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As. Poetry

#Hope #टहनी #वृक्ष #अपने अपने ही आज गिराने का सामर्थ्य रखते है

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Darsh

दुनिया की सुंदरता बची रहने दो। #रहनेदो #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #टहनी #yqbhaijan #yqhindi #hindiquotes Collaborating with YourQuote Didi

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रहने दो इन टहनीओं को यूं ही हरीभरी 
चिडिया घोंसला तभी तो  बनाएगी यहीं  दुनिया की सुंदरता 
बची रहने दो।
#रहनेदो #collab #yqdidi  #yourquoteandmine #टहनी #yqbhaijan #yqhindi #hindiquotes
Collaborating with YourQuote Didi

सुनीता प्रजापति

काश!! थम जाती आफ़त की बारिश #कविता

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विषय - काश!!
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खेतों  मे पक कर तैयार खड़ी थी।
किसान के दिल मे आस बड़ी थी।

गिरी गाज आज फिर  आसमान से
फूटे कर्म ना जाने कौन सी घड़ी थी।

तबाह हो गयी खेती , देखते -देखते,
टहनी-टहनी अब औंधे मुँह पड़ी थी।

पौध -पौध सींची थी  खून  पसीने से, 
पत्नी भी हल संग बैलों-सी जड़ी थी।

सोचा  था कर देंगे  हाथ  पीले अबकी
बेटी जो जवानी की दहलीज चढ़ी थी।
 
देते रहे  वो  दुहाई  पुकार -पुकार कर,
जिंदगी और मौत की जंग सी लड़ी थी।

फिर गया पानी अरमानों पर पल भर में
वो बेबस देखता रहा,उसे अपनी तड़ी थी।

 खुद की तबाही का मंजर देखा ना गया,
 झूल गया फंदे से ,पेड़ पर मौत टंगी थी।

#काश!कि थम जाती बारिश बर्बादी की,
दुआ"सुनीता"ने भी उनके हक में पढ़ी थी। काश!! थम जाती आफ़त की बारिश

BABA

मैं बचपन में खेल रहा था सड़क किनारे थक गया था सो गया वहीं पेड़ की छांव सहारे काफ़ी देर सोया उठा तो गदगद था काफ़ी घना वह ऊँचा पेड़ बरगद था नजर का अंदाज घूमने लगा टहनी टहनी हर डाल पर बसेरा था तपन सी गर्मी गर्मी आज हम जबां हैं मगर वह पेंड़ कहाँ है उस सड़क पर जहाँ चलता खेलता जग हंसा है #nojotophoto

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 मैं बचपन में खेल रहा था सड़क किनारे
थक गया था सो गया वहीं पेड़ की छांव सहारे
काफ़ी देर सोया उठा तो गदगद था
काफ़ी घना वह ऊँचा पेड़ बरगद था
नजर का अंदाज घूमने लगा टहनी टहनी
हर डाल पर बसेरा था तपन सी गर्मी गर्मी
आज हम जबां हैं मगर वह पेंड़ कहाँ है
उस सड़क पर जहाँ चलता खेलता जग हंसा है

Raju 7256093980

तुम तेरे आंगन की वो धूप, ढलने लगी है तेरे चाँद की रोशनी, धटने लगी है तेरा चेहरा यादो से, अब मिटने लगा है।

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तुम

तेरे आंगन की वो धूप,
ढलने लगी है
तेरे चाँद की रोशनी,
धटने लगी है
तेरा चेहरा यादो से,
अब मिटने लगा है।

Sudeep Keshri✍️✍️

मन #प्रफुल्लित हो जाता इन #वादियों में आकर, फूले न समाता #प्रकृति में समा कर, ईश्वर की रचना के आगे सब कुछ फीका है, हमें तो इससे #सुंदर कुछ ना दिखा है, #नदी, #झील, #झरना या #पहाड़ सब है #बेमिसाल, फूलों का रंग या फलों का स्वाद #कुदरत की क्या बात, पंछी हो या जंतु किसी में नहीं कोई किंतु परंतु, वृक्ष की #टहनी हो या पत्ते हम तो देखते न थकते, #poem #kavita #कविता #nojotohindi #संसार #प्राणवायु #बुझाता

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पर्वतों को पार कर, मन प्रफुल्लित हो जाता इन वादियों में आकर,
फूले न समाता प्रकृति में समा कर,
ईश्वर की रचना के आगे सब कुछ फीका है,
हमें तो इससे सुंदर कुछ ना दिखा है,
नदी, झील, झरना, पहाड़ सब है बेमिसाल,
फूलों का रंग ,फलों का स्वाद कुदरत की क्या बात,
पंछी हो या जंतु किसी में नहीं कोई किंतु परंतु,
वृक्ष की टहनी हो या पत्ते हम तो देखते न थकते,
पानी प्यास बुझाता, हवा प्राणवायु दे जाता,
न कोई किसी से कम है, न कोई किसी से ज्यादा, 
कुदरत ने क्या संसार बनाया,
मेरा तो मन फूले नहीं समाता,
जब मैं खुद को इन सब के बीच पाता,
लेकिन इन सब में ईश्वर की सबसे अच्छी कृति
मैं ही तो हूं, जो इन वादियों के बारे में आपको बताता। मन #प्रफुल्लित हो जाता इन #वादियों में आकर,
फूले न समाता #प्रकृति में समा कर,
ईश्वर की रचना के आगे सब कुछ फीका है,
हमें तो इससे #सुंदर कुछ ना दिखा है,
#नदी, #झील, #झरना या #पहाड़ सब है #बेमिसाल,
फूलों का रंग या फलों का स्वाद #कुदरत की क्या बात,
पंछी हो या जंतु किसी में नहीं कोई किंतु परंतु,
वृक्ष की #टहनी हो या पत्ते हम तो देखते न थकते,

Ajay Keshari

#OpenPoetry #मुसकराहट_महँगी_है
टूटे हम पेड़ के टहनी है.!
सुख गया वह बड़ा पेड़,
जिसके हम सब टहनी थे.!
पेड़ के सब शाख थे हमसब,
एक साथ में रहते थे.!
अपनी खुशियों की ही ख़ातिर,
पेड़ से टूटकर निकले थे.!
बिना जड़ का धड़ लिए हम,
बैरागी बन घुमते है.!
खुशियों की चाहत में हमने,
खुशियों को ही खोए है.!
#अजय57

༺Nitin Pandey༻

बचपन और लोरी 🍃
देखा ,
पत्तों पर
आज बसंत देखा
उछल -कूद करती
गिलहरियों का मृदंग देखा
मन -भावन बहती हवा का
अविरल जल तरंग देखा
नये-नये किसलय लिये
फूलों का विविध रंग देखा
टहनी पर बसंत देखा
टहनी पर बसंत देखा !! #BachpanAurLori

Poem For U

#DearZindagi

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#DearZindagi एक शज़र चुपचाप खड़ा है गुमसुम गुमसुम पत्तों संग
टहनी टहनी पर उसकी लिक्खी है ख़्वाहिश बारिश की

राग उठे आलाप उठे हर सरगम पर मल्हार उठे
नदियाँ पोखर सुनना चाहें बस अब बंदिश बारिश की

Ankush Jain

#jain067

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Birds पता नही क्या रिश्ता था एक
पक्षी का टहनी से,
उसके उर जाने पर वह टहनी
कितनी देर कांपती रही!
#jain067 #jain067
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