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Ajay Shukla
तुम समझ सको ना मुझको इस बात का मलाल कब था तुमने मुझे गलत समझा इस बात की ठेस जरूर है। *अजेय* #खरी बात@ kriSSWrites Jugaadi Jat Sanju Verma status_boy_4 Er. kr.sri S.P Yadav
Sharmila'S Diary
थोडीशी जादू थोडीशी धुंदी थोडीशी नशा थोडीशी सजा ही आहे खरी प्रेमाची मजा #uwots #Love #प्रेम #जादू #धुंदी #नशा #सजा #खरी #प्रेमाचीमजा #मराठीचारोळी #प्रेमचारोळी
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read morePunam Sinha
जो पाषाण अहिल्या थी मन का सच अब कहती है मौन रही क्यों उस युग में बात खरी अब कहती है धवलचन्द्र मुखड़ा चमके कंचन सी काया दमके मुदगल पुत्री,अति सुंदरी गौतम ऋषि की बनी पत्नी बड़े कुटिल थे चन्द्र -इन्द्र छ्ल उनके क्यों सहती है मौन रही क्यों उस युग में बात खरी अब कहती है चरित्रहीन कहकरउसको नारी का अपमान किया कैसा थाऋषि पति उसका सत्य नहीं जो जान सका पतिदेव से मिले शाप की आज भत्र्सना करती है मौन रही क्यों उस युग में बात खरी अब करती है रहे भलाक्यों इस भ्रम में राम करेंगे फिर उद्धार रण -चण्डी दुर्गा बनकर करना दुष्टों का संहार ,सक्षम ,सबल स्वतंत्र बनो हर नारी से कहती है मौन रही क्यों उस युग में बात खरी अब कहती है *पूनम सिन्हा श्रेयसी #खरी बात
विकास जैन (देव)
वो कहता है धर्म खतरे में है, मैं मान लेता हूं वो कहता है देश खतरे में है, मैं मान लेता हूँ वो कहता लड़ना होगा, मैं बंदूक तान देता हूँ वो कहता रहता है, मैं हर बात मान लेता हूँ वो क्यों नही कहता प्रेम में रंग जाने की बात वो नही कहता दुश्मन को गले लगाने की बात वो कहता है कि मैं ही हूं बस मैं, मैं मान लेता हू वो करता है जो भी गलत , मैं बस साथ देता हूँ वो बेचता है देश तरक्की के नाम,मैं मौन रहता हूँ वो खरीद लेता है ईमान मेरा, मैं बेच देता हूँ वो क्यों नही करता सर्वांगीण विकास की बात वो बस दोहराता हर बार, अपने मन की बात #खरी
shree 007
कवीने मरून जावं खोटं खोटं त्याला हवी तशी हवी तितकी प्रामाणिक खरी वास्तववादी तद्नंत बाजारू काल्पनिक कविता लिहून.... कवीने मरून जावं खरंखुरं खरी खुरी प्रामाणिक वास्तववादी कविता लिहिण्यासाठी... कवीने जगूच नये जगण्यासाठी कवीने जगावं कवितेसाठी कवीने कविता जगावी कवितेने कवीला जगवावं आणि मग कविता मरणार नाही पर्यायाने कवी मरणार नाही सगळं जगत राहील उजळत राहील... प्रकाशमान होईल प्रकाशून जाईल समाधी घेतल्या नंतर ही जिवंत राहणाऱ्या ज्ञाना सारखं तरंगणाऱ्या तुकोबांच्या गाथे सारखं क्रूसावर चढवूनही चालत्या फिरत्या माणसातल्या यशू सारखं कवीने जगावं कधीच जन्माला न आल्या सारखं आणि मरूनही न मेल्या सारखं -# shree after long time
after long time #poem
read moreDarshan Gupta
"हाँ मैं नशे में था" read in caption जिस रात मेरा दिल टूटा हमने मय भरी नही यार पिलाते रह गए हमने ना करी नही। हाँ मैं नशे में था। आंख से मय गिरा प्याले में आँसू भरी, सहरा में गुल खिले और ख्वाबो में तुम मिली। हाँ मैं नशे में था। सोये थे अरबी तट पर एक भी करवट भरी नही, 'हम चैन से सो न पाए' यह बात जरा भी खरी नही।
जिस रात मेरा दिल टूटा हमने मय भरी नही यार पिलाते रह गए हमने ना करी नही। हाँ मैं नशे में था। आंख से मय गिरा प्याले में आँसू भरी, सहरा में गुल खिले और ख्वाबो में तुम मिली। हाँ मैं नशे में था। सोये थे अरबी तट पर एक भी करवट भरी नही, 'हम चैन से सो न पाए' यह बात जरा भी खरी नही। #कविता
read moreSagar Anant Jog
#OpenPoetry जिवनातल एकटेपण दुर करते ती खरी मैत्री नाहीं नाही म्हणत जबरदस्तीने हक्क गाजवते ती खरी मैत्री जे आपण करु शकत नाही ते आपण करु शकु याची हिम्मत देते ती खरी मैत्री आपण केलेल्या चूकानां सूधरवण्याचा मार्ग दाखवते ती खरी मैत्री प्रेयसीशी भांडण झाल की मधस्थी घालतो ती खरी मैत्री आपल्यातल्या खर्यापणापासुन तर खोटे पणा नजरेने ओलखते ती खरी मैत्री
Pnkj Dixit
👰 मैं सावन का बादल तू ज़मीं हरी-भरी दोनों मिलकर करें मोहब्बत एक दूजे से खरी-खरी २८/०७/२०१८ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 👰 मैं सावन का बादल तू ज़मीं हरी-भरी दोनों मिलकर करें मोहब्बत एक दूजे से खरी-खरी २८/०७/२०१८
👰 मैं सावन का बादल तू ज़मीं हरी-भरी दोनों मिलकर करें मोहब्बत एक दूजे से खरी-खरी २८/०७/२०१८
read moreAshok kumar sharma Upadhyay
सुन साथिया माहिया बरसा दे इश्का की स्याहिया रंग जाऊँ रंग रंग जाऊंगी हारी मैं तुझपे दिल झर झर झर झर जाऊँ हो पिया बस तेरी मैं तेरी छू ले तो खरी मैं खरी मैं खरी ❣️ शुभ रात्रि ❣️ रिमझिम बारिश की फुहार बरसे तनमन भीगे मिलने को मन तरसे अवनी पहन हरी चुनर लगे सुहानी वो लम्हा थम जाये जब कोयल कूके झीनी झीनी बूंदों में अक्स तेरा दिखे लिपट जाऊ तुझसे बिजली जब चमके
रिमझिम बारिश की फुहार बरसे तनमन भीगे मिलने को मन तरसे अवनी पहन हरी चुनर लगे सुहानी वो लम्हा थम जाये जब कोयल कूके झीनी झीनी बूंदों में अक्स तेरा दिखे लिपट जाऊ तुझसे बिजली जब चमके
read moreAjay Bishwas
पिता! तुझसे मिली साँसों की नगरी और मिली अमृत की गगरी कहते हो बात तुम खरी-खरी बातों में नहीं है गोटा-जरी पिता! ऐसे-वैसे तो तुम नहीं तेरी सोच है शानदार,है सुनहरी # पिता! तुझसे मिली साँसों की नगरी
# पिता! तुझसे मिली साँसों की नगरी
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