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Vishesh Pandey
तुम्हें शिकायत है कि मुझे बदल दिया है वक़्त ने, कभी खुद से भी तो सवाल कर कि क्या तू वही है। जहां एक ओर इस महामारी से पूरी दुनियां जूझ रही हैं चाहें कोई गरीब हो या कोई बड़ी हस्ती , हज़ारों की जाने जा चुकी हैं और लाखों इस बिमारी से जूझ रहे हैं वहीं सवाल ये खड़ा होता हैं , कि हम अब तक इस बिमारी की चपेट में क्यों नहीं हैं हमारी जागरूकता ही सब कुछ है ? या कोई और वजह हैं? #वजह #yqdidi #yqbaba #कोरोना_वायरस #महामारी #YourQuoteAndMine Collaborating with Queen sumbul nishat
जहां एक ओर इस महामारी से पूरी दुनियां जूझ रही हैं चाहें कोई गरीब हो या कोई बड़ी हस्ती , हज़ारों की जाने जा चुकी हैं और लाखों इस बिमारी से जूझ रहे हैं वहीं सवाल ये खड़ा होता हैं , कि हम अब तक इस बिमारी की चपेट में क्यों नहीं हैं हमारी जागरूकता ही सब कुछ है ? या कोई और वजह हैं? #वजह #yqdidi #yqbaba #कोरोना_वायरस #महामारी #YourQuoteAndMine Collaborating with Queen sumbul nishat
read moreInsprational Qoute
पदयात्रा ********* लौट आये घर को जो इकरोज निकले थे मजदूर काम की तलाश में, कुदरत की मार ऐसी पड़ी थी कि,गये थे जिसमें,लौटे उसी लिबास में, सजग प्रहरी थे वो अपनो की भविष्य की खुशियों के इंतजार में, पर मौकापरस्त लोगो ने न समझा उनका दुख छोड़ दिया वीरान राह में, न घर न छत ऊपर से महामारी की मार निकल पड़े पदयात्रा को नंगे पांव न धूप देखा न छाँव, बेरत इस दुनिया निकली ये दुनिया,पैदल ही छाले लेकर पैरो में पहुंचे अपने गाँव। #साहित्यिक_सहायक #sanjaysheoran #ritiksheoran #कोराकाग़ज़ #मजदूर #महामारी
kavi manish mann
आखिर कया चाहती है जिंदगी! फिर से दवा चाहती है जिंदगी। गज़लें सुनाते हुए मैं रो पड़ा, रब, आसरा चाहती है जिंदगी। कब ख़त्म होगा बता दौरे वबा? रब,कहकहा चाहती है जिंदगी। हालात कैसे भी’ हों अब ऐ खुदा, सुख बारहा चाहती है जिंदगी। फानी है’ ये जिस्म माना ‘मन’ मगर, कुछ फ़लसफ़ा चाहती है जिंदगी। #मौर्यवंशी_मनीष_मन #ग़ज़ल_मन #शेर_मन #जिंदगी #yqdidi #महामारी #मौत #berojgari
Ankit
सूचना महामारी के वापस आने की थी; पर्याप्त धन राशि भी दी गई थी राज्यो को; हेल्थकेयर राज्यो के अधिकार क्षेत्र में आता; राज्यो ने कोविड टेस्ट करना घटाया रोजाना; लोग भी नियमों को धज्जियां उड़ाई बेबाक; जिस देश के लोग ऐसे, सरकारें भी वैसी ही; संकट बढ़ी है तो मुसीबत भी झेलना पर रहा; जमाखोरी, अनैतिक कार्य आप जैसे ही कर रहे; महामारी है तो जीवन में तांडव तो मचेगा ही; अगर इतनी सी बात आपको समझ नहीं आरही है; तो आपको चूतिया बनाया नही जा रहा, आप चूतिया है ! #चूतिय #संकट #महामारी #yqdidi #yqbaba
Vikas Verma
Subhasish Pradhan
दर्द ही दर्द है थरथराते लफ्ज़ और बहता आंसू है।। कब मिलेगी मंज़िल जो रास्ता इतना लंबा है, भूख को भी भूख नही लगता उसे भी अब घर जाना है।। दर्द ही दर्द है थरथराते लफ्ज़ और बहता आंसू है।। #दर्द #भूख #महामारी #पथिक #yqbaba #yqdidi
Jyotshna Rani Sahoo
जिसे लिखने को मेरे कलम कांप रहा वो दास्तां सोचो कितना भयानक होगा मेरे निवाले को मुंह से ढकेलता किस्सा मैं भी हूं इस महामारी का हिस्सा अगर ये कायनात का कहर है क्या इसकी समाधान के कोई डगर है? है ईश्वर ले जाओ मेरे खून के एक एक कतरा हटा दो दुनियां से मंडराते ये खतरा कोई भूख से तड़पे कोई सासों के लिए हम क्यूं अभी तक आसानी से जिएं नहीं यह बस तड़प है जो मौत से परे मेरे ही नहीं सबके अंदर है भरे मानती हूं गलत कुछ हमने है किया सजा देकर हटा दो इस मौत के साया देख हम दिलाते हैं तुम्हे याद ये दुनिया तुम्हारी बनाई अब तू कर फैसला केसे करेगा हर चीज की भरपाई #yqdidi #yqbaba#महामारी#yqquotes
LOL
लगी महामारी मानवता हारी जीता अंधियारा! ©KaushalAlmora #महामारी #रोजकाडोजwithkaushalalmora #अंधियारा #मानवता #huminity #covideffect #life #yqdidi
#महामारी #रोजकाडोजwithkaushalalmora #अंधियारा #मानवता #huminity #covideffect life #yqdidi
read morevibrant.writer
#महामारी #lockdown : 25.03.20 to 14.04.20 कोई उस मूर्ख को जाकर समझाए, यह डेंगू, मलेरिया नहीं महामारी है। घर से बाहर कदम रखना मतलब, यमराज से मिलने की तैयारी है। #coronavirus #covid19 #corona #social_distancing #stayhome #vibrant_writer #pritliladabar #yqdidi
Ek villain
2 वर्ष की महामारी के बाद खेल खेलने आ रहा है वसंत इस शब्द के अचार के साथ ही रंगों को सूंघने एक बार पूर्व पूरा मौसम अंगड़ाई लेने लगता है वैसे तो बिजी बताता है और देने की चारे में रिट वह हमें कहीं प्रोग्राम में कुछ ना कुछ केवल प्रभावित करती है बल्कि सुख अनुभूति भी कराती हमारे लोग और पंचांग में वसंत ग्रामीण ही शुरू हुए तो श्राद्ध हेमंत और सुशील पितरों की रेत में मानी जाती हैं क्योंकि इसी ऋतु में गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्रि पढ़ते हैं विक्रम संवत का अनीता ने वर्ष गुड़ी पड़वा से आरंभ होता है इसलिए गुड़ी पांडव का दिन नए विचार कभी प्रतिज्ञा करो ना महामारी के कारण लगाए गए देशव्यापी परिवेदना बताए जा रहे हैं इसलिए इस बार वसंत हर भारतीय के मन में आपके लिए करता हुआ उमड़ रहा है बसंत परिवर्तन के साथ लेकर आते हैं और उसके अनुभव घर आंगन में पतझड़ यानी पेड़ों से घिरे पत्तों से करता है और फिर वृक्षों की टहनियों में नई को पेल टूटती है पलाश के फूल 10 या गहरे लाल रंग के साथ खेल होते हैं हरियाली जंगल जंगल फूटने के अनुकूल अनुकूल दिखाई देते मौसम का यह बदलाव केवल प्राकृतिक में नहीं दिखता बल्कि मनुष्य के मस्तिष्क और शरीर में भी हलचल मच आता है पक्षियों में भी सुख का अहसास होता है हमारे ऋषि-मुनियों ने तो हजारों वर्ष पहले यह जान लिया था कि जो ब्राह्मण में है वही मन मस्तिक में है अतः बरामद यह सभी हलचल समूचे जीवन जगत को प्रभावित करती है इस प्राकृतिक तद्भव को वैज्ञानिक ने भी स्वीकार कर लिया है इसलिए मार्गदर्शन में मनुष्य की चेतना नहीं मानी गई है जहां वे सृष्टि के भीतर अनुभव करें प्राचीन संस्कृत साहित्य में सृष्टि और जीवन को लेकर गंभीर और जीवन यापन हुआ है ©Ek villain #महामारी के बाद आता बसंत #Hope