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अदनासा-

Dr.j.p.singh motivational speaker writer

Sarfaraj idrishi

#IndianArmy कान सुनने के लिए और आंखे देखने के लिए बे इंतेहा तर्श रही हैं। #पुलवामा अटैक में #शहिद हुवे हमारे 40 जवान के दोषीयो का कब और कैसे एनकाउंटर होगा। #Sarfarajidrishi #Sarfaraj Sarfaraj Idrishi #army #PulwamaAttack #BlackDay अल्लाह सभी शहीदों की आत्मा को शांति दे।🤲🤲SanDeepDing Anshu writer GRHC~TECH~TRICKS KRISHNA KUMAR KUSHVAHA The Advisor

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कान सुनने के लिए और आंखे देखने के लिए
बे इंतेहा तर्श रही हैं।
पुलवामा अटैक में शहिद हुवे 
हमारे 40 जवान के दोषीयो का
 
कब और कैसे एनकाउंटर होगा। 
अल्लाह सभी शहीदों की
 आत्मा को शांति दे।
🤲🤲

©Sarfaraj idrishi #IndianArmy कान सुनने के लिए और आंखे देखने के लिए
बे इंतेहा तर्श रही हैं।
#पुलवामा अटैक में #शहिद हुवे हमारे 40 जवान के दोषीयो का कब और कैसे एनकाउंटर होगा। #Sarfarajidrishi #Sarfaraj Sarfaraj Idrishi #army  #PulwamaAttack #BlackDay 
अल्लाह सभी शहीदों की आत्मा को शांति दे।🤲🤲SanDeepDing Anshu writer GRHC~TECH~TRICKS KRISHNA KUMAR KUSHVAHA The Advisor

fateh singh sodha

#शहिद

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हिंदुस्तान में रहता हूं सर कटा लूंगा
 म्लेच्छ के छींटे मंजूर नहीं

 चक्कर काट रही है वो घर में दाना नहीं
 पानी नहीं, 
स्कूल की फीस और छत पर पति का साया नहीं,

 क्या दिया उसकी शहादत ने?
क्या मिला त्याग का सिला उसे?

 जिसकी मांग में आज सिंदूर नहीं,
 
दर-दर ठोकरें खा रही है जिसके पति
 को था म्लेच्छ मां के कपड़ों पे मंजूर नहीं

©fateh singh sodha #शहिद

VJVJ

जलकर राख हुवा ,
पर राख में सुलग रहा हूं मै,
बारिश में सोया,
तुफां मे भडक उठा हूं मैं,
अंगारो से चिंगारियों सा निकलूंगा,
बनके लपटो सा तुमको जलाऊंगा,
मेरे वतन को बेचने वालो अब रुक जाओ,
युवा शेरों के दिलों की ,
आवाज़ बनकर बोल रहा हूं मै।

#शहिद भगत सिंग

©VJVJ #Shaheedi_diwas

शिव झा

19 जुलाई/स्मृति दिवस
*जलियांवाला के प्रतिशोधी ऊधमसिंह*

ऊधमसिंह का जन्म ग्राम सुनाम ( जिला संगरूर,पंजाब) में 26 दिसम्बर, 1899 को सरदार टहलसिंह के घर में हुआ था। मात्र दो वर्ष की अवस्था में ही इनकी माँ का और सात साल का होने पर पिता का देहान्त हो गया। ऐसी अवस्था में किसी परिवारजन ने इनकी सुध नहीं ली। गली-गली भटकने के बाद अन्ततः इन्होंने अपने छोटे भाई के साथ अमृतसर के पुतलीघर में शरण ली। यहाँ एक समाजसेवी ने इनकी सहायता की।
19 वर्ष की तरुण अवस्था में ऊधमसिंह ने 13 अपै्रल, 1919 को बैसाखी के पर्व पर जलियाँवाला बाग,अमृतसर में हुए नरसंहार को अपनी आँखों से देखा। सबके जाने के बाद रात में वे वहाँ गये और रक्तरंजित मिट्टी माथे से लगाकर इस काण्ड के खलनायकों से बदला लेने की प्रतिज्ञा की। कुछ दिन उन्होंने अमृतसर में एक दुकान भी चलायी। उसके फलक पर उन्होंने अपना नाम ‘राम मोहम्मद सिंह आजाद’ लिखवाया था। इससे स्पष्ट है कि वे स्वतन्त्रता के लिए सब धर्म वालों का सहयोग चाहते थे।
ऊधमसिंह को सदा अपना संकल्प याद रहता था। उसे पूरा करने हेतु वे अफ्रीका से अमरीका होते हुए 1923में इंग्लैंड पहुँच गये। वहाँ क्रान्तिकारियों से उनका सम्पर्क हुआ। 1928 में वे भगतसिंह के कहने पर वापस भारत आ गये; पर लाहौर में उन्हें शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में पकड़कर चार साल की सजा दी गयी। इसके बाद वे फिर इंग्लैंड चले गये। तब तक जलियांवाला बाग में गोली चलाने वाला जनरल डायर अनेक शारीरिक व मानसिक रोगों से ग्रस्त होकर 23 जुलाई, 1927 को आत्महत्या कर चुका था;पर पंजाब का तत्कालीन गवर्नर माइकेल ओडवायर अभी जीवित था।

13 मार्च, 1940 को वह शुभ दिन आ गया, जिस दिन ऊधमसिंह को अपना संकल्प पूरा करने का अवसर मिला। इंग्लैंड की राजधानी लन्दन के कैक्स्टन हॉल में एक सभा होने वाली थी। इसमें जलियाँवाला बाग काण्ड के दो खलनायक सर माइकेल ओडवायर तथा भारत के तत्कालीन सेक्रेटरी अ१फ स्टेट लार्ड जेटलैंड आने वाले थे। ऊधमसिंह चुपचाप मंच से कुछ दूरी पर जाकर बैठ गये और उचित समय की प्रतीक्षा करने लगे।
माइकेल ओडवायर ने अपने भाषण में भारत के विरुद्ध बहुत विषवमन किया। भाषण पूरा होते ही ऊधमसिंह ने गोली चला दी। ओडवायर वहीं ढेर हो गया। अब लार्ड जैटलैंड की बारी थी; पर उसका भाग्य अच्छा था। वह घायल होकर ही रह गया। सभा में भगदड़ मच गयी। ऊधमसिंह चाहते, तो भाग सकते थे; पर वे सीना तानकर वहीं खड़े रहे और स्वयं को गिरफ्तार करा दिया।
न्यायालय में वीर ऊधमसिंह ने आरोपों को स्वीकार करते हुए स्पष्ट कहा कि मैं पिछले 21 साल से प्रतिशोध की आग में जल रहा था। माइकेल ओडवायर और जैटलैंड मेरे देश भारत की आत्मा को कुचलना चाहते थे। इसका विरोध करना मेरा कर्त्तव्य था। इससे बढ़कर मेरा सौभाग्य क्या होगा कि मैं अपनी मातृभूमि के लिए मर रहा हूँ।
ऊधमसिंह को 31 जुलाई, 1940 को पेण्टनविला जेल में फाँसी दे दी गयी। मरते समय उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा - 10 साल पहले मेरा प्यारा दोस्त भगतसिंह मुझे अकेला छोड़कर फाँसी चढ़ गया था। अब मैं उससे वहाँ जाकर मिलूँगा। वह मेरी प्रतीक्षा कर रहा होगा।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के 27 साल बाद 19 जुलाई, 1974को उनके भस्मावशेषों को भारत लाया गया। पाँच दिन उन्हें जनता के दर्शनार्थ रखकर ससम्मान हरिद्वार में प्रवाहित कर दिया गया। #shahid #शहिद #उधमसिंह #राष्ट्रीय #राष्ट्रीय_स्वयंसेवक_संघ #इतिहास #हिन्दू 

#InspireThroughWriting

Sachin Panwar (Veer)

#IndianArmy #शहिद #देशभक्ति #बदला Ekta sharma Usman Aziz कवि आजाद मंडौरी अनकही बातें Suman Zaniyan

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"जो लहु सुर्ख पहाड़ी पर सिंहों का तुमने गिराया है,
मौत का तुम्हारी जनाजा सुन्दर हमने भी सजाया है।" #IndianArmy #शहिद #देशभक्ति #बदला  Ekta sharma Usman Aziz कवि आजाद मंडौरी अनकही बातें Suman Zaniyan

Ritu vishwkarama

#War#Ritu#शहिद pooja negi#

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War and Peace  वो घर नहीं आते किसी त्यौहारो में 
उनको शहिद होना हैँ 
अपने देश के वारों में.... #War#Ritu#शहिद pooja negi#

Amit Jain

अपने दिल में एक दीपक जलाये रखना,
इस माटी के पुत को दिल में बसाये रखना।

जो पैदा हुए हैं इस माटी के लिए,
जान का बलिदान भी देते इसी माटी के लिए,
उन शहिदों की याद बनाये रखना,
अपने दिल में एक दीपक जलाये रखना।

 उनके घर भी रोशन बनाये रखना,
परिवार को उनके खुशियाँ बांटे ही रखना,
अपने दिल में एक दीपक जलाये रखना,
इस माटी के पुत को दिल में बसाये रखना। #दीपक #शहिद

परिलोक

#शहिद दिन

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राह-ए-आज़ादी पे चला था वो निडर, 
सत्ता के कुछ भूखों से था वो बेखबर !

नासमझ ने सोचा था की मिलके आज़ादी पाएंगे, 
उसे क्या पता था की चरखा चलाने वाले ही
 पीठ में छुरा घुसाएंगे....!!

जय हिन्द...।। #शहिद दिन
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