने लगी। शाम को मैंने अपने भाइयों को बताया कि मैं उसकी मदद करना चाहती हूँ। मेरे हाथों में गुल्लक थी। देखते ही देखते मैंने उसे ज़मीन पर फेंक दिया , और उन्हें इसका कारण बताया, क्योंकि सब मुझसे बहुत प्यार करते थे इसीलिए उन्होंने मुझे समझा। अब लगे सब पैसे गिनने। कुछ पैसे कम पड़ गए। मेरे भाई-बहनों ने भी अपनी -अपनी बचत से पैसे दिए। हम लेकर आए एक "नए जोड़ी जूते"। अगली सुबह हमने वो नए जूते उस बच्ची को दिए। उन्हें पहनकर वो बहुत खुश हुई। ये सब वाकया हमारी Principal ने देख लिया। हमारे पास आकर उन्होंने हमें शाबाशी दी और हमारे मम्मी -पापा ने भी। #एककहानी#नएजूते#बचपन #priyanka-pri