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Lucky Solanki 47
कभी साइकिल भी हमारी हवाई जहाज होती थी आज बसों में धक्के खाते हैं Dil_Se कभी साइकिल भी हमारी हवाई जहाज होती थी आज बसों में धक्के खाते हैं #Yaari
कभी साइकिल भी हमारी हवाई जहाज होती थी आज बसों में धक्के खाते हैं #Yaari
read more~anshul
बसों में बिकती हुई शह खरीद मत लेना कहीं ये सोचते रह जाअो कि ज़िंदगी न रही बस एक बार इन अाॅखों में सुरमा ङाला था फिर उसके बाद चरागों में रोशनी न रही।। #बसों में बिकती हुई शह खरीद मत लेना कहीं ये सोचते रह जाअो कि ज़िंदगी न रही बस एक बार इन अाॅखों में सुरमा ङाला था फिर उसके बाद चरागों में
पत्रकार रमेश सोनी Soni
द न्यूज उत्तर प्रदेश दुल्लहपुर गाजीपुर।क्षेत्र के सिखड़ी पंडित मदन मोहन मालवीय इंटर कालेज में रविवार की रात्रि 10 बजे बसों में भरकर गैर प्रां #nojotovideo
read moreसुसि ग़ाफ़िल
दो प्रेमियों के संगम से बनी धारा को " म़रहम़ " कहते हैं ... मैं और तुम जब साथ होते हैं तो मैं और तुम नहीं , हम म़रहम़ होते हैं| अक्सर हम म़रहम़ होते हैं ... दो प्रेमियों के संगम से बनी धारा को " म़रहम़ " कहते हैं ... मैं और तुम जब साथ होते हैं तो मैं और तुम नहीं , हम म़रहम़ होते हैं|
दो प्रेमियों के संगम से बनी धारा को " म़रहम़ " कहते हैं ... मैं और तुम जब साथ होते हैं तो मैं और तुम नहीं , हम म़रहम़ होते हैं|
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
अगर बचा सकते हो तो बचा लो अपने अंदर का थोड़ा सा आदमी वह थोड़ा सा आदमी जिसके अंदर थोड़ी सी गैरत बची हो वह थोड़ा सा आदमी जो थोड़ा-थोड़ा करके मर रहा है या थोड़ा-थोड़ा जी रहा है वह थोड़ा सा आदमी जो भीड़ में खड़ा है फिर भी अकेला हैं वह थोड़ा सा आदमी मिल जाता है अक्सर कतारों में राशन की दुकानों में, दिख जाता है अक्सर बाज़ारों में रास्तों में चौराहों में, अपनी बारी का इंतज़ार करता तनहाइयों की भीड़ में गुम दुनिया के मेलों में, ज़िन्दगी का बोझ लदे कभी बसों में, कभी रेलों में मिल जाता है बस थोड़ा सा आदमी थोड़ी सी खुशियां थोड़े से सपने थोड़ी सी जरूरते थोड़े से पैसे और इन्हीं से वह हो जाता है पूरा पर वही थोड़ा सा आदमी जिसके थोड़े-थोड़े वोट से कोई बन जाता है बहुत बड़ा ।।।। ये सच एक इंसानियत कि है! ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) अगर बचा सकते हो तो बचा लो अपने अंदर का थोड़ा सा आदमी वह थोड़ा सा आदमी जिसके अंदर थोड़ी सी गैरत बची हो वह थोड़ा सा आदमी जो थोड़ा-थोड़ा कर
अगर बचा सकते हो तो बचा लो अपने अंदर का थोड़ा सा आदमी वह थोड़ा सा आदमी जिसके अंदर थोड़ी सी गैरत बची हो वह थोड़ा सा आदमी जो थोड़ा-थोड़ा कर #Life_experience #HumanPotential
read moreMayank Sharma
ये दिल आशिक़ाना... ❤️❤️❣️ अरे नहीं.. आप गलत समझ रहे हैं.. किसी खास के लिए नहीं है ये लाइंस.. ये तो बस किसी बस से ट्रैवल कर रहे हैं हम और बसों में गाने कैसे बजते हैं य
अरे नहीं.. आप गलत समझ रहे हैं.. किसी खास के लिए नहीं है ये लाइंस.. ये तो बस किसी बस से ट्रैवल कर रहे हैं हम और बसों में गाने कैसे बजते हैं य #Travel #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqquotes #yqwriters
read moreashutosh anjan
दुर्घटना से देर भली (लघु कथा) कैप्शन में पढ़िए👇 मेरा मानना है कि अधिकतर लोग सरकारी बसों में लिखें स्लोगन "दुर्घटना से देर भली" को बस स्लोगन ही समझतें है। लोगों ने इसकी महत्ता और इसकी गंभ
मेरा मानना है कि अधिकतर लोग सरकारी बसों में लिखें स्लोगन "दुर्घटना से देर भली" को बस स्लोगन ही समझतें है। लोगों ने इसकी महत्ता और इसकी गंभ #yqbaba #yqdidi #लघुकथा #yourquotedidi #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #आशुतोष_अंजान
read moreवो फिर आएगी
नाक पर गुस्सा , आँखों में हवस , ज़बान यहाँ पर गंदी है , क्यों दिल वालों की दिल्ली के व्यवहार में आई मंदी है ? ( कैप्शन में पढ़ें ) नाक पर गुस्सा , आँखों में हवस , ज़बान यहाँ पर गंदी है , क्यों दिल वालों की दिल्ली के व्यवहार में आई मंदी है ? इक ठोकर लग जाए गाड़ी में तो ख
नाक पर गुस्सा , आँखों में हवस , ज़बान यहाँ पर गंदी है , क्यों दिल वालों की दिल्ली के व्यवहार में आई मंदी है ? इक ठोकर लग जाए गाड़ी में तो ख #Delhi #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yopowrimo
read moreAnkita Tripathi
हाँ वो एक पुरूष होता है कृपया अनुशीर्षक पढ़े पूरी कविता ये रही और हमें गर्व है कि मेरे आस पास ख़राब कम और अच्छे पुरूष ज्यादा हैं 😊😊😊 किसी अनहोनी के होने पर जो एक राह देता है हर दुख से
पूरी कविता ये रही और हमें गर्व है कि मेरे आस पास ख़राब कम और अच्छे पुरूष ज्यादा हैं 😊😊😊 किसी अनहोनी के होने पर जो एक राह देता है हर दुख से #Hindi #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yopowrimo #tpmd #नफ्स़
read morePS T
मेरे दादा जी दादा होते होंगे आज,हमारे तो बासा थे,घर मे सबसे ज्यादा सहानुभूति हमारे दर्द से कोई रखता तो वो थे बासा, खाने में सब्जी मनपसदं नही बनती(वास्तव