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कवि मनोज कुमार मंजू
अब किसी कोने में हर पल हैं सिसकती चूड़ियां। हर गली में आज देखो खून की हैं होलियां।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #कोने #सिसकती #चूड़ियां #गली #खून #होलियाँ #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू
Aniket Sen
पुछा हाल हमने उसका, तो हैरत कैसी ? सिसकती आवाज़ में वो बोली सब खैरियत, तो खैरियत कैसी ? #हाल #हैरत #खैरियत #पूछा #सिसकती #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow
Rashmi Vats
रोज़ सिसकती हैं आहें , जलता है बदन । तपिश के अंगारों से , फिर कहां तपता है कफ़न । ओढ़ लाचारी की चादर , झांकता है जब जिस्म । मुफ़लिसी की इस सौगात को, फिर आंकता है गम । रोज़ सिहरती है जिंदगी विचलित होता है मन , ओस की झरती बूंदों को भी कहां रोकता है, टाट में लगा पैबंद । सुबह हो या सांझ, दिखता है बस अभाव । कहीं मनता है जश्न, तो कोई ढूंढता है अलाव । रश्मि वत्स ©Rashmi Vats #सिसकती जिंदगी#कफ़न#दर्द#हसरते
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read moreSimran Prasad
माना खामोश हैं ये रात चांद की रोशनी ठंड की कोहरे की हैं ये रात सड़क किनारे आग में हाथों को सेकते कुछ लोग शीत हवाओं से चल रही हैं ये रात बेचैन सासें कांपता शरीर माना थोड़ी सी ख़ामोश हैं ये रात ©Simran Prasad #रात #दबी #सिसकती #कागज #का #सा #ColdMoon
unispace with akash
#यह तुम्हारी कमर पर फिसलती हुई मेरी उंगलियां, #मेरे शरीर की बिजली को तीव्र गति से बढ़ा देती हैं, #सिसकती तुम हो चंचल पर यह कमर होश मेरे उड़ा देती है, शायराना # love
# love
read moreMamta Gehlot
बचपन और लोरी मां बिन रोते हुए को, चुप कौन करें, सिसकती बूंद को, आंखों से कौन पूछे, और नन्हे को कौन दुलारे....... हो अंधेरी रात या कोई दूसरी बात, डर लगे जब कभी मां बिन गले कौन लगाएं, मन कौन बहलाए, और दिलासा कौन दिलाए....... एक-एक बूंद गिरती जो मासूम की आंखों से कलेजा चीरे, जी दुखाएं, दिल जलाए, मां का...... आंखों से सिसकती बूंद बूंद नहीं अनमोल मोती है मां के लिए, ममता के लिए..... मां बिन........ सिसकती बूंद की, अहमियत कौन समझाएं, दर्द में कौन सहलाए, लबों पे मुस्कान कौन लाए..... #maabin
Sunil Panwar
तु क्यों नहीँ मेरे पास? मैं सोचता हूँ अक्सर मेरी तनहाइयों में। कभी साज लगती थी धड़कन तेरी,अब आती है आवाज़ सिसकती हुई शहनाईयों में।। तू क्यों नहीँ मेरे पास...... . . . . . सब कुछ है मेरे पास, एक तू ही तो नहीँ, वो पल, वो यादें, वो सपने तेरे। पर छू भी नहीँ सकता मैं तुझे, आती है तू नज़र परछाईयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास . . . . . . . . . ये तनहाइयां ही है,जो बेबस करती है बार बार तुझे याद करने को। चाहकर भी नहीँ भूल सका मैं तुझे, जी चाहता है अब भी तुझे प्यार करने को।। कोशिश करता हूँ बहूत भूल जाने कि तुझे। पर डूब जाता हूँ तेरे ग़मों कि गहराइयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास . . . . . . याद करत हूँ उन पलों को, जो बितायें है मेने संग तेरे। वो सर्द हवायें, वो गर्म सांसें, वो नशा तेरे होठों कि गरमाईयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास, मैं सोचता हूँ अक्सर मेरी तनहाइयों में। कभी साज लगती थी धडकन तेरी, अब आती है आवाज़ सिसकती शहनाईयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास ?? तू क्यों नहीँ ? . . . . #NojotoQuote तू क्यों नहीं मेरे पास?
तू क्यों नहीं मेरे पास?
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