Find the Best सहती Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutखुशियाँ और गम सहती है, सहती का मतलब, सहती,
Balvinder singh
रातें होकर चुप कितना कुछ सहती है ये रातें अब बहूत हुआ इनको भी करनी है कुछ बातें न जानें कितने गुन्हा छुपे है इसकी चुप्पी में फिर भी सब कुछ दाबे है ये अपनी मुट्ठी में इसने इंसानो के असली चेहरे देखे है, महफ़ूजो की रक्षा में लगे यहाँ पहरे देखे है, मासूमों के घाव ये गहरे देखे है, होकर चुप कितना कुछ सहती है ये रातें अब बहूत हुआ इनको भी करनी है कुछ बातें चुप रहने की भी एक सीमा होती है, अब मिले ज़ुबाँ इस रात को, बस यही फरियाद में कहती है।। रातें । ©©©©©©©©©©© • • • • • #सच_से_अधिक_कुछ_नही
रातें । ©©©©©©©©©©© • • • • • #सच_से_अधिक_कुछ_नही
read moreराणा नवीन सिंह
2 Years of Nojoto बहुत कुछ आता है फिर आप कहती क्यों नही देना जानती हो ज़ख्म पर ये सहती क्यों नही।। - राणा..✍ #बहुत #कुछ आता है फिर #आप कहती क्यों #नही देना जानती हो #ज़ख्म पर ये #सहती #क्यों नही#free_quote #keep_support #must_read_everyone #keep_sharing #keep_like_comment #most_popular_shayari #letest_update #love_shayari #breakup_shayari #hindi_poem #hindi_poetry
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read moreराणा नवीन सिंह
2 Years of Nojoto बहुत कुछ आता है फिर आप कहती क्यों नही देना जानती हो ज़ख्म पर ये सहती क्यों नही।। - राणा..✍ #बहुत #कुछ आता है फिर #आप कहती क्यों #नही देना जानती हो #ज़ख्म पर ये #सहती #क्यों नही#free_quote #keep_support #must_read_everyone #keep_sharing #keep_like_comment #most_popular_shayari #letest_update #love_shayari #breakup_shayari #hindi_poem #hindi_poetry
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read moreRam N Mandal
ख़ामोश मैं खामोश हो के सहती रही । वो ज़ुल्म पे ज़ुल्म करता रहा । बचपन से सिखती थी घर में, आदत वही थी चुप रहने की । वो कुछ न कुछ बोलता रहा । मैं खामोश हो के सहती रही । थोड़ी सी क्या आवाज़ उठाई ! कुछ तो बदचलन बोल दिया ! घर वालों ने बेशर्म कह दिया । पर क्यों की थी आवाज बुलंद, ये पुरुष प्रधान देश मेरी कहाँ सुनी । अंत मे अपनी ही गलती समझी । मैं खामोश हो के सहती रही । Ram N Mandal Main khamosh ho ke sahati rhi. Vo zulm pe zulm karta rha. Bachapan se sikhati thi ghar me. Aadat vahi thi chup rahne ki. Vo kuchh n kuchh bolta rha. Main khamosh ho ke sahati rhi. Thodi si kya avaj uthaee.
Main khamosh ho ke sahati rhi. Vo zulm pe zulm karta rha. Bachapan se sikhati thi ghar me. Aadat vahi thi chup rahne ki. Vo kuchh n kuchh bolta rha. Main khamosh ho ke sahati rhi. Thodi si kya avaj uthaee.
read moreAjay Shukla
मम्मी ऐसा क्यों करती हैं ? मम्मी ऐसा क्यों करती हैं सबसे पहले क्यों जगती हैं, क्यों काम सभी के वो करती हैं मना नहीं क्यों वो करती हैं, सभी को खुश वो क्यों रखती हैं गुस्सा क्यों वो नहीं करती हैं, इक छोटी सी गलती पे वो डांट सभी के क्यों सहती हैं, कभी कभी बिन कारण के पापा की मार भी क्यों सहती हैं, क्यों वो सबकुछ सहती हैं फिर भी चुप क्यों वो रहती हैं, ज्यादा होता ये सब तो वो अकेले में क्यों रो लेती हैं। Pakhi Gupta, Savita Veer, Sandhya Jhummi, Kalpana Kumari
Pakhi Gupta, Savita Veer, Sandhya Jhummi, Kalpana Kumari
read moreAbhishek Mishra
सुबह सवेरे कोई खबर छपती है कोई लाड़ो फिर रोती है वो नन्ही सी जान कितना कुछ सहती है नम नैनो से उसके अश्रु की धारा बहती है क्यों भेजा दुनिया जो इतना बह सहती है देख यहाँ हवस के बाजीगर वो फिर रोती है क्यों खिलने से पहले फूल सी मुरझाती है क्यों खिलने से पहले वो तोड़ दी जाती है #prayfortwinkle #savegril #savedaughter
#prayfortwinkle #savegril #savedaughter
read moredimple rathore
नारी, हाय! कितनी बेचारी है तू, रिश्तों के बन्धन में खुद को बांधे रखती है।। लोग क्या कहेंगे बस इसी से बचती है।। पग पग पे लोगो ने ही तुझे आजमाया है।। कभी बहन कभी पत्नी और कभी मां बस इसी रूप में तुझे बनाया है। बहन मेरी भी है नारी! पर मै तुझ सा शौर्यवान नहीं।। अगर मैंने अपना पोरूष तुझ पे ना दिखाया तो मैं मर्दान नहीं।। पत्नी मेरी भी है नारी पर वो परदे में रहती है।। तूने अनुमति दी है अपनी वेशभूषा से, मेरी सोच मुझसे यही कहती है।। तू नारी है सब सहती है देख जरा ये तेरी बनाई दुनिया तुझ से क्या क्या कहती है।। मै नारी हूं सब सहती हूं मै मोंन हूं कुछ नहीं कहती हूं।। मेरे बच्चो में है ममता मेरी,इस ममता से मेरी पहचान है।। बेस्क जलु आग में बस बच्चे मेरे भूखे ना रहे, बच्चो में बसती मेरी जान है।। मै मां हूं निश्छल निकपट निस्वार्थ बस इसी से मेरी पहचान है।।
Hěâřť Løčķəř Ñêêřãj
जननी औरत से है यह दुनिया सारी फिर भी यह ग़ुलामी सहती है, औरत के लिए है जीना सजा फिर भी वह जीए जा रही है, औरत संसार की किस्मत है फिर भी किस्मत की मारी है, औरत आज भी ज़िंदा जलती है, फिर भी कहलाती वह क़ुरबानी है, औरत के लिए रोना खता है फिर भी वह हर ज़ुल्म सहती है, औरत ने जनम दिया मर्दों को फिर भी वह कहलाती पैरों की जूती है!!!! Heart locker Neeraj
कवि मनोज कुमार मंजू
माँ तो माँ है माँ तो माँ है माँ सा कौन हर दुख सहती रहकर मौन जिसकी आशाओं का दीपक मुझमें ही अब जलता है जिसकी आंखों का हर सपना मेरी आंख में पलता है नहीं पूजता मंदिर मस्जिद न टेकूं गुरुद्वारे को कदमों में बस झुक जाता हूं जब भी निकलूं द्वारे को न मैं पढ़ता रामायण न सीखा है गीता का सार माँ की आंखों से दुनिया को पढ़ लेता हूं बारम्बार उसके आंचल में बसते हैं दुनिया के ये चारों धाम माँ तो माँ है माँ सा कौन हर दुख सहती रहकर मौन जिसके कारण दृग खोले इस दुनिया में मैं आया हूं जिसके आंचल ने सींचा तब दो पग चलने पाया हूं उस जननी के त्यागों का कैसे मैं मोल चुकाऊंगा उसका हो अपमान अगर तो जीते जी मर जाऊंगा न मैं फेरूं मनका मनका न जपता मैं प्रभु का नाम मैं तो बस रटता रहता हूं अपनी मां का प्यारा नाम माँ रोये तो इस जग में फिर बोलो सुखी रहा है कौन माँ तो माँ है माँ सा कौन हर दुख सहती रहकर मौन ~ मनोज कुमार "मंजू" मैनपुरी, उत्तर प्रदेश #manojkumarmanju #manju #hindipoems
#manojkumarmanju #Manju #hindipoems
read morePraval Gupta
कोई हमारा भी था सायद ये कल की ही तो बात है,, ये वक़्त हमारा भी था,, ये हवाए हमारी थी,, ये पेड़ हमारे थे,, ये पत्तियाँ भी हमारी थी.. हाँ कल की ही तो बात है….. बेमौसम बरसात भी हमारे लिए आती थी,, वो धूप का साया भी हमारी परछाईं दिखाता था,, वो धुन भी हमारे लिए गाती थी… हाँ कल की ही तो बात है,....
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