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सरफिरी®

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा कोलँब आहे अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले... अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं. तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं. नवीन रचना करा,विनोद बनवा. चला तर मग लिहा विनोदी. #विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर #अधीरबधिर

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इश्कात तुझ्या प्रिये
माझ्या हॄदयाने उपोषण,
अन् मेंदुने बंड केले... सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
आजचा कोलँब आहे
अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले...
अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं.
तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं.
नवीन रचना करा,विनोद बनवा.
चला तर मग लिहा विनोदी.
#विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर #अधीरबधिर

Vinod Umratkar

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा कोलँब आहे अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले... अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं. तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं. नवीन रचना करा,विनोद बनवा. चला तर मग लिहा विनोदी. #विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर #अधीरबधिर

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अधीर मन हे। झाले हो बधिर।
थकले शरीर।  तुझ्या साठी।।

नजरेने तुझ्या। किती वार केले।
हृदय ठार झाले। कायमचे।। सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
आजचा कोलँब आहे
अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले...
अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं.
तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं.
नवीन रचना करा,विनोद बनवा.
चला तर मग लिहा विनोदी.
#विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर #अधीरबधिर

Anjali Raj

ऐसा नहीं कि हमें बोलना नहीं आता। बस कुछ सोचकर, बोले नहीं। #कुछसोचकर #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अंजलिउवाच #बधिर #चुप

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कुछ सोचकर हम चुप रहे हालांकि दिल बोला बहुत
क्या मोल होगा बोल का ये मन ही मन तोला बहुत
सोचा कि बधिरों के शहर में है ज़ुबां का काम क्या
लब सी के फिर दिल से कहा, ऐ दिल तू है भोला बहुत

 ऐसा नहीं कि हमें बोलना नहीं आता। बस कुछ सोचकर, बोले नहीं।
#कुछसोचकर #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #अंजलिउवाच #बधिर #चुप

yogesh atmaram ambawale

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा कोलँब आहे अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले... अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं. तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं. नवीन रचना करा,विनोद बनवा. चला तर मग लिहा विनोदी. #विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर #अधीरबधिर

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काय करावे,
काहीच सुचेना मला.
मित्र म्हणे
प्रेमात तिच्या,माझ्या अंगी,
गांधीजींचे तीन बंदर आले सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
आजचा कोलँब आहे
अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले...
अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं.
तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं.
नवीन रचना करा,विनोद बनवा.
चला तर मग लिहा विनोदी.
#विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर #अधीरबधिर

yogesh atmaram ambawale

सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आजचा कोलँब आहे अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले... अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं. तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं. नवीन रचना करा,विनोद बनवा. चला तर मग लिहा विनोदी. #विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर

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प्रेमाच्या नादात तिच्या
होते नव्हते तितके पैसे संपले.
फिरवली तिने पाठ माझ्याकडून
जेव्हा खिशे माझे कंगाल झाले. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों
आजचा कोलँब आहे
अधीर मन माझे प्रेमात बधिर झाले...
अस एक विनोदी शैलीत आज दिलयं.
तर मग तुम्हाला ही प्रेमाबद्दल अस काही विनोदी लिहायचयं.
नवीन रचना करा,विनोद बनवा.
चला तर मग लिहा विनोदी.
#विनोद #प्रेम #अधीर #बधिर

Mangal Singh

#seaside

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90 का #दूरदर्शन और हम :

1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर 
टीवी के सामने बैठ जाना

2."#रंगोली"में शुरू में पुराने फिर 
नए गानों का इंतज़ार करना

3."#जंगल-बुक"देखने के लिए जिन 
दोस्तों के पास टीवी नहीं था उनका 
घर पर आना

4."#चंद्रकांता"की कास्टिंग से ले कर 
अंत तक देखना

5.हर बार सस्पेंस बना कर छोड़ना 
चंद्रकांता में और हमारा अगले हफ्ते 
तक सोचना

6.शनिवार और रविवार की शाम को 
#फिल्मों का इंतजार करना

7.किसी नेता के मरने पर कोई #सीरियल 
ना आए तो उस नेता को और गालियाँ 
देना

8.सचिन के आउट होते ही टीवी बंद 
कर के खुद बैट-बॉल ले कर खेलने 
निकल जाना

9."#मूक-#बधिर"समाचार में टीवी एंकर 
के इशारों की नक़ल करना

10.कभी हवा से #ऐन्टेना घूम जाये तो 
छत पर जा कर ठीक करना

बचपन वाला वो '#रविवार' अब नहीं 
आता, दोस्त पर अब वो प्यार नहीं 
आता।

जब वो कहता था तो निकल पड़ते 
थे बिना #घडी देखे,

अब घडी में वो समय वो वार नहीं 
आता।

बचपन वाला वो '#रविवार' अब नहीं 
आता...।।।

वो #साईकिल अब भी मुझे बहुत याद 
आती है, जिसपे मैं उसके पीछे बैठ 
कर खुश हो जाया करता था। अब 
कार में भी वो आराम नहीं आता...।।।

#जीवन की राहों में कुछ ऐसी उलझी 
है गुथियाँ, उसके घर के सामने से 
गुजर कर भी मिलना नहीं हो पाता...।।।

वो '#मोगली' वो '#अंकल Scrooz', 
'#ये जो है जिंदगी' '#सुरभि' '#रंगोली' 
और '#चित्रहार' अब नहीं आता...।।।

#रामायण, #आलदिन#महाभारत#का वो 
चाव अब नहीं आता, बचपन वाला वो 
'रविवार' अब नहीं आता...।।।

वो #एक रुपये किराए की साईकिल 
लेके, दोस्तों के साथ गलियों में रेस 
लगाना!

अब हर वार 'सोमवार' है
काम, ऑफिस, बॉस, बीवी, बच्चे;
बस ये जिंदगी है। दोस्त से दिल की 
बात का इज़हार नहीं हो पाता।
बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं 
आता...।।।

बचपन वाला वो '#रविवार' अब नही 
आता...।।।

🙂🙏m&p #seaside

Pooja Mehra poetry

#बधिर

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#बधिर 
तो क्या हुआ 
जो मैं बधिर हूँ 
मैंने अपना जीवन 
बड़े शान से जीया 
नहीं रहा मैं 
मोहताज किसी का 
पहले ख़ुद का 
ख़ुद सम्मान किया ,,,,,,, 
कोई क्या जाने किन- किन 
मुश्किलों और हालातों से 
किस तरह 
मैं अब तक जूझा 
जज़्बात कह न सका 
अपनों से भी 
फिर भी
किस्मत से मैं न रूठा,,,,,
फिर जीवन संगिनी 
बनी मेरी आवाज़ 
फ़क्र से ये बात कहता हूँ 
जीवन मैनें खुल के जिया 
ऊपर वाले का 
आभार मैं करता हूँ,,,,,,,,
                                   पूजा मेहरा #बधिर

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 16 – भाग्य-भोग 'भगवन! इस जीव का भाग्य-विधान?' कभी-कभी जीवों के कर्मसंस्कार ऐसे जटिल होते हैं कि उनके भाग्य का निर्णय करना चित्रगुप्त के लिये भी कठिन हो जाता है। अब यही एक जीव मर्त्यलोक से आया है। इतने उलझन भरे इसके कर्म है - नरक में, स्वर्ग में अथवा किसी योनि-विशेष में कहाँ इसे भेजा जाय, समझ में नहीं आता। देहत्याग के समय की इसकी अन्तिम वासना भी (जो कि आगामी प्रारब्ध की मूल निर्णायिका होती है) कोई सहायता नहीं देती। वह वासना भी केवल देह की स्

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
16 – भाग्य-भोग

'भगवन! इस जीव का भाग्य-विधान?' कभी-कभी जीवों के कर्मसंस्कार ऐसे जटिल होते हैं कि उनके भाग्य का निर्णय करना चित्रगुप्त के लिये भी कठिन हो जाता है। अब यही एक जीव मर्त्यलोक से आया है। इतने उलझन भरे इसके कर्म है - नरक में, स्वर्ग में अथवा किसी योनि-विशेष में कहाँ इसे भेजा जाय, समझ में नहीं आता। देहत्याग के समय की इसकी अन्तिम वासना भी (जो कि आगामी प्रारब्ध की मूल निर्णायिका होती है) कोई सहायता नहीं देती। वह वासना भी केवल देह की स्


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