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Anita Saini
मेरी शदीद मोहब्बत और तुम्हारी बे-ऐतबारी मेरी जाँ, वाज़िब ही रहा हमारा बिछड़ जाना! Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "शदीद" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "शदीद" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
read moreShankki Sharma
मुँह लटका, आँखों से चमक ग़ायब है, बग़ैर तेरे मेरे सनम शदीद बुरा हाल है। Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "शदीद" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "शदीद" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
read moreAditya Kumar Bharti
इन रास्तों में मुश्किलें हैं बेशक बहुत पर हौसलों से ज्यादा नहीं। मंजिलें मिलेंगी तय है पर मुश्किलों से बदले ये वो इरादा नहीं।। आदित्य कुमार भारती #Determination#प्रचंड प्रण
Naumesh Pandey
रूद्र है प्रचंड आज भारत अखंड आज फिर भी सभ्यता का अपमान हो रहा यहाँ संस्कृती है गिर रही मान भी है गिर रहा स्वाभिमान देश का खंड खंड हो रहा रूद्र है...... भूमि -भूमि तप रही क्रूरता है दिख रही धर्म की अखंडता का आज खंड हो रहा देश द्रोहियो को आज मृत्यु की सजा नहीं छोटी बेटियों का आज अंग -अंग रो रहा देश रो रहा यहाँ रूद्र की प्रचंडता पे रूद्र की प्रचंडता का आज खंड हो रहा रूद्र है प्रचंड आज भारत अखंड आज फिर भी सभ्यता का अपमान हो रहा यहाँ...... ....... परशुराम नौमेश पाण्डेय
Aman Kushwaha " प्रभात "
देखो रे दुनिया वाले यह नरेंद्र मोदी की झांकी है , अभी तो सूर्य उदय हुआ है प्रचंड दोपहर बाकी है! संदर्भ से किया संकल्प सज्जन ने सच्चरित्र का सतलज उगाऐगे , असत्य का सम्राट जलाकर सत्य का बीज उगाऐगे! सुंदर समाज बने हमारा लगन वीर में लागी है, अभी तो सूर्य उदय हुआ....... अत्याचार का अंत निश्चित है अब सदाचार का जय होगा , दमन होगा दलालों का ना अब दलितों का छय होगा! शुरू हुआ है अभी यह समूल नाश बाकी है, अभी तो सूर्य उदय हुआ है....... बुझा दे इस ज्योति को ऐसा सागर जल में कहां, वीर के उद्देश्य को है दुर्जनो से भय कहां! लोभीयो के लंका जलाने का लगन वीर लागी है, देखो रे दुनिया वालों यह नरेंद्र मोदी की झांकी है , अभी तो सूर्य उदय हुआ है प्रचंड दोपहर बाकी है!
के_मीनू_तोष
जागो महादेव ! (अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote जागो महादेव ! समाधि अपनी भंग करना होगा रूप प्रचंड अब धरना होगा बहुत हुआ हाहाकार पर्वत पर अब अंत शत्रु का करना होगा त्राहि त्राहि हो रही है घाटी में
जागो महादेव ! समाधि अपनी भंग करना होगा रूप प्रचंड अब धरना होगा बहुत हुआ हाहाकार पर्वत पर अब अंत शत्रु का करना होगा त्राहि त्राहि हो रही है घाटी में
read more@mit Vermn
मैं न प्रेम हूँ प्रसंग हूँ न आश हूँ उमंग हूँ तेरे मन मस्तिष्क कि सोच का मात्र एक अंश हूँ! . . . मैं न कल था न कल हूँ मैं आज मे मद मस्त हूँ मैं तेरी जीत तेरी हार तेरा संसार हूँ!! मैं शाम दाम दंड भेद कर्म मे प्रचंड हूँ तेरे धूर्त कार्य काले कर्म का घमंड हूँ!! ... . न जीत हूँ न हार हूँ जिंदगी का सार हूँ! वेवाक दुनिया में निर्मित घोर श्राप हूँ घमंड हूँ घमंड हूँ मैं अत्यधिक प्रचंड हूँ!!!!! ...... @mit vermn मैं न प्रेम हूँ प्रसंग हूँ न आश हूँ उमंग हूँ तेरे मन मस्तिष्क कि सोच का मात्र एक अंश हूँ! . . . मैं न कल था न कल हूँ मैं आज मे मद मस्त हूँ मैं तेरी जीत तेरी हार तेरा संसार हूँ!!
मैं न प्रेम हूँ प्रसंग हूँ न आश हूँ उमंग हूँ तेरे मन मस्तिष्क कि सोच का मात्र एक अंश हूँ! . . . मैं न कल था न कल हूँ मैं आज मे मद मस्त हूँ मैं तेरी जीत तेरी हार तेरा संसार हूँ!!
read moreSagar Kumar
एक दुर्लभ कथा लक्ष्मण जी की लक्ष्मण जी के त्याग की अदभुत कथा । एक अनजाने सत्य से परिचय--- -हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है।
read moreDev Sharma
"कलयुग" ये हर प्रचंड रूप है खंगालता जो धूप है है चाँद भी चराग में और मरघटों की आग में झूलती है जिंदगी यूँ सरफिरों के बाग़ में लगे तो कोई हो प्रकट, निवाला मुँह से ले झपट बचा जो आग में गया, किसी ने फूँक दी लपट ! ये बावलों का कूप है ये हर प्रचंड रूप है खंगालता ये धूप है। यहां पार्थ में भी स्वार्थ है,हर अर्थ का अनर्थ है कुछ लोग हैं हिजाब में और खुरदरे मिजाज में यहा 'खेल', 'खून' ,'राग' है #ये मरघटों की आग है# #DPF #Kavishala #NOJOTO #kalyug
#dpf #kavishala #Nojoto #kalyug
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