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@thewriterVDS
रात की राख बिखर गई दिल में उड़ती चिंगारियां फैल गई चहुंओर धधक भी समा चुका खुद के आगोश में बस फिर से आग लगाना बाकी है। निकलती चिंगारियां धमनियों को जला रही थी सिराएं उड़ती राख संग गीत गुनगुना रही थी अचानक हवा का झोंका फैला गया रक्त में हुई राख फैल गई दिल में। बारिश की बूंदे चिंगारी बुझाना शुरू की रक्त संग पूरे शरीर में दौड़ा गई हुआ राख राख कालिख अब पुत गई न चाहते हुए आग फिर से लगा गई दिल में। #रातकाअफ़साना #collab #रात #राख #दिल #धधक #चिंगारी #आग Collaborating with 𝘠ourQuote Didi
सावन
कुछ मोमबत्तियां फूंक कर बुझाई उसने मगर मै फिर क्यों धधक -धधक कर जल रहा था... हजारों दुआए लेकर सो गई होगी वो ,मै न जाने किस बद्दुआ के साथ इन वीरानी राहों में रतजगा चल रहा था... #Happy_Birthday #birthday #wo #main #wishes #love #Nojoto #Hindi #Savan
BRIJESH KUMAR
#OpenPoetry वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी.... बैरन बड़ी वो चूड़ी थी... बिन उसके, मुझे लगती वो अधूरी थी..... जैसे छुई -मुई सा -पल्लव हो ऐसे -वो-शर्माती थी..... नैनों से अक्सर मुझे , उसके बड़ी शिकायत होती थी..... मेरे लाख गुज़ारिश करने पे जब आँखों में काजल लगाती थी...... काजल लगते ही आँखों में वो मेरा चाँद पूरा हो जाता था..... गौर से झाँकता उसकी आँखो में चक्छुओ में जब प्रतिबिंब बस मेरा नजर आता था..... अजब अदा थी,उसकी ईठलाती और बलखाती थी बात -बात पे घूँट -घूँट वो पानी मुझे, पिलाती थी..... साँस ले के थम जाता दिल वहीं पलभर में जब दाँतों में दबा क्लिप को अपने वो स्वतंत्र #जुड़ा बनाती थी ओह......... सच री.... सखी.....वो दिन कितनें प्यारे थे जब सजनी संग हमारे थे बिरह कि आग लगी है, ह्रदय में , प्रीत में लिपट के तन, मन, दिल जल रहा है ,धधक -धधक फूँक दिया है, जमाने के 150 लोगों ने कर दिया #ब्रजेश को अलग -थलक सच्च वो दिन कितनें प्यारे थे जब झुमके कानों से होकर,गुजरते हुए गालों से लगे तुम्हारे थे...... 😊😊😊😊😊 #एक #छोटी-#सी #कोशिश ✒.ब्रजेश कुमार वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी....
वो झुमके कितनें प्यारे थे... जैसे कानों पे लगते सितारे थे.... जब भी खुशी में झुमती थी... लटकनें उसके गालों को चुमती थी....
read moreसोमेश त्रिवेदी
धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल, उठ रहा धुआँ धुआँ बज रही हैं घंटियाँ, शांत है हृदय यहाँ शून्य सी है चेतना, शून्य सा ये व्योम है शून्य शक्ति है सबल, धधक रहा चिता अनल। जठर में अग्नि जल रही असह्य हो रही क्षुधा, प्रशस्त या अप्रशस्त हो मार्ग चुनती है द्विधा। मांगती ये अन्न अथवा मांगती ये प्राण है, भस्म करती अन्न को ये अग्नि रूपी बाण है। ©®सोमेश त्रिवेदी #NojotoQuote बड़े दिनों के बाद पुनः उपस्थित हूँ... अपनी नई रचना के साथ 🙏🙏🙏🙏 👇👇👇👇👇👇👇👇 धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल, उठ रहा धुआँ धुआँ
बड़े दिनों के बाद पुनः उपस्थित हूँ... अपनी नई रचना के साथ 🙏🙏🙏🙏 👇👇👇👇👇👇👇👇 धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल, उठ रहा धुआँ धुआँ
read morePnkj Dixit
तप रही है जमीं तप रहा ये आसमां धधक रही है धड़कने धधक रहा सारा जहां ये तो बता तू ओ मेरे मन ... 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 कैसा ये कैसा बन रहा है ये जहां ना मन में है लगन ना मन में है उमंग हर किसी की जुबां पे है कटू व्यंग कैसा ये कैसा हो रहा अट्ठाहस है ओ मेरे मन ओ मेरे मन ..... 💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓 जवानी की कैसी है ये कहानी तू बता क्यों बदल रही है जवानी की कहानी तू ये बता .. बनाया है जिसने ये जहां उसकी है क्या खता ... पूछ रहा है ये शमां पूछ रही है ये कलम .. ओ मेरे मन ओ मेरे मन .. 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 कौन है वो कौन है बदल रहा है जो धरा का चलन ओ मेरे मन ओ मेरे मन .... ..... ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ .... ( खेत से आते हुए जन्मी शब्द-श्रृंखला ) (सांग ट्यून -- बाहुबली १) २२-६-२०१७ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा 'बेधड़क' तप रही है जमीं तप रहा ये आसमां धधक रही है धड़कने धधक रहा सारा जहां ये तो बता तू ओ मेरे मन ... 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 कैसा ये कैसा बन रहा है ये जहां ना मन में है लगन ना मन में है उमंग हर किसी की जुबां पे है कटू व्यंग कैसा ये कैसा हो रहा अट्ठाहस है
तप रही है जमीं तप रहा ये आसमां धधक रही है धड़कने धधक रहा सारा जहां ये तो बता तू ओ मेरे मन ... 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 कैसा ये कैसा बन रहा है ये जहां ना मन में है लगन ना मन में है उमंग हर किसी की जुबां पे है कटू व्यंग कैसा ये कैसा हो रहा अट्ठाहस है
read moreसोमेश त्रिवेदी
धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल, उठ रहा धुआँ धुआँ बज रही हैं घंटियाँ, शांत है हृदय यहाँ शून्य सी है चेतना, शून्य सा ये व्योम है शून्य शक्ति है सबल, धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल। #NojotoQuote बड़े दिनों के बाद पुनः उपस्थित हूँ... अपनी नई रचना के साथ 🙏🙏🙏🙏 👇👇👇👇👇👇👇👇 धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल, उठ रहा धुआँ धुआँ
बड़े दिनों के बाद पुनः उपस्थित हूँ... अपनी नई रचना के साथ 🙏🙏🙏🙏 👇👇👇👇👇👇👇👇 धधक रहा चिता अनल अनल की ज्वाला है प्रबल, उठ रहा धुआँ धुआँ
read moreBrijendra Dubey 'Bawra,
है अपने सीने की आग में वो धधक कि अदना से काठ को भस्म बना दे! वो नादान सोचता रहा कि मुझे जला कर खाक कर देगा!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #NojotoQuote है अपने सीने की आग में वो धधक कि अदना से काठ को भस्म बना दे! वो नादान सोचता रहा कि मुझे जला कर खाक कर देगा!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #bawraspoetry #NojotoHindi #NojotoShairy #आग #धधक #अदना #काठ #भस्म #नादान #खाक Satyaprem Internet Jockey Dr Ashish_Vats Supriya Pandey Priya Neet Shukla
है अपने सीने की आग में वो धधक कि अदना से काठ को भस्म बना दे! वो नादान सोचता रहा कि मुझे जला कर खाक कर देगा!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #bawraspoetry Hindi #nojotoshairy #आग #धधक #अदना #काठ #भस्म #नादान #खाक Satyaprem Internet Jockey Dr Ashish_Vats Supriya Pandey Priya Neet Shukla
read moreBrijendra Dubey 'Bawra,
तेरी इस कायर हरकत पर हर दया-धर्म अनुचित होगा इस जघन्य-अक्षम्य अपराध से तो साधुभाव भी कुंठित होगा! लाखों दिल की प्रतिशोधी ज्वालायें धधक-धधक लहरायेंगी पाक तेरी नापाक हरकतें तुझे कण-कण राख बनायेंगी!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #NojotoQuote #पुलवामा का बदला तेरी इस कायर हरकत पर हर दया-धर्म अनुचित होगा इस जघन्य-अक्षम्य अपराध से तो साधुभाव भी कुंठित होगा! लाखों दिल की प्रतिशोधी ज्वालायें धधक-धधक लहरायेंगी पाक तेरी नापाक हरकतें तुझे कण-कण राख बनायेंगी!! Satyaprem Internet Jockey Madhavi Choudhary Dr Ashish_Vats Manoj Kumar #bawraspoetry #pulwamaattack #NojotoHindi
#पुलवामा का बदला तेरी इस कायर हरकत पर हर दया-धर्म अनुचित होगा इस जघन्य-अक्षम्य अपराध से तो साधुभाव भी कुंठित होगा! लाखों दिल की प्रतिशोधी ज्वालायें धधक-धधक लहरायेंगी पाक तेरी नापाक हरकतें तुझे कण-कण राख बनायेंगी!! Satyaprem Internet Jockey Madhavi Choudhary Dr Ashish_Vats Manoj Kumar #bawraspoetry #PulwamaAttack Hindi
read moreParul Sharma
बिखर रहा है कण-कण में तिरंगे का रंग महक रही है साँसों में माटी की सुगंध धड़क रही है दिलों में देश प्रेम की उमंग वर्ग वर्ण जाती धर्म हम सब हैं एक संग धधक रही है रग-रग में कुर्बानी की जंग पारुल शर्मा #gif बिखर रहा है कण-कण में तिरंगे का रंग महक रही है साँसों में माटी की सुगंध धड़क रही है दिलों में देश प्रेम की उमंग वर्ग वर्ण जाती धर्म हम सब हैं एक संग धधक रही है रग-रग में कुर्बानी की जंग पारुल शर्मा #बिखर#कण#तिरंगा#रंग#महक#साँसें#माटी#सुगंध#धड़क#दिल#देश#प्रेम#उमंग#वर्ग#वर्ण#जाती#धर्म#सब#संग#धधक#रग#कुर्बानी#जंग #2liner #nojotohindi#nojoto#nojotoquotes#nojotoofficial#hindi#shayari#hindipoetry#poetry#sher#हिन्दीकविता#शेर#शायरी#कविता#रचना#h#kavishala#hindipoet#TST#Kalakash#Faiziqbalsay#motivation#
बिखर रहा है कण-कण में तिरंगे का रंग महक रही है साँसों में माटी की सुगंध धड़क रही है दिलों में देश प्रेम की उमंग वर्ग वर्ण जाती धर्म हम सब हैं एक संग धधक रही है रग-रग में कुर्बानी की जंग पारुल शर्मा #बिखर#कण#तिरंगा#रंग#महक#साँसें#माटी#सुगंध#धड़क#दिल#देश#प्रेम#उमंग#वर्ग#वर्ण#जाती#धर्म#सब#संग#धधक#रग#कुर्बानी#जंग #2liner #nojotohindinojotos#nojotoofficial#Hindi#Shayari#hindipoetry#Poetry#sher#हिन्दीकविता#शेर#शायरी#कविता#रचना#h#kavishala#hindipoet#TST#kalakash#Faiziqbalsay#Motivation#
read moreChoubey_Jii
धधक धधक कर जल उठी ज्ञान की ये पोथियाँ अनपढ़ सजाए बैठे हैं इन पर जुल्मों की कोठियाँ दिल जला, आंचल जला, राख हुई माँ की लोरियां माँ भारती सहम गई, देख बिखरी हुई ये धज्जियां सुना विकास के आड़े आईं थीं गरीबो की कुछ बस्तियाँ चूल्हा जलाने घर आए और राख कर गए वो झुग्गियां अब आतंकी राग बजेगा राजनीति का मंडप सजेगा कोई हिन्दू को दोष देगा कोई मुस्लिम पर दाग मढ़ेगा चारसूं मशहूर होगी तबाही और तबाही का ये मंजर फिर लोग फिरेंगे लेकर हाथों में तलवारें और खंजर अभी तो जिस्म जला है आबरू भी उतारी जाएगी रूको रूको अभी तो इस पर राजनीति खेली जाएगी #चौबेजी #चौबेजी #नज़्म #नोजोटो #nojotohindi #nojoto #poem