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Ek villain
अगले कुछ दिनों में आई एन डी आई ए में शामिल दलों के मुंबई में बैठक होनी है इससे पहले उन में विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे को लेकर खूब मत्था पर्ची हो रही है यदि बिहार की बात करें तो सबसे ज्यादा पेज रजत और कांग्रेसमें सीटों को लेकर फस रहा है रे तू यह सोचकर सुकून में है उसे पिछली बार के बराबर 17 सीटें तो मिल जाएंगे लालू यादव के चौपाल में रोजाना दो-तीन घंटे इस मुद्दे पर मंथन हो रहा है बैठक के लिए मुंबई जाने से पहले लालू यादव बिहार में सीट बंटवारे का मान्य फार्मूला तैयार करने लगे हैं ©Ek villain मुंबई से पहले मत्था भेजी
मुंबई से पहले मत्था भेजी #Society
read moreSHAYAR VISHAL PIYAJI
hgxvjkknbddhjkk ©SHAYAR VISHAL PIYAJI जिस चौखट पर, मत्था नहीं टेका जिसने वो दुआ करने चला है ये इश्क़ भी किनती खूबसूरत बला है यारों by=shayar vishal piyaji #duaa #ishaq #ishqwalal
जिस चौखट पर, मत्था नहीं टेका जिसने वो दुआ करने चला है ये इश्क़ भी किनती खूबसूरत बला है यारों by=shayar vishal piyaji #duaa #ishaq ishqwalal #Zindagi #pyaar #mohabbat #ishqwalalove #SHAYARVISHALPIYAJI
read moreDipak Jha
कौन से मस्जिद में मैं करूं सजदे कौन से मंदिर में मत्था टेक आऊ कौन से पेड़ से मैं बांधू धागे कौन से कुएं में मन्नत मांग, नाम मैं तेरा लिख फेक आऊ, और एक रोज बजे मेरे दरवाजे की घंटी और तुम किचन से कहो ... अजी ....सुनते हो, खाली हो तो देख लो या मैं देख आऊ।। -DJ कौन से मस्जिद में मैं करूं सजदे कौन से मंदिर में मत्था टेक आऊ कौन से पेड़ से मैं बांधू धागे कौन से कुएं में मन्नत मांग, नाम मैं तेरा लि
Kareem Ali
कि मैं पीर बाबा के मजार पर बैठा था.. वो मन्दिर के आगे बैठीं थीं, मैं खान साहब का लड़का था वो पन्डित जी की लड़की थीं मैं कायल था उसके आँखों का वो मेरे नज़रों पर मरती थी,.. मैं खड़ा रहता था उसकी गली में वो छत पर चढ़ जाया करती थीं मैं #पूजा कर आता था मन्दिरों में वो भी मजारों पर मत्था टेक आती थीं वो होली पर मुझे रगं लगाती और वो खुद ईद की जश्न मनाती, मैं महाकाल के मन्दिर हो आता था वो हाजी अली हो आती थी वो मुझे वेद सिखाती, और मैं उसे कुरान की आयतें. मैं राम के भजन गाता था और वो मुझे खुद अजान सिखाती थी.. मैं मागंता था उसे मेरे रब से. और वो मुझे भगवान से मागती थी.. ये सब उन दिनों कि बात है . जब वो मेरी हुआ करती थीं part'-1 ©Kareem Ali #intimacy कि मैं पीर बाबा के मजार पर बैठा था.. वो मन्दिर के आगे बैठीं थीं, मैं खान साहब का लड़का था वो पन्डित जी की लड़की थीं मैं कायल था उ
gaanda
Talent ha tu hai...wahi.... jiska mujhe intzaar hai... ha tu hai...wahi..... jisse mujhe pyaar hai.... ha tu hai...wahi jo meri yaado me hai...rehti ha tu hai....wahi jise dhundhe nazre meri... ha tu hai.... wahi jisse keh na paya dil ki baate main... ha tu hai...wahi jo khyalo me hai...rehti ha tu hai...wahi jisse khwaabo me baate karoon ha tu hai...wahi Tu jo roye, main रोऊँ Ha tu hai...wahi Jiski muskurahate dekh main khush rahun Ha tu hai...wahi Jiske liye bhulaun main saari duniya... Ha tu hai...wahi Jiske bina na lagta dil mera.. Ha tu hai...wahi Jo tu dikhe...sukoon milta mujhe Ha tu hai...wahi Jiske liye main lad jaun jag se Ha tu hai mera khuda Jiske aage teku main मत्था Ha tu hai...wahi Tere siva na meri koi duniya... Tere siva na meri koi duniya... Ha tu hai...wahi Jiska ताउम्र intzaar main karunga Ha tu hai...wahi Jisse main pyaar, pyaar karunga Ha tu hai...wahi Tere siva na meri koi duniya Ha tu hai...wahi Tere bina na main bhi mera #spreadlove #ha_tu_hai...wahi.... jiska mujhe intzaar hai... ha tu hai...wahi..... jisse mujhe pyaar hai.... ha tu hai...wahi jo meri yaado
#Spreadlove #ha_tu_hai...wahi.... jiska mujhe intzaar hai... ha tu hai...wahi..... jisse mujhe pyaar hai.... ha tu hai...wahi jo meri yaado
read moreShilpi Signodia
Kammo part IX शादी के बाद कम्मो बाद कम्मो ने पूछा क: कब जा रहे है Venice इ: अभी तो मुश्किल लग रहा है, पर तू फिक्र न कर अमृतसर चलेंगे मत्था टेकने । क: (
शादी के बाद कम्मो बाद कम्मो ने पूछा क: कब जा रहे है Venice इ: अभी तो मुश्किल लग रहा है, पर तू फिक्र न कर अमृतसर चलेंगे मत्था टेकने । क: ( #LoveStory #yqdidi #yqtales #yqhindi #yqstory
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
अपनों में ही आज जताना, पड़ता है की प्यार है । दौलत की इस दुनिया का , आज बड़ा बाजार है ।। अपनों में ही आज.... दूर -दूर अब रहने वाले , कहते बढ़ता प्यार है । चालीस लोग चार दिवारे , मत होता परिवार है ।। अपनों में ही आज... लाये हो क्या जेवर गहने , या मुँह से ही प्यार है । बीवी भी अब पूछ रही हे , ऐसे होता प्यार है ।। अपनों में ही आज... पूरी करते रहो मुरादें , तेरा ही घर द्वार है । जितने महंगे तोहफे दो , उतना ही अधिकार है ।। अपनों में ही आज.... दाना-दाना हाथों में अब , आता यह आनार है । बीवी भी अब पूछ रही है , यह कोई परिवार है ।। अपनों में ही आज... बेटे बेटी पूछ रहे है , डैडी क्या उपहार है । शायद भूल गये है डैड़ी ,जन्मदिवंस त्यौहार है।। अपनों में ही आज... दूर-दूर रहने से देखा , मिटते अब संस्कार है । आते पास कभी फुर्सत में , होती फिर तकरार है ।। अपनों में ही आज.. आफिस से जब थक कर लौटूँ , कहते सब बीमार है । फिर चिंतित सब दिखते मुझको , लेकिन सब बेकार है ।। अपनों में ही आज...। मंदिर जाकर मत्था टेके , घर में माँ लाचार है । साथ-साथ रहने का अब तो , आता नही विचार है ।। अपनों में ही आज..... मातु-पिता को सुबह शाम अब , मिलती बस दुत्कार है । जीवन में इन राहों की भी , लीला अपरम्पार है ।। अपनों में ही आज... अपने ही बन जाते दुश्मन , गैर जताएँ प्यार है । दौलत की इस दुनिया का ,आज बड़ा बाजार है अपनों में ही आज जताना , पड़ता है की प्यार है । दौलत की इस दुनिया का , आज बड़ा बाजार है ।। ०१/१०/२०२२ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अपनों में ही आज जताना, पड़ता है की प्यार है । दौलत की इस दुनिया का , आज बड़ा बाजार है ।। अपनों में ही आज.... दूर -दूर अब रहने वाले , कहते बढ़
Shivank Shyamal
माहवारी ये माहवारी कोई भ्रम नहीं है, वो लड़की है इसमें कोई शर्म नहीं है , और हम ,उन मासिक धर्म पर उंगली उठाए, ये हमारा धर्म नहीं है।। 1) की कक्षा 7 का प्रथम दिवस उसको याद आता था, कि कई प्रयत्नों के बाद उसने अपना बैग लगाया था, अश्रु वर्षा के मध्य , उसने मां को जब पुकारा था , कुछ हिचक कर, उसने फिर कुछ ना बताया था।। प्रथम दिवस का सूर्य , ढलने को उतर रहा था , पर उसकी पीड़ा का उदय तो अब हो रहा था। मुरझाए हुए चेहरे के साथ, उसने घर में प्रवेश किया ही था, की मां को देख , अश्रु बांध टूट गया था। read caption ©Shivank Shyamal 2) वो 12वें साल कुर्ते के पीछे, एक दाग का डर लगने लगता था। असहजता और मरोड़ का भूचाल सा आ जाता था , जांघ, पेट और आंत में पीड़ा का समंदर उफना
2) वो 12वें साल कुर्ते के पीछे, एक दाग का डर लगने लगता था। असहजता और मरोड़ का भूचाल सा आ जाता था , जांघ, पेट और आंत में पीड़ा का समंदर उफना #periods #कविता #menstruation #MenstrualHygieneDay #maahvari
read moreVikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 रिटायर हुए उन्हें अभी अधिक समय नहीं हुआ था । 65 बरस के बाबूजी रिटायर्ड शिक्षक थे । उनकी बातचीत व आवाज़ में अलग ही रौब दिखता था..., धर्म पत्नी तो आठ साल पहले गुजर गयीं थीं। परिवार में तीन बेटे बहुएं व कुल सात पोते पोती थे। संयुक्त परिवार था । बाबूजी घर के मुखिया थे , सब उनका कहा मानतें थे..., बाबूजी अपने पास एक बड़ी सी गुल्लक रखा करते थे । सभी को सख्त हिदायत थी कि अपनीं बचत के पैसे गुल्लक में अवश्य डाला करें ..., जब गुल्लक पूरी तरह से भर जाती तो उसे तोड़कर बाबूजी सबसे जरूरतें पूछते , आकलन कर तय करते कि राशि किसे देनी है। बाबूजी के निर्णय पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगाता . अगली बार फिर नई गुल्लक रख दी जाती..., इस बार जब गुल्लक तोड़ी गयी तो सबने अपनीं जरूरतें बढ़ा चढ़ा कर गिनाईं ! तभी बाबूजी की नज़र कामवाली ललिता पर पड़ी जो बड़ी उम्मीद भरी नजरों से पैसों को एकटक देख रही थी..., बाबूजी ने पूछा, ललिता तेरी क्या जरूरत है , चल तू बता ? घर के लोग आश्चर्य से बाबूजी ओर देखने लगे। ये तो उनकी कमाई का हिस्सा है कामवाली से क्यों पूछा जा रहा है ? "बोल ललिता " ! जब दोबारा जोर से बाबू जी ने कहा तो ललिता बड़े ही बुझे स्वर में बोली , "बाबूजी मेरी तो कोई जरूरत ना है ", पर बिटिया पूजा के स्कूल में ऑन लाइन पढ़ाई हो रही है । मेरे पास ऐसा मोबाइल नहीं , जिसमें वो पढ़ सके। सुनते ही बाबू जी बोले स्मार्ट फोन चाहिए ? इधर आ बबलू , अपने छोटे बेटे से बाबूजी बोले । इन पैसों से स्मार्ट फोन लेते आना । सुनकर ललिता की आँख डबडबा गईं ! झट बाबूजी के चरणों पर मत्था टेक दिया। एक बच्ची पढ़ लिख जाए , इससे अच्छा और क्या हो सकता है ? आजकल की मतलबी दुनियां में किसी के लिए दो पैसा खर्च करना भारी लगता है इसलिए बच्चों मैं इस दुनियाँ में रहूँ या ना रहूँ , तुम अपनीं आय के एक छोटे हिस्से से "सहयोग व साझेदारी" की एक गुल्लक जरूर बनाये रखना। इससे बचत की प्रवृत्ति तो बनेगी ही , किसी एक के ऊपर कोई भार भी नहीं आएगा....! यदि परपीड़ा महसूस कर , उसका सदुपयोग करोगे तो अलग से धर्म कर्म की आवश्यकता भी ना होगी..., इस बूढ़े पिता की यह बात यदि अपनें "मन की गुल्लक" में सदा के लिए संचित कर लो तो मेरा जीवन सफल हो जाये....! सुनकर सब एक स्वर में बोल पड़े , जी बाबूजी ! इस घर में प्यार व सम्मान की गुल्लक हमेशां बनी रहेगी..., आज के युवा भविष्य की वित्तीय जरूरतों के प्रति सचेत और गंभीर नहीं हैं। वे इसके महत्व को नहीं जानते। बढ़ती उम्र में जब आय के साधन सीमित हो जाते हैं या कहें खत्म हो जाते हैं, तो न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने और जीवन शैली को बनाये रखने के लिए बढ़ते खर्च को पूरा करना मुश्किल होता है इसलिए यह जरूरी है कि हम आप अपने बच्चों को शुरू से ही बचत और निवेश करना सीखाएं..., भारतीय परिवार में छोटी बचत का रिवाज बहुत पुराना है। लगभग हर घर में मिट्टी के गुल्लक होते थे और बच्चे उनमें पैसे जमा करते थे। यह चलन अब बहुत कम ही देखने को मिलता है। नयी पीढ़ी, जिसे मिलेनियम भी कहा जाता है, बचत और अपनी आर्थिक जिम्मेवारियों के प्रति लापरवाह दिखती है। यह भविष्य के लिए ज्यादा चिंतित नहीं रहती और आज में ही जीवन व्यतीत करने में विश्वास करती है अगर आनेवाली पीढ़ी के भविष्य को सुखमय बनाना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि बच्चों में बचत करने की प्रवृत्ति को विकसित करना होगा, ताकि निवेश करने के तरीके को वे समझें...! अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" "सर्वधर्म समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 रिटायर हुए उन्हें अभी अधिक समय नहीं हुआ था । 65 बरस के बाबूजी रि
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 रिटायर हुए उन्हें अभी अधिक समय नहीं हुआ था । 65 बरस के बाबूजी रि #समाज
read morePankaj Singh Chawla
निक्की जेहि कुड़ी (👇अनुशीर्षक पढे👇) परम दी कहानी :- भाग -1 दोस्तों आज शुरुआत करन लगा अपनी नवी अते पहली श्रृंखला "निक्की जेहि कुड़ी" दी आप सबदे रूबरू है जी🙏🙏 जरूरी सूचना:- इस कहानी के सभी पात्र व घटना
दोस्तों आज शुरुआत करन लगा अपनी नवी अते पहली श्रृंखला "निक्की जेहि कुड़ी" दी आप सबदे रूबरू है जी🙏🙏 जरूरी सूचना:- इस कहानी के सभी पात्र व घटना
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