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Manjul
इस जीवन को सभी को खोना हैं फिर काहे का रोना है एक दिन कहानी सभी को होना है.. " पांच तत्व का पुतला मानुष धर्या नाम " ©Manjul Sarkar #जीवन #मरण #मानुष #हिंदी #हिंदीनोजोटो #हिंदीकविता
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read moreKanhaiya Tiwari (RAWIND)
मानुष:- अरी ओ मेरी प्यारी बुलबुल, पहले तु थी कितनी चुलबुल!! हुआ है क्या, जो अब यूं, चुप और उदासीन-सी दिखती है? क्या लग गई लत तुझे ऐशो-आराम की, क्या तु भी आलसपन सीखती है?? जो रोज चांदी की कटोरी में, तुझे दाना-पानी दिए जाता हूँ। मेरी ख्वाहिश को ना यूं ठुकरा, जल्दी से एक मधुर-राग सुना।। पक्षी:- हम है आदी आजादी के, यह प्रेम हमें ना जंचता है। छीन जो लोगे यह भी हमसे, तो फिर हममें शुन्य सिवा क्या बचता हैंं।। है विद्रोह भरा जो सीने में, तो प्रेम के नग्मे गाऊ कैसे? जो कुहूकता है मन मेरा इस पिंजर मे, तो कहो भला मै चहचहाऊ कैसे?? पर है, पर परतंत्र हूँ, महज नाम का परिंदा हूँ । है बची नहीं जीवन की विशेषता एक, हैं व्यंग्य यह कि "मैं जिन्दा हूँ "।। कवि:- बोल कैसा तु दरिन्दा है, क्या दिखता नही, वह परिंदा है? छीनी कैसे तुने जिंदगी उसकी, क्या दिखता नही तुझे, वह जिंदा हैंं?? अरे ओ क्रूर मानुष, कर दे आजाद उन्हे, वो खुद ही मधुरता अपनी झलकाऐगे। तोड दे पिंजर-वन ये अपना, वरना वे, पिंजर ले उड जाऐंगे।। #imagism #rawind
anonymous
#स्मृतियां #यायावर की #पोटलियां हैं जो कांधे पर लादे चलता है #मानुष #मन चाहे जा बैठे #कंदराओं में nojoto #AudioQuote
read morePrashant Singh
मां माटी मानुष है अनवरत सिंचते सत्य समाज संस्कार है अविरल तन मन के गाय गंगा गांव है अटल धरती के उपजे आशा आयु उन्नति है जड़े इधर उधर से सब एक हैं साथ हैं नदियों की धाराओं से बंधे हैं विशाल वृक्ष की शाखा है मिट्टी में दीमक लगे तो फिर जड़े कहां हरे भरे हैं ठहरे हुए मौसम मानुष है रुका हुआ पानी सड़ा है पल-पल प्रकृति बदलता है बीती बातें आज बदलता है सच्ची अच्छी बातें कहावतें बनती हैं सर्वजन सुखाय सदा हिताय सोच काम आती है धन का बढ़ना ठीक मन का ना बढ़ना रीत फल फूलती है अमरता नहीं किसी को फिर भी अकाल जाना कहां भाती है आओ मिलकर रचे नया बगीचा जहां कोई पेड़ ना कटे हरा हरा सब एक हैं साथ हैं अमरबेल की तरह इंडिया वाले #इन्डियावाले
अgni
सुख की भर लई गागरी। दुख की गगरी रिक्त।। कहे वो मानुष अन्य से। जग से गया मैं जीत।। जीवन मुस्काकर के बोला। मानुष यह है तेरी भूल।। #NojotoQuote सुख दुःख #nojotohindi #nojotoquote #nojotohindiquote #sukhdukh
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read moreManju (Queen)
****नीती बचण**** शांति ढूंढे सब कोई मिल्या न जग मांही जो मन खोजा आपणा मिले मन माहीं चिंता ,चिता है एक बराबर एक मां झुलसे मण दुजो जलाये शरीर मात -पिता देव समाण पुत्र-पुत्री धरोहर मात -पिता की सेवा कर ले हो जै हैं भवसागार पार बड़ा बणो तो बणो पेड अम्र समाण पावे छाया राहगीर मीठो फल खाई के मानुष मिटावे क्षुधा पीर धुंअा मदिर है समाण फूंके एक कालज दुजो से बिक जावे मानुष णे राज - काज चुपडी रोटी देख के मण ना लावे ताप कर्म तारो फलेगें बंदे भाग्य बणावन बण तू आप संगत से रंगत चढ़े परख बणत पहिचाण ताडी ,नरियर बिन चाखे कौन सके है जाण #gif ****नीती बचण**** शांति ढूंढे सब कोई मिल्या न जग मांही जो मन खोजा आपणा मिले मन माहीं चिंता ,चिता है एक बराबर
****नीती बचण**** शांति ढूंढे सब कोई मिल्या न जग मांही जो मन खोजा आपणा मिले मन माहीं चिंता ,चिता है एक बराबर
read moreManju (Queen)
****अहम का वहम**** समंदर का दर्प चूर हो गया जब कागज उस पर से तैर कर पार हो गया एक दीया अंधेरे से लड़ जग रोशन कर गया तब सूरज ज़लकर राख हो गया आँधी ने पेड गिरा दिया एक घास अपनी जगह अडा रह गया जस -जस बाढ़त अहम के खेती तस -तस बुद्धि नसाय गिरत गर्त में मानुष करहीं कौन उपाय जैसे आम तरू पे लागत डाली झुक जाये पंथी को छाया देत फल से क्षुधा मिट जाये हे , मानुष गर्ब न कीजे जो धन बाढ़त जाय दुनो हाथ उलिचिये धर्म-कर्म बन जाय मानुष तन पायो है मन से नाता ज़ोड के परहित कारज कइले बन्दे जन्म सुफल होई जाय #gif ****अहम का वहम**** समंदर का दर्प चूर हो गया जब कागज उस पर से तैर कर पार हो गया एक दीया अंधेरे से लड़ जग रोशन कर गया तब सूरज ज़लकर राख हो गया
****अहम का वहम**** समंदर का दर्प चूर हो गया जब कागज उस पर से तैर कर पार हो गया एक दीया अंधेरे से लड़ जग रोशन कर गया तब सूरज ज़लकर राख हो गया
read moreChoubey_Jii
परमात्मा ने सृजन किया मेरा, सुंदरता से अलंकरण किया मेरा दरख्तों से हरियाली बिखेरी, समुन्दर से भरण किया मेरा फिर रचा मनुष्य जाति को, कहा कि सुंदरतम रचना है मेरी अथाह शक्ति प्रदान की है इसे, करेगा हर क्षण सुरक्षा तेरी आगे मस्तिष्क का प्रयोग हुआ, फिर सारी सृष्टि में वियोग हुआ वनों को उजाड़ मनुष्य नें, अपनी दुनिया का निर्माण किया जल में विष को घोल दिया, पशु-पक्षी को आघात किया वातावरण प्रदूषित किया, और हवा का सत्यानाश किया अजब-अजब #तरक़ीब से मैंने, समझाने का प्रयास किया जिसकी रक्षा का प्रण लिया था, मानुष उसका ही उपहास किया मैंने तो #प्रेम अथाह किया मानव तूने मगर अहंकार किया मानुष तूने विकास की आड़ में, अपनी माँ का ही संहार किया #चौबेजी #चौबेजी #कविता #नोजोटो #environment #EnvironmentDay #Earth #nojoto #nojotohindi
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