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Mansi Jain

#छलावा #Mann #रास्ते #मनकी बात मन में रखिए #कहिए न किसी ओर से🤫 यहां हर रास्ते में बिछे हैं #छलावे के जाल😈

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mansi jain #छलावा #Mann #रास्ते  
#मनकी बात मन में रखिए #कहिए न किसी ओर से🤫
यहां हर रास्ते में बिछे हैं #छलावे
के जाल😈

Hinduism sanatan dharma

🌷चीन को ना कहिए🌷

१.चायना को, चाय ना
कोरोना को, करो ना
चायना को, करो ना
घर के अंदर रहो ना
मास्क मुंह पे पहनो ना
सुरक्षित सब रहो ना
🌷🌷🌷🌷🌷
२.हंता  को, करो ना
हंता से  तुम, संता 
अब बिल्कुल बनो ना
हंता और कोरोना को,
अब तुम करो ना
🙋🌸💗💖🌷🌷
कवि रामकृष्ण प्रजापति प्रेमी #चीन को #ना #कहिए

Ajay Kumar

#ishq

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इश्क़ का अंजाम इस इश्क एक ऐसा खतरनाक शब्द कहिए जुनून कहिए या बर्बादी का लक्षण कहिए एक है इश्क बस इतना ही हो ना कि हम पूरे विश्व में अपनी शान और शौकत का धनिया ना हो जाए। #ishq

विलुप्त आवाज़

चलो ये तो सलीका है बुरे को मत बुरा कहिए मगर उनकी तो ये ज़िद है हमें तो अब ख़ुदा कहिए सलीकेमन्द लोगों पे यूँ ओछे वार करना भी सरासर बदतमीज़ी है इसे मत हौसला कहिए तुम्हारे दम पै जीते हम तो यारों कब के मर जाते अगर ज़िंदा हैं क़िस्मत से बुजुर्गों की दुआ कहिए

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आमने-सामने चलो ये तो सलीका है बुरे को मत बुरा कहिए
मगर उनकी तो ये ज़िद है हमें तो अब ख़ुदा कहिए

सलीकेमन्द लोगों पे यूँ ओछे वार करना भी
सरासर बदतमीज़ी है इसे मत हौसला कहिए

तुम्हारे दम पै जीते हम तो यारों कब के मर जाते
अगर ज़िंदा हैं क़िस्मत से बुजुर्गों की दुआ कहिए
#अज़ीज़_आज़ाद चलो ये तो सलीका है बुरे को मत बुरा कहिए
मगर उनकी तो ये ज़िद है हमें तो अब ख़ुदा कहिए

सलीकेमन्द लोगों पे यूँ ओछे वार करना भी
सरासर बदतमीज़ी है इसे मत हौसला कहिए

तुम्हारे दम पै जीते हम तो यारों कब के मर जाते
अगर ज़िंदा हैं क़िस्मत से बुजुर्गों की दुआ कहिए

Pratik Raj

पुरानी  यादें आज भी, आप जैसो के लिए इसमें रखा कुछ भी नहीं
लेकिन ऐसा तो ना कहिए कि वफा कुछ भी नहीं
 
आप कहिए तो निभाते चले जायेगे मगर
इस तालुक में अजियात के सिवाय कुछ भी नही

मैं किसी तरह भी समझौता नहीं कर सकता
या तो सब कुछ ही मुझे चाहिए या कुछ भी नहीं

अब मैं क्या अपनी मोहब्बत का भर्म भी ना रखु
मान लेता हूं उस शक्स में था कुछ भी नहीं
P.राज #puraniyaadein

D.P. Singh

मेरी बंदगी

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तमन्ना सरपरस्ती की, दौर-ए-जरपरस्ती में ! 
इसे ना खुदकुशी कहिए,भला फिर और क्या कहिए।
शुकर है हौसला बाकी, बहुत कुछ हार जाने का,
इसे ना बंदगी कहिए, भला फिर और क्या कहिए ।। मेरी बंदगी

Ati

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क्या मद्द-ऐ-नज़र है यारों से तो कहिए 

गर मुँह से नहीं कहते, इशारों से तो कहिए

Ajay Bishwas

# माँ–----रिश्ते का इमाम

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माँ को रिश्ते का इमाम कहिए
माँ के बाद ही राम का नाम कहिए # माँ–----रिश्ते का इमाम

DM_MALVIYA

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#OpenPoetry मोहब्बत कहिए या, भरोसा कहिए जनाब,
उसकी हर बात पर, आमीन कहा मैंने....

Ajit Mishra

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ये तरतीब ये तमाशा क्या कहिए!
जिंदगी तैरे हिस्सों में बेहिसाब दौलत,
कहीं ख़वाब तो कहीं हसरतों का तूफ़ां।
मैरै हिस्सों में है बुझता दिया क्या कहिए।
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