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Arvind puri Goswami
ज़ंजीर नहीं कटती तो अपने पाँव काट लो लंगड़ा कर चलो मग़र आज़ादी से चलो ©Arvind puri Goswami गद्य
गद्य #horror
read moreतेरे बिन अधूरा सा हूं...!!❤️
"लक्ष्य" ______ राह मिलेगी चलने को साथी तुमको अनेक लेकिन लक्ष्य बनाओ,सफलता पाने को एक। बिना लक्ष्य के जीवन तुम्हारा व्यर्थ है लक्ष्य बिना जिंदगी तुम्हारी अस्त-व्यस्त है। गिरो गर कई बार तुम,बार-बार उठना सीखो सफलता मिलेगी एक दिन तुमको मन में दृढ़ संकल्प बना कर रखो। सफलता-असफलता जिंदगी का उसूल है लक्ष्य बनाकर न चलना जिंदगी की बड़ी भूल है। जिसका लक्ष्य बनाओ तुम,स्वप्न में भी वो आए तुमको रात भर जगाए लक्ष्य का याद दिलाए। || गद्यांश १ || #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन #restzone #rzकाव्यसंरचना
|| गद्यांश १ || #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन #restzone #rzकाव्यसंरचना
read moreइकराश़
अधिकता और अभाव, दोनों ही समान दर्द है। मार डालती है अक्सर, रिक्त कर देती सब कुछ, शून्य और निर्वात जन्म, ले लेता है तब अंदर।। कभी कभी कैप्शन्स की ज़रूरत नहीं होती। ~ इकराश़ #गद्य_ए_इकराश़ #ज़िन्दगी #इकराश़नामा
कभी कभी कैप्शन्स की ज़रूरत नहीं होती। ~ इकराश़ #गद्य_ए_इकराश़ #ज़िन्दगी #इकराश़नामा
read moreशुभी
मैंने रिश्तों को बनते देखा है, भरोसे की आँच पे दोस्ती को तपते देखा है, मैंने देखा है दोस्तों का क़रीब आना, उनका समय के साथ चले जाना भी देखा है। मैंने रिश्तों को बिखरते देखा है, देखे हैं दिन के नक़ाब, रात का चेहरा भी देखा है। घड़ी की टिक टिक के पीछे का शोर देखा है, कोहराम में मौजूद ख़ामोशी को देखा है। मैंने देखा है उड़ते परिंदों के क़ैद अरमानों को, मैंने पिंजर में रोशन चिरागों को देखा है। चाँद को ईर्षा से जलते हुए देखा है, और ज़मीन को सुकून से मरते हुए देखा है। गद्य लिखने का प्रयास किया था, पर पद्य ही बन गया बनते बनते। #yqbaba #dimri #yqdidi #prose #गद्य
Swarima Tewari
एक दिन ज़िन्दगी से शर्त लगाई जीतने की और दौड़ गए। फिर दौड़े तो इतना तेज़ दौड़े कि साँस फूलने लगी पर रुक जाने पर हारने का डर! लेकिन इक रोज़ जब समझ न आया कि जीत के लिए पहुँचना कहाँ था, तो पीछे मुड़े कि ज़िन्दगी को होगी ख़बर.. मग़र न पीछे ज़िन्दगी नज़र आई और न आगे मंज़िल का सफ़र..! फिर हुआ यूँ कि न पैरों में ज़मीं बची, न जिस्म में रूह.. और इस तरह अपने ग्रह की खोज में अंतरिक्ष में घूमता हुआ, मैं एक खोया हुआ उपग्रह बन गया! #yqhindi #yqdidi #hindiquotes #yqdidihindi #yqbaba #गद्य #ज़िन्दगी #रेस
#yqhindi #yqdidi #hindiquotes #yqdidihindi #yqbaba #गद्य #ज़िन्दगी #रेस
read moreइकराश़
मैं, तुम, हम, तुम, मैं। ज़िन्दगी यूँ ही ख़त्म हो जाएगी। यही ज़िंदगी है।। इकराश़ #YqBaba #YqDidi #इकराश़नामा #गद्य #ज़िन्दगी **शुक्रिया जिन्होंने याद किया।
यही ज़िंदगी है।। इकराश़ #yqbaba #yqdidi #इकराश़नामा #गद्य #ज़िन्दगी **शुक्रिया जिन्होंने याद किया।
read moreOjaswani Sharma
Indian Army Day चल पड़ा हूँ लड़ने देश के लिए मैं जंग, माँ, होगी दिल में तू हर पल मेरे संग, जब खून की होली सरहद पर खेली जाएगी, पापा, तब आपकी प्यार वाली डाँट याद आएगी, भूलकर सब जंग के लिए मैं तैयार हो जाऊँगा, बहन, पर तेरे से किया हर वादा मैं निभाऊँगा, पता नहीं मुझको कि क्या लिखा है जिंदगी में कल, प्रिय, रहोगी दिल में मेरे तुम हर पल, चली जाए अगर वहाँ वतन के लिए मेरी जान, बच्चों, बनाए रखना तुम सदैव घर का मान, भारत माँ के पुत्र होने का फर्ज बखूबी निभाऊँगा, चलकर ना सही तो तिरंगे में लिपटकर वापस जरूर आऊँगा । ©Ojaswani Sharma द्रितीय (दूसरा) अंश गद्यांश वतन के लिए जंग में जाते वक्त उसके मन के भाव अपने परिवार के लिए इस कविता द्वारा- #ArmyDay
द्रितीय (दूसरा) अंश गद्यांश वतन के लिए जंग में जाते वक्त उसके मन के भाव अपने परिवार के लिए इस कविता द्वारा- #ArmyDay
read moreSwarima Tewari
रात की चाल है गिरना भी संभलना भी आपा खोता दिल अपना तसल्ली ख़ुद से मिलने की आवाज़ें सुनाई न दे बस होती चीरती ख़ामोशी रात छौंकती यादों को चाँदनी से पूर्णिमा की अमावस का अंधेरा लेपती रात की परिभाषाएँ गढ़ती ज़िन्दगी है मतवाली एक रात जो बुद्ध की थी सबसे "रौशन" वही एक रात यशोधरा बोली "सबसे काली" रात के स्वर🖤 यशोधरा~बुद्ध की पत्नी #yqhindi #yqdidi #yqbaba #hindiquotes #रात_के_स्वर #pc_pinterest #रात #गद्य
रात के स्वर🖤 यशोधरा~बुद्ध की पत्नी #yqhindi #yqdidi #yqbaba #hindiquotes #रात_के_स्वर #pc_pinterest #रात #गद्य
read moreOjaswani Sharma
Indian Army Day नन्ही किलकारी से चारो तरफ खुशियां है छाई, बेटे के जन्म पर बाप ने मिठाई है बटवाई। माँ बाप ने संजोके आँखों में सपने हज़ार, न्योछावर कर दिया बेटे पर अपना प्यार। बड़ा हुआ, अपने अंदर उसने एक जूनून पहचाना, देश की रक्षा करना उसने अपना परम कर्तव्य माना। माँ बाप के मन में यह कैसी व्यथा आयी, आखिर कैसे भेज दे बेटे को सीमा पर करने लड़ाई। फीकी पड़ गयी व्यथा बेटे के जूनून के आगे, भेज दिया उसको सरहद पर बांध के मन्नतो के धागे। ©Ojaswani Sharma ****सैनिक**** प्रथम (पहला) अंश गद्यांश जब बेटा पैदा होता है, तब कितनी खुशी का माहौल होता है, उस माहौल को वर्णित करती ये कविता- #ArmyDay
****सैनिक**** प्रथम (पहला) अंश गद्यांश जब बेटा पैदा होता है, तब कितनी खुशी का माहौल होता है, उस माहौल को वर्णित करती ये कविता- #ArmyDay
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