Find the Latest Status about आलो शरण तुला भगवंत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आलो शरण तुला भगवंत.
PoOjA TripAthi..
मैंने लकीरों से चुरा कर कुछ लम्हें अपने नसीब में लिखे हैं उन नसीबों में मैंने तुझे हर पल मांगा है तू मेरा सब कुछ है भगवंत ये बात तुझे आखिर कैसे समझाऊं मै। ©PoOjA TripAthi.. भगवंत ❤️
भगवंत ❤️
read moreMahesh Lokhande
भारत भगवंत भारत भगवंत मी खरा भाग्यवंत इथे जन्मले थोरसंत अन पंत अन तंत जरी भिन्न पंथ जरी भिन्न जात तरीही सारे गात एकमुखे राष्ट्रगीत जरी भिन्न राज्यभारती इथे अशोकचक्रगती जरी भिन्न धर्मआरती इथे बहुजन ज्ञानरत कवी-महेश लोखंडे भारत भगवंत
भारत भगवंत #poem
read morepooja d
हे भगवंता। ऐक हाक एकदा।। जीव माझा मज। नकोसा झाला।। जन्म पुढला। हवा ऐसा मज।। जे जे चित्तील। ते पूर्ण होईल।। नको भिकरीपण। जगताना जीवन।। थकले मी आता। भीक मागता।।— % & #भगवंत #व्यथा #कविता #yqtaaimarathi
#भगवंत #व्यथा #कविता #yqtaaimarathi
read moreganesh suryavanshi
दोघ समूदाय मध्ये नफरत आहेत तरी दशको पासून सोबतच आहे.. तूझा विना मला चैन पडेना अशी परिस्थिती मूस्लिम-हिंदू भाईची.. यातच पूर्वी पासूनच एकजूठता आहे.. पूजा पद्धत वेग वेगळी असेल पण दोघांची अस्था एकच आहे.. दोंघाची प्रार्थना पण एकच भगवंता पर्यन्त पोहचते...तरी वेगवेगळे विचार आहेत पण दोघां ना मेल्या नंतर पण तिथच जायच आहे तिथ वैकूंठ धाम आहे.... ©ganesh suryavanshi जिथ प्रेम तिथ भगवंत... #lord_krishna
जिथ प्रेम तिथ भगवंत... #lord_krishna
read moreAARTI Xyz
नीलकंठ महादेव स्वरूप श्याम वर्ण है पीताम्बर पट धारी का विवाह आज है आना अनिवार्य ना आना बंदे तेरे बस में कहा है नंगे पैर तू चला आएगा महादेव जब खींचे तेरी डोर है ©AARTI Xyz शरण
शरण #Life
read moreKumarchitra
कॉलेजसाठी पहिल्यांदाच शहराला आलो रोज बसमधून जाता - येता ट्राफिकला शिव्या द्यायचो! वर्षभरानंतर.. मी स्वतःचीच एक गाडी घेऊन टाकली! ©Kumarchitra #कॉलेजसाठी पहिल्यांदाच शहराला आलो
#कॉलेजसाठी पहिल्यांदाच शहराला आलो #Life_experience
read morechahat
आचार्य विद्या सागर जैसे एक समंदर समा ले एक गागर में तुम संत तुम ही भगवंत तुम परमात्मा तुम ही पुण्यात्मा तुम तपस्वी तुम ही नमस्वी तुम कल युग के तारक तुम ही पापों के संहारक तुम संत रूप लिए तीर्थेशवर तुम ही तीन लोक के भुवनेश्वर तुम चमकते तेज धूप से संस्कार है,जिसमे तपते कभी घनी छांव सी देते शीतल पेड़ जिसमे फलते शिष्य तुम्हारे जिस राह गुजरते उस राह को देव भी तरसते आपके चरणों की जो रज पाते आपके ही होकर सारी संपदा तज जाते वो जीव जाने कितने कर्म काटते जो आपके दर्शन कर पुण्य पाते हर शब्द छोटा आपके गुड़ गान के आगे जो स्वयं जाने कितने ग्रंथ लिख जाते चेहरे पर नूर सूरज सा चमकता चांदनी रात दर्शन पा चांद भी दमकता विद्यासागर की पावन तपस्वी धरा पे आओ अपना मस्तक टिका दे। पापकर्म तज पुण्यकर्म करके जीवन अपना स्वर्णमय बना ले।। शिल्पी जैन सतना ©chahat तुम ही संत तुम ही भगवंत
तुम ही संत तुम ही भगवंत #शायरी
read more