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Heer
बारिश छम छम बरसती बूंदों ने, आज फिर महकाई है बगिया, सुकून के साथ साथ भर आई है खुशियां।। ©Heer #rain #बारीश hindi poetry on life hindi poetry
Nitin Bavlecha
खाली पैमाने में थोड़ा जाम लिख दू, मोहब्बत का ऐसा अंजाम लिख दू, देर से सही आई है बेशुमार आज, मौसम की बारिश तेरे नाम लिख दू। ©Nitin Bavlecha #shabd #बारीश #मौसम #treanding #shayaari #rain #romance
Manjul
पहले रास आता था बारिश में भीगना.. अब तबियत खराब हो जाती है... ऐसा ही बहुत कुछ है जीवन में जो अब रास नहीं आता.. ©Manjul Sarkar #raining #बारीश #रास #jivan
Binu Nehra
किस किस के हारे चूल्हे भीजे हैं, रात न बूंदा मैं।🤣🤣🤣 ©Binu Nehra #nojohindi #बारीश
Srishti Yadav
कमबख्त इन आसुंयों ने भी बारिश का सहारा ले लिया। #yqbaba #yqdidi #yqhindiquotes #बारीश #infinity
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read moreNammy S
ये झीनी झीनी बारिश तेरे गालों पर मुस्कान आज वाकई खुशमिजाज़ है मौसम मेरे दिल और आसमान का। PC: Pinterest #बारीश #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqbhaijan #मुस्कान #yolewrimo #julypoem
PC: Pinterest #बारीश #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqbhaijan #मुस्कान #yolewrimo #JulyPoem
read moreNammy S
तू आता है और ... बारिशों सा बरस जाता है मैं पत्ते पर बूंद सी ठहर जाती हूँ तू जब जाता है.. रेल सा गुज़र जाता है और...मैं पटरियों सी थम जाती हूँ.. #nammy27 #रेल #पत्ता #बारीश #बून्दें
BIKASH RANJAN
पहली बारीश.... छतरी के नीचे भीगे हुए दिल में बारिस के बून्द टपक रहे थे बदन में, चुम लिया था धरती को बारिस ने और मदमस्त थे दो आजाद पंछी एक दूसरे के गले में। किसी बच्चे केलिए ये बारिश पहला खिलौना था, जिसमे वह भीग के पानी के हर एक बूंद के साथ खेल रहा था,
छतरी के नीचे भीगे हुए दिल में बारिस के बून्द टपक रहे थे बदन में, चुम लिया था धरती को बारिस ने और मदमस्त थे दो आजाद पंछी एक दूसरे के गले में। किसी बच्चे केलिए ये बारिश पहला खिलौना था, जिसमे वह भीग के पानी के हर एक बूंद के साथ खेल रहा था,
read moreBIKASH RANJAN
पहली बारीश.... छतरी के नीचे भीगे हुए दिल में बारिस के बून्द टपक रहे थे बदन में, चुम लिया था धरती को बारिस ने और मदमस्त थे दो आजाद पंछी एक दूसरे के गले में। किसी बच्चे केलिए ये बारिश पहला खिलौना था, जिसमे वह भीग के पानी के हर एक बूंद के साथ खेल रहा था,
छतरी के नीचे भीगे हुए दिल में बारिस के बून्द टपक रहे थे बदन में, चुम लिया था धरती को बारिस ने और मदमस्त थे दो आजाद पंछी एक दूसरे के गले में। किसी बच्चे केलिए ये बारिश पहला खिलौना था, जिसमे वह भीग के पानी के हर एक बूंद के साथ खेल रहा था,
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