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Best अत्यंत Shayari, Status, Quotes, Stories

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कवि प्रदीप वैरागी

कोरोना:मास्क का करें सही निस्तारण MONIKA SINGH $ubha$"शुभ" डॉ.अजय मिश्र anddy dubey Soniya Sharma

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#अत्यंत आवश्यक मैसेज#

जैसा कि सब लोग CORONA से बचने के लिए MASK का उपयोग कर रहे हैं (बहुत अछि बात है ) परंतु आप सभी से अनुरोध है कृपया इन काम मे लिए गए MASKS को जलाकर या दफना के इसको Dispose करें अन्यथा इस से होने वाली त्रासदी इतनी भयंकर होने वाली है जिसका अंदाज नही लगा सकते क्योंकि यह काम में लिए हुए MASK यदि किसी पशु या जानवर ने गलती से खा लिया और यह बीमारी यदि पशुओ में या जानवरों में फैल गयी तो फिर किसी भी देश की सरकार या medical team इसकी भयानक महामारी को रोक नही सकेंगे

अतः कृपया अपने मास्क को उपयोग के बाद जला दें या मिट्टी में दबा के खत्म कर देवें

और इस मैसेज को अधिक से अधिक सब लोगों को समझाएं और बताये और आगे भेजें कोरोना:मास्क का करें सही निस्तारण  MONIKA SINGH $ubha$"शुभ" डॉ.अजय मिश्र anddy dubey Soniya Sharma

Mukesh Dixit

#अत्यंत दुःखद! #ऑस्ट्रेलिया के जंगल में 50 करोड़ जानवरों की मौत विश्व की सबसे दुःखद घटना!!

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 #अत्यंत दुःखद!
#ऑस्ट्रेलिया के जंगल में 50 करोड़ जानवरों की मौत विश्व की सबसे दुःखद घटना!!

tehzibasheikh👩‍💻

tehzibasheikhnozato my

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.·:*¨༺ ༻¨*:·
    कुदरती🗺 खानपान 
            🍒🍉🍎🥕🍆🍓🍌🍍🥝
  *+:。.。  。.。:+*
            कुदरती खानपान का मतलब है 
        प्रकृति 🗺द्वारा दी गई चीज़ों को उसी 😃तरह खाना, 
╭────────────────╮  ║
 *तुलसी🌱 के पत्ते उबालकर बनाई गई ☕चाय फायदेमंद है
*दूध,🍶नारियल पानी और 🍒फलों के 🍷रस का नियमित सेवन करें।
*घी🏺 अत्यंत उपयोगी है। घी खाने से💪 हड्डियां मजबूत होती हैं।
 *पालक, ☘चुकंदर🌰, बादाम, 🥜अंजीर खाना फायदेमंदहै।  
     * सूखे मेवे,  dry frute  * शहद, hany *घृतकुमारी (एलोवेरा) elovers *आंवले से बने पदार्थ जैसे मुरब्ब
 ║ malnutritionकुपोषण दूर करने के लिए 
          प्राकृतिक🗺 आहार को अत्यंत ☃️महत्व
             दिया गया है। 
╰────────────────╯  ║ tehzibasheikhnozato my

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

अभी पाठन कीजिए मेरे नवीनतम ब्लॉग का और जानिए मेरी आगामी कृति से सम्बंधित कुछ रोमाचक जानकारियां आपकी अपनी साइट vikrantrajliwal.com पर। एक अत्यंत ही दर्दभरा नाटक एक रोमांचक कहानी। (आगामी कृति) नमस्कार है मेरे सभी प्रिय पाठकों एव मित्रजनों, जैसा की मैंने आपको पहले भी सूचित किया है परंतु मुझ को ऐसा आभास हो रहा है कि वह समय भी आ गया जब मुझ को एक बार पुनः आप सब को सूचित करना पड़ेगा कि मेने वर्ष 2016 के शुरुआती दौर में एक अत्यंत ही दर्द से भरी, रोमांचक एव जीवन के हर रंग को प्रस्तुत करती एक कहानी एक ना

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2 Years of Nojoto अभी पाठन कीजिए मेरे नवीनतम ब्लॉग का और जानिए मेरी आगामी कृति से सम्बंधित कुछ रोमाचक जानकारियां आपकी अपनी साइट vikrantrajliwal.com पर।

एक अत्यंत ही दर्दभरा नाटक एक रोमांचक कहानी। (आगामी कृति)

नमस्कार है मेरे सभी प्रिय पाठकों एव मित्रजनों, जैसा की मैंने आपको पहले भी सूचित किया है परंतु मुझ को ऐसा आभास हो रहा है कि वह समय भी आ गया जब मुझ को एक बार पुनः आप सब को सूचित करना पड़ेगा कि मेने वर्ष 2016 के शुरुआती दौर में एक अत्यंत ही दर्द से भरी, रोमांचक एव जीवन के हर रंग को प्रस्तुत करती एक कहानी एक नाटक पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया था एव लगातार कार्य करते हुए कुछ ही महीनों में मैने अपनी उस प्रथम कहानी उस नाटक को लगभग 85 % पूरा कर दिया था। परंतु उसी समय मुझ को मास्टर ऑफ मास कोमनिकेशन एव डिप्लोमा की पढ़ाई करनी पड़ी। … [ 356 more words ]
http://vikrantrajliwal.com/2019/08/17/ अभी पाठन कीजिए मेरे नवीनतम ब्लॉग का और जानिए मेरी आगामी कृति से सम्बंधित कुछ रोमाचक जानकारियां आपकी अपनी साइट vikrantrajliwal.com पर।

एक अत्यंत ही दर्दभरा नाटक एक रोमांचक कहानी। (आगामी कृति)

नमस्कार है मेरे सभी प्रिय पाठकों एव मित्रजनों, जैसा की मैंने आपको पहले भी सूचित किया है परंतु मुझ को ऐसा आभास हो रहा है कि वह समय भी आ गया जब मुझ को एक बार पुनः आप सब को सूचित करना पड़ेगा कि मेने वर्ष 2016 के शुरुआती दौर में एक अत्यंत ही दर्द से भरी, रोमांचक एव जीवन के हर रंग को प्रस्तुत करती एक कहानी एक ना

Ankita Saxena

#sakhi..

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एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद,
श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।

दूध ज्यदा गरम होने के कारण 
श्री कृष्ण के हृदय में लगा
और
उनके श्रीमुख से निकला-
" हे राधे ! "

सुनते ही रुक्मणी बोली-
प्रभु !
ऐसा क्या है राधा जी में,
जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है ?

मैं भी तो आपसे अपार प्रेम करती हूँ...
फिर भी,
आप हमें नहीं पुकारते !!

श्री कृष्ण ने कहा -देवी !
आप कभी राधा से मिली हैं ?
और मंद मंद मुस्काने लगे...

अगले दिन रुक्मणी राधाजी से मिलने उनके महल में पहुंची ।

राधाजी के कक्ष के बाहर अत्यंत खूबसूरत स्त्री को देखा...
और,
उनके मुख पर तेज होने कारण उसने सोचा कि-
ये ही राधाजी है और उनके चरण छुने लगी !

तभी वो बोली -आप कौन हैं ?

तब रुक्मणी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया...

तब वो बोली-
मैं तो राधा जी की दासी हूँ।

राधाजी तो सात द्वार के बाद आपको मिलेंगी !!

रुक्मणी ने सातो द्वार पार किये...
और,
हर द्वार पर एक से एक सुन्दर और तेजवान दासी को देख सोच रही थी क़ि-
अगर उनकी दासियाँ इतनी रूपवान हैं...
तो,
राधारानी स्वयं कैसी होंगी ?

सोचते हुए राधाजी के कक्ष में पहुंची...

कक्ष में राधा जी को देखा-
अत्यंत रूपवान तेजस्वी जिसका मुख सूर्य से भी तेज चमक रहा था।
रुक्मणी सहसा ही उनके चरणों में गिर पड़ी...

पर,
ये क्या राधा जी के पुरे शरीर पर तो छाले पड़े हुए है !

रुक्मणी ने पूछा-
देवी आपके  शरीर पे ये छाले कैसे ?

तब राधा जी ने कहा-
देवी !
कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया...
वो ज्यदा गरम था !

जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए...
और,
उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है..!!

इसलिए कहा जाता है-

बसना हो तो...
'ह्रदय' में बसो किसी के..!

'दिमाग' में तो..
लोग खुद ही बसा लेते है!!! #sakhi..

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

नमस्कार प्रिय मित्रों, माँ का दिल। काव्य-कविता मेरे द्वारा लिखित एव मेरी ब्लॉग साइट vikantrajliwal.com पर प्रकाशित एक अत्यंत ही ममतामई काव्य रचना है। जिसको मैने कुछ समय पूर्व एक सोशल मंच जिसका सार्वजनिक रूप से नाम ले कर मैं उनको कोई दोष नही देना चाहूंगा, जो कि कवियोँ एव शायरों को अपनी रचनाए सुनाने का एक अवसर प्रदान करता है के ओडिशियन के रूप में अपनी यह voice रिकोर्डिन के साथ अपने ह्रदय के अत्यंत ही समीप विराजमान अपनी इस ममतामई काव्य रचना को प्रस्तुत किया था। परंतु जब तय समय सीमा के उपरांत भी उन

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 नमस्कार प्रिय मित्रों, माँ का दिल। काव्य-कविता मेरे द्वारा लिखित एव मेरी ब्लॉग साइट vikantrajliwal.com पर प्रकाशित एक अत्यंत ही ममतामई काव्य रचना है। जिसको मैने कुछ समय पूर्व एक सोशल मंच जिसका सार्वजनिक रूप से नाम ले कर मैं उनको कोई दोष नही देना चाहूंगा,  जो कि कवियोँ एव शायरों को अपनी रचनाए सुनाने का एक अवसर प्रदान करता है के ओडिशियन के रूप में अपनी यह voice रिकोर्डिन के साथ अपने ह्रदय के अत्यंत ही समीप विराजमान अपनी इस ममतामई काव्य रचना को प्रस्तुत किया था। परंतु जब तय समय सीमा के उपरांत भी उन

Atul Sharma

*सुविचार* *Date-23/5/19* *Day-Thursday* कहते हैं यदि भाग्य साथ ना हो.... यदि "भाग्य" ही "खराब" हो... तो "मिठी" नदी का "पानी" 🥤 भी "खारा" बन जाता है.... ये बात "अनुचित" हैं...हर बात के लिए "भाग्य" को "दोष" देना "अनुचित" हैं,?.. हर "अनहोनी" का कारण "जीवन" में "भाग्य" नहीं हो सकता, कई बार वो हमारी "असावधानी" भी होती हैं, "सावधान" रहना" अत्यंत" आवश्यक हैं.... हम आने वाले "संकट" के लिए "सावधान" नहीं रहते... "शरीर" को" सजग नहीं रखते...." अचानक" "संकट" हमारे "समक्ष" आ जाता हैं हम स्वयं को "संभाल" न

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*सुविचार*
*Date-23/5/19*
*Day-Thursday*


कहते हैं यदि भाग्य साथ ना हो.... यदि "भाग्य" ही "खराब" हो... तो "मिठी" नदी का "पानी" 🥤 भी "खारा" बन जाता है.... ये बात "अनुचित" हैं...हर बात के लिए "भाग्य" को "दोष" देना "अनुचित" हैं,?.. हर "अनहोनी" का कारण "जीवन" में "भाग्य" नहीं हो सकता, कई बार वो हमारी  "असावधानी" भी होती हैं, "सावधान" रहना" अत्यंत" आवश्यक हैं....
हम आने वाले "संकट" के लिए "सावधान" नहीं रहते... "शरीर" को" सजग  नहीं रखते...." अचानक" "संकट" हमारे "समक्ष" आ जाता हैं हम स्वयं को "संभाल" नहीं पाते... इस"परिस्थिति" में हम" हार" जाते हैं...
" सावधानी रखना" अत्यंत आवश्यक है... जब आप किसी "अंजान" "राह" पर निकलते हैं तो सर्वप्रथम अपना एक पेर अपनी"धरा" पर जमाएं, और दूसरे  "पैर" से आने वाली" भूमि" का "आंकलन" करना...
 ये "समझदारी" हैं...."सावधान" का अर्थ हैं... आने वाले" भविष्य" का" आंकलन" करना, क्योंकि चाहे" कुछ" भी कर लो, आप "भविष्य" को तो देख नही सकते किन्तु यदि आपके "भविष्य" में "संकट" ही लिखा हैं, तो आने दिजिये... उस "संकट" का "सामना" करने के लिए आप"सावधानी की ढाल" का तो उपयोग कर सकते हैं......

Bý-Åťüľ Şhãřmå🖊️🖋️✨✨✨ *सुविचार*
*Date-23/5/19*
*Day-Thursday*


कहते हैं यदि भाग्य साथ ना हो.... यदि "भाग्य" ही "खराब" हो... तो "मिठी" नदी का "पानी" 🥤 भी "खारा" बन जाता है.... ये बात "अनुचित" हैं...हर बात के लिए "भाग्य" को "दोष" देना "अनुचित" हैं,?.. हर "अनहोनी" का कारण "जीवन" में "भाग्य" नहीं हो सकता, कई बार वो हमारी  "असावधानी" भी होती हैं, "सावधान" रहना" अत्यंत" आवश्यक हैं....
हम आने वाले "संकट" के लिए "सावधान" नहीं रहते... "शरीर" को" सजग  नहीं रखते...." अचानक" "संकट" हमारे "समक्ष" आ जाता हैं हम स्वयं को "संभाल" न

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 ||श्री हरिः|| 6 - भगवत्प्राप्ति 'मनुष्य जीवन मिला ही भगवान को पाने के लिए है। संसार भोग तो दूसरी योनियों में भी मिल सकते हैं। मनुष्य में भोगों को भोगने की उतनी शक्ति नहीं, जितनी दूसरे प्राणियों में है।' वक्ता की वाणी में शक्ति थी। उनकी बातें शास्त्रसंगत थी, तर्कसम्मत थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था जो उनके प्रत्येक शब्द को सजीव बनाये दे रहा था। 'भगवान को पाना है - इसी जीवन में पाना है।भगवत्प्राप्ति हो गई तो जीवन सफल हुआ और न हुई तो मह

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

||श्री हरिः||
6 - भगवत्प्राप्ति

'मनुष्य जीवन मिला ही भगवान को पाने के लिए है। संसार भोग तो दूसरी योनियों में भी मिल सकते हैं। मनुष्य में भोगों को भोगने की उतनी शक्ति नहीं, जितनी दूसरे प्राणियों में है।' वक्ता की वाणी में शक्ति थी। उनकी बातें शास्त्रसंगत थी, तर्कसम्मत थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था जो उनके प्रत्येक शब्द को सजीव बनाये दे रहा था। 'भगवान को पाना है - इसी जीवन में पाना है।भगवत्प्राप्ति हो गई तो जीवन सफल हुआ और न हुई तो मह

ittu Sa

इत्तु सा पैग़ाम diduuuu के नाम। #Nojoto #breakingNews #masti #Quotes 😂😈😜इत्तु सी मस्ती breaking news के साथ।😜😈😂 गौर से देखये इस अत्यंत खूंखार तूफ़ानी मोहतरमा ,जी हाँ ये तूफ़ानी मोहतरमा खाने की तरह हमें भी पका देती हैं। कभी हमारा राइट तो कभी हमारी दाल बना देती हैं। सब्जियों से रिश्ता गहरा जोड़ कर उनका भरत मिलाप कराती हैं। यहाँ हम भूखे मरते हैं और वहाँ इनका भरत मिलाप चलता हैं। हमसे कभी पूछा नहीं और अपनी प्यार सब्जियों को फौरन घूमाने ले जाती हैं। गौर से देखये हमारी तूफ़ानी मोहतरमा खूनी हैं ,जी हाँ जब

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😂😈😜इत्तु सी मस्ती breaking news के साथ।😜😈😂
गौर से देखये इस अत्यंत खूंखार तूफ़ानी मोहतरमा ,जी हाँ ये तूफ़ानी मोहतरमा खाने की तरह हमें भी पका देती हैं। कभी हमारा राइट तो कभी हमारी दाल बना देती हैं। सब्जियों से रिश्ता गहरा जोड़ कर उनका भरत मिलाप कराती हैं। यहाँ हम भूखे मरते हैं और वहाँ इनका भरत मिलाप चलता हैं। हमसे कभी पूछा नहीं और अपनी प्यार सब्जियों को फौरन घूमाने ले जाती हैं। गौर से देखये हमारी तूफ़ानी मोहतरमा खूनी हैं ,जी हाँ जब अत्यंत खूंखार तूफ़ानी मोहतरमा को आता हैं गुस्सा तब सब्जियों का कटता हैं गाला। सब्जियों के कटे गाले को देख आते हैं आँखों से आँसू ,पापा के कंधते को आँसुओ से साथ साथ makeup से भी लाल-पर्पल बना देती हैं। जी हैं अत्यंत खूंखार तूफ़ानी मोहतरमा सब को हलाल करती हैं। इत्तु सा पैग़ाम diduuuu के नाम। 
#nojoto #breakingnews #masti #quotes
😂😈😜इत्तु सी मस्ती breaking news के साथ।😜😈😂

गौर से देखये इस अत्यंत खूंखार तूफ़ानी मोहतरमा ,जी हाँ ये तूफ़ानी मोहतरमा खाने की तरह हमें भी पका देती हैं। कभी हमारा राइट तो कभी हमारी दाल बना देती हैं। सब्जियों से रिश्ता गहरा जोड़ कर उनका भरत मिलाप कराती हैं। यहाँ हम भूखे मरते हैं और वहाँ इनका भरत मिलाप चलता हैं। हमसे कभी पूछा नहीं और अपनी प्यार सब्जियों को फौरन घूमाने ले जाती हैं। गौर से देखये हमारी तूफ़ानी मोहतरमा खूनी हैं ,जी हाँ जब

Anil Siwach

||श्री हरिः|| 6 - भगवत्प्राप्ति 'मनुष्य जीवन मिला ही भगवान को पाने के लिए है। संसार भोग तो दूसरी योनियों में भी मिल सकते हैं। मनुष्य में भोगों को भोगने की उतनी शक्ति नहीं, जितनी दूसरे प्राणियों में है।' वक्ता की वाणी में शक्ति थी। उनकी बातें शास्त्रसंगत थी, तर्कसम्मत थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था जो उनके प्रत्येक शब्द को सजीव बनाये दे रहा था। 'भगवान को पाना है - इसी जीवन में पाना है।भगवत्प्राप्ति हो गई तो जीवन सफल हुआ और न हुई तो महान हानि हुई।' प्रवचन समाप्त हुआ। लोगों

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||श्री हरिः||
6 - भगवत्प्राप्ति

'मनुष्य जीवन मिला ही भगवान को पाने के लिए है। संसार भोग तो दूसरी योनियों में भी मिल सकते हैं। मनुष्य में भोगों को भोगने की उतनी शक्ति नहीं, जितनी दूसरे प्राणियों में है।' वक्ता की वाणी में शक्ति थी। उनकी बातें शास्त्रसंगत थी, तर्कसम्मत थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था जो उनके प्रत्येक शब्द को सजीव बनाये दे रहा था। 'भगवान को पाना है - इसी जीवन में पाना है।भगवत्प्राप्ति हो गई तो जीवन सफल हुआ और न हुई तो महान हानि हुई।' 

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