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Sweta
अरे,, ठहर जा ओ जिन्द़गी निकल पड़े है हम अभी तो चलना सीखा है देख चल पड़े हम माना मंज़िल दूर है पर उम्मीद नहीं छोडेंगे हम चाहे लाख ऊचाँ हो आसमाँ ,मंज़िल पाऐंगे हम वादा रहा तुझसे ऐ जिन्द़गी, हौसलों से उड़ान है पंख लगाऐंगे हम, मंज़िल पाऐंगे हम ।। Thank you Soo much friend apne Meri writing ko miss kiya 🙏😊 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read morekavi manish mann
ठहर जा मंज़िल मुसाफ़िर थक गया है। हारा नहीं है बस ज़रा सा रुक गया है अभी शुरुआत की थी कोई तजुर्बा न था, नई लीक का पथिक वक्त से लड़ गया है। हालात नाज़ुक था लेकिन हार न मानी, ज़रा सा रुका फिर आगे बढ़ गया है। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read moreashutosh anjan
चले जा रहा हूँ मंज़िल-ए-ज़ानिब, मसाफ़त का सिलसिला चलता रहे..। चलता रहा गर्द-ए-राह मे, सर-ब-सर नए नए मुसाफ़िर मिलते रहे..। ठहर जा मंज़िल रास्ते ख़त्म हो गए है अब, राहों के शौक़ में एक ग़लत क़दम उम्र भर ख़लते रहे। फ़कत कुछ तमन्नाओं की ख़ातिर, नाज़ायज़ किरदारों में ढ़लते रहे। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read moreDivyanshu Pathak
अब तलक़ तो चिराग़ तले अंधेरा ही रहा। आरक्षण,भ्रष्टाचार का विष पीए जा रहा हूँ। जबसे चलना सीखा मैं चलते जा रहा हूँ। मध्यम वर्गीय परिवार में पलते आ रहा हूँ। ज़रूरत है मुझे ख़्वाहिश को मक़ाम देने की। मैं दीये सा उसी चाहत में जलते जा रहा हूँ। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read moreDR. SANJU TRIPATHI
मै पथिक हूं नया, तेरी राहों में मेरे साथ मेरा हाथ थाम कर तो चल, अभी अभी शुरू किया है मैंने जिंदगी का सफर, हौसला भी है और जज्बा भी बहुत है, पर थक जाता हूं जल्दी थोड़ा सब्र तो कर, मै पथिक हूं नया मेरे साथ तू चल लक्ष्य है बड़ा और मंजिल भी है बहुत दूर , विश्वास है बड़ा और भरोसा भी है खुद पर ठहर जा मंजिल, मेरा थोड़ा इंतजार तो कर ठहर जा मंजिल, मेरा थोड़ा इंतजार तो कर मै पथिक हूं नया मेरे साथ तो चल।। - " Ek Soch" 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read moreMonali Sharma
हांँ हूँ मैं थोड़ा बखील, सही पहचाना किसी और का नहीं, अपने मंज़िल का हूँ दिवाना तेरी चाहत नहीं मुझे यहांँ तक खींच लाया ऐ मंज़िल, इक तेरी ही मुझे प्यार की माया ठहर जा ओ मंज़िल, मैं तो तुझसे मुतासिर हुआ तू मेरा सफ़र, और मैं तेरा मुसाफिर हुआ बखील-कंजूस 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
बखील-कंजूस 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
read moreSangeeta Patidar
ठहर जा मंज़िल, ज़रा और ठहर जा तू, उनके बिना, तेरा मिलना बेमानी सा है। देर अक़्सर हो जाती है उनको आने में, मगर उनके बिना, बढ़ना गँवानी सा है। फ़ुर्सत उन्हें नहीं है, मगर मुझे तो है ना, उनके बिना, साथ जाना गुमानी सा है। ठहर जा री मंज़िल........। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read moreAnamika Nautiyal
अनवरत "अनाम" संघर्षों के पश्चात यह मिलन घड़ी आई है भागती रही जिसके पीछे वर्षों से उसने आज बाहें फैलाई है कितनी ठोकरें, कितनी असफलताएँ हाथ आयी थी कितनी दफ़ा मैं काँटों की राह पर चली थी सब कुछ अब फलीभूत हो रहा है देखो सामने मेरा लक्ष्य ठहरा है। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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read moreAamir Qais AnZar
Subway Surfers si ho gayi hai Zindagi, Bhaag bhi rahe hain bus; be-Manzil. 🎀 Challenge-229 Collabwithकोराकाग़ज़ सबवे सरफर्स सी हो गयी है ज़िन्दगी, भाग भी रहे हैं बस; बे-मंज़िल #ठहरजामंज़िल #subwaysurfers #मंज़िलकीओर #भागदौड़ #बेखबर #ZindagiAajKal #ZindagiTales #EnlightenAQua Collaborating with कोरा काग़ज़
🎀 Challenge-229 Collabwithकोराकाग़ज़ सबवे सरफर्स सी हो गयी है ज़िन्दगी, भाग भी रहे हैं बस; बे-मंज़िल #ठहरजामंज़िल #subwaysurfers #मंज़िलकीओर #भागदौड़ #बेखबर #ZindagiAajKal #ZindagiTales #EnlightenAQUA Collaborating with कोरा काग़ज़
read moreShankki Sharma
ठहर जा मंज़िल हम भी तो ठहरे है तुझ तक पहुँचने की राह में लगे कितने पहरे है फिर भी देखो हमें तुझे तक पहुँचने को हम कितने उतावले है हर पहरे को तोड़कर हम तुझ तक पहुँचने वाले है दुनिया की बातें सुनते नही हम हो गए बहरे है। 🎀 Challenge-229 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
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