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Vasundhara Jadhav
माणसाचं मन विशाल सागरासारखं असते. त्याचं त्याचं साचणं असतं, त्याचं त्याचं घुटमळणं असतं, त्याची त्याची वादळं असतात, त्याची त्याची भरती-ओहोटी असते, त्याचा त्याचा विस्तार असतो, त्याची त्याची खोली असते. त्याच्याही खोलवर अंधार असतो, त्याचं भरकटणं असतं तर त्याचा किनारा असतो. त्याची त्याची निळाईही असते, त्याच चमकणंही असतं, त्याचं सामावून घेणंही असतं, त्याच दूर लोटणंही असतं, त्याचे त्याचे शंख, शिंपले आणि मोतीसुद्धा असतात. वसुंधरा जाधव ©Vasundhara Jadhav #वसु# मी समुद्र
#वसु# मी समुद्र #मराठीविचार
read moreVasundhara Jadhav
तुझ्या मोकळ्या केसांचं गच्च आभाळ दाटलं काठ काजळी गहिरे त्यात तुफान उठलं श्वास थांबती मंदसा झुले मनाचा हिंदोळा वारा खट्याळ धुंदसा घन मनाचा सावळा चाल सावळ्या मनाची फेर धरती भोवती लडीवाळ बट तुझी अशी अधीर सोबती मुग्ध रेशीमस्पर्श रोमरोमात फुलती आडखळणारे ओठ श्वास निशब्द गुंफती शब्द मौनाचे लाजरे रान पिसाट गाठलं तुझ्यामाझ्यातल्या वेळी दुर चांदणं सांडलं वसु ©Vasundhara Jadhav # दूर चांदण सांडलं#वसु#
# दूर चांदण सांडलंवसु# #मराठीकविता
read moreसतेन्द्र बिजल्वाण
एक मतला यूं अर्ज़ किया है कि :- खोल आंखे देख दुनिया हाए कितनी फेक दुनिया।। :वसु♻️ nojoto poetry love #Shayari #writersofinstagram poetr #wordporn #poetrycommunity #nojotoapp
read moreसतेन्द्र बिजल्वाण
एक मतला यूं अर्ज़ किया है कि:- . . . . . उसे भी इश्क़ थोड़ा तो रहा होगा किसी दिन हाथ पकड़ा था मोहब्बत से।। #Quote #wordporn #writersofinstagram #poetrycommunity #nojotoapp
read moreDr Vassundhara Rai
फ़ज़ाओं में मेरे इश्क़ के क़त्ल का असर ऐसा ख़ुद ख़ुदा सोचे रूह को आराम कहाँ पहुँचे सुन तेरी आवाज़ वसु का दिल धड़कता है टूटे हुए दिल का किस्सा तमाम कहाँ पहुँचे Dr Vassundhara Rai मेरी ग़ज़ल से दो शेर.... फ़ज़ाओं में मेरे इश्क़ के क़त्ल का असर ऐसा ख़ुद ख़ुदा सोचे रूह को आराम कहाँ पहुँचे सुन तेरी आवाज़ वसु का दिल धड़कता है टूटे
मेरी ग़ज़ल से दो शेर.... फ़ज़ाओं में मेरे इश्क़ के क़त्ल का असर ऐसा ख़ुद ख़ुदा सोचे रूह को आराम कहाँ पहुँचे सुन तेरी आवाज़ वसु का दिल धड़कता है टूटे
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प्रेम में डूबी हूं मैं, आलिंगनमय प्यार। करूणाकर कृपा करो, मुझसे कर इकरार।। मुझसे कर इकरार, काजल आँखों का कहे। सुनो मेरी पुकार, बेचैन हैं कमल नैन।। मांगे *वसु* वरदान, अधर सजूँ मुरली हेम। तज रूप मोह शान, रम जाऊँ गोपाल प्रेम।। Dr Vassundhara Rai प्रेम में डूबी हूं मैं, आलिंगनमय प्यार। करूणाकर कृपा करो, मुझसे कर इकरार।। मुझसे कर इकरार, काजल आँखों का कहे। सुनो मेरी पुकार, बेचैन ह
प्रेम में डूबी हूं मैं, आलिंगनमय प्यार। करूणाकर कृपा करो, मुझसे कर इकरार।। मुझसे कर इकरार, काजल आँखों का कहे। सुनो मेरी पुकार, बेचैन ह
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*कौन* --------- लम्बी रातों का हिसाब रखेगा कौन कटि कैसे तन्हाई मेरी सोचेगा कौन लफ़्ज़ों पे क्यों रही उदासी इतनी लवों को सिया किसने कहेगा कौन रहा शबाब जब तक साथ रहे हुए बेग़ाने क्युं राज़ खोलेगा कौन वसु दर्द पिघल पिघल बह रहा तुम्ही बताओ सैलाब रोकेगा कौन Dr.Vassundhara Rai *कौन* --------- लम्बी रातों का हिसाब रखेगा कौन कटि कैसे तन्हाई मेरी सोचेगा कौन लफ़्ज़ों पे क्यों रही उदासी इतनी लवों को सिया किसने कहेगा क
*कौन* --------- लम्बी रातों का हिसाब रखेगा कौन कटि कैसे तन्हाई मेरी सोचेगा कौन लफ़्ज़ों पे क्यों रही उदासी इतनी लवों को सिया किसने कहेगा क
read moreVikas Sharma Shivaaya'
सूर्य देव :-पुराणों के अनुसार सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है-अदिति के पुत्रों को आदित्य कहा गया है-33 देवताओं में अदिति के 12 पुत्र शामिल हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- विवस्वान् (सूर्य), अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, इंद्र और त्रिविक्रम (भगवान वामन)। सूर्य देव का परिवार काफी बड़ा है- उनकी संज्ञा और छाया नाम की दो पत्नियां और 10 संतानें हैं जिसमें से यमराज और शनिदेव जैसे पुत्र और यमुना जैसी बेटियां शामिल हैं। मनु स्मृति के रचयिता वैवस्वत मनु भी सूर्यपुत्र ही हैं। सृष्टि के प्रारम्भ में ब्रह्मा जी के मुख से 'ऊँ' प्रकट हुआ था, वही सूर्य का प्रारम्भिक सूक्ष्म स्वरूप था। इसके बाद भूः भुव तथा स्व शब्द उत्पन्न हुए। ये तीनों शब्द पिंड रूप में 'ऊँ' में विलीन हए तो सूर्य को स्थूल रूप मिला। सृष्टि के प्रारम्भ में उत्पन्न होने से इसका नाम आदित्य पड़ा। भैरव और कालभैरव:-यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि भैरव उग्र कापालिक सम्प्रदाय के देवता हैं और तंत्रशास्त्र में उनकी आराधना को ही प्राधान्य प्राप्त है। तंत्र साधक का मुख्य लक्ष्य भैरव भाव से अपने को आत्मसात करना होता है। काल भैरव शिव का ही स्वरूप हैं। इसलिए शिव की आराधना से पहले भैरव उपासना का विधान बताया गया है। भैरव भगवान महादेव का अत्यंत ही रौद्र, भयाक्रांत, वीभत्स, विकराल प्रचंड स्वरूप है। 1- कालभैरव भगवान शिव के अवतार हैं और ये कुत्ते की सवारी करते है। 2- भगवान कालभैरव को रात्रि का देवता माना गया है। 3- कालभैरव को काशी का कोतवाल माना जाता है। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 266 से 276 नाम 266 दुर्धरः जो मुमुक्षुओं के ह्रदय में अति कठिनता से धारण किये जाते हैं 267 वाग्मी जिनसे वेदमयी वाणी का प्रादुर्भाव हुआ है 268 महेन्द्रः ईश्वरों के भी इश्वर 269 वसुदः वसु अर्थात धन देते हैं 270 वसुः दिया जाने वाला वसु (धन) भी वही हैं 271 नैकरूपः जिनके अनेक रूप हों 272 बृहद्रूपः जिनके वराह आदि बृहत् (बड़े-बड़े) रूप हैं 273 शिपिविष्टः जो शिपि (पशु) में यञरूप में स्थित होते हैं 274 प्रकाशनः सबको प्रकाशित करने वाले 275 ओजस्तेजोद्युतिधरः ओज, प्राण और बल को धारण करने वाले 276 प्रकाशात्मा जिनकी आत्मा प्रकाश स्वरुप है 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य देव :-पुराणों के अनुसार सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है-अदिति के पुत्रों को आदित्य कहा गया है-33 देवताओ
सूर्य देव :-पुराणों के अनुसार सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है-अदिति के पुत्रों को आदित्य कहा गया है-33 देवताओ #समाज
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