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NIKHAT دل سے درد کا رشتہ
कोरा कागज़ बता तुझमे मै क्या लिखू अपनी बर्बाद ज़िन्दगी की दास्तान लिखू या उनकी जुदाई का गम लिखू आँखों से बहता आंसू लिखू या तड़पते दिल की बेताबी लिखू अपनी बेहद मुहब्बत लिखू या उनकी बेइंतिहा नज़रअंदाज़ी लिखू समझ नहीं आता मै क्या लिखू अपनी तन्हा तरसती दिन लिखू या नागिन सी दस्ती राते लिखू ऐ कोरा कागज़ बता ना मै तुझमे कौन कौन सी अपनी बेबसी की कहानी लिखू ©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے #कोराकागज़ है #मै क्या लिखू shashi kala mahto Ambika Mallik Ek Alfaaz Shayri प्रशांत की डायरी Adhuri Hayat Sana naaz. Mahi Mili Saha ᴩᴏᴏᴊᴀ ᴜᴅᴇꜱʜɪ Riti sonkar डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) ग्वालियर Shiv Narayan Saxena J P Lodhi. Nikhat SHWETA DAYAL SRIVASTAVA Ashraf Fani【असर】 Lalit Saxena heartlessrj1297 chanda sharma ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक
#कोराकागज़ है #मै क्या लिखू shashi kala mahto Ambika Mallik Ek Alfaaz Shayri प्रशांत की डायरी Adhuri Hayat Sana naaz. Mahi Mili Saha ᴩᴏᴏᴊᴀ ᴜᴅᴇꜱʜɪ Riti sonkar डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) ग्वालियर Shiv Narayan Saxena J P Lodhi. Nikhat SHWETA DAYAL SRIVASTAVA Ashraf Fani【असर】 Lalit Saxena heartlessrj1297 chanda sharma ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक
read moreKulbhushan Arora
ज़िंदगी... आग का दरिया है, इससे सबको गुज़रना भी ही, प्रश्न है की क्या किया जाए, आओ ज़रा इस बात को समझें कि आग ना जलाए, दरअसल, हम इस।आग को भड़काते हैं, व्यर्थ चाहतें,व्यर्थ कामनाएं, व्यर्थ की बहस और जाने क्या क्या, मेरी मानो ना.. अपने दिल को वश में कर लो, नियंत्रण की रस्सी से बांध रखो, ये मदमस्त हो जाता है अगर खुला छोड़ दो इसको, हां और एक बात.... कर सको तो स्वयं से मित्रता घनिष्ठ मित्रता करना... आग का दरिया आसानी से पार हो जाएगा 1. 21/11/2021 #ज़िंदगी #आगकादरिया #KKसांझ #collabwithकोराकागज़ #KKकविसम्मेलन #विशेषप्रतियोगिता #कोराकागज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with सुशील कुमारी "सांझ"
1. 21/11/2021 #ज़िंदगी #आगकादरिया #KKसांझ #collabwithकोराकागज़ #KKकविसम्मेलन #विशेषप्रतियोगिता #कोराकागज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with सुशील कुमारी "सांझ"
read moreSuchita Pandey
"ख्वाहिशें मेरी कुछ यूँ भी अधूरी रही , पूरी जिन्दगी न जाने क्या मैं चाहती रही। पहले उम्र नही थी , अब उम्र नही रही। कुछ ना-तमाम ख्वाहिशों को मैं पालती रही..!!" #नातमाम (ना - तमाम = अपूर्ण, incomplete, imperfect ) #ख़्वाहिशें #उर्दूशायरी #कोराकागज़ #उर्दूपाठशाला #suchitapandey "ख्वाहिशें मेरी कुछ यूँ भी अधूरी रही , पूरी जिन्दगी न जाने क्या मैं चाहती रही। पहले उम्र नही थी , अब उम्र नही रही। कुछ ना-तमाम ख्वाहिशों को मैं पालती रही..!!" #सुचितापाण्डेय
#नातमाम (ना - तमाम = अपूर्ण, incomplete, imperfect ) #ख़्वाहिशें #उर्दूशायरी #कोराकागज़ #उर्दूपाठशाला #suchitapandey "ख्वाहिशें मेरी कुछ यूँ भी अधूरी रही , पूरी जिन्दगी न जाने क्या मैं चाहती रही। पहले उम्र नही थी , अब उम्र नही रही। कुछ ना-तमाम ख्वाहिशों को मैं पालती रही..!!" #सुचितापाण्डेय
read moreSuchita Pandey
"माना की वे नवाबी बहोत है , रखते हौसला-ए-ज़ोर बहोत है । न कर ग़ुरूर इतना भी ख़ुद पर , यहाँ वक़्त से बड़ा कोई 'शह-ज़ोर' नहीं है।" #शहज़ोर = शक्तिशाली / powerful / mighty #उर्दूअल्फाज़ #शह-ज़ोर #उर्दूपाठशाला #कोराकागज़ #suchitapandey #yqurdushayri "माना की वे नवाबी बहोत है , रखते हौसला-ए-ज़ोर बहोत है। न कर ग़ुरूर इतना भी ख़ुद पर , यहाँ वक़्त से बड़ा कोई 'शह-ज़ोर' नहीं है।" #सुचितापाण्डेय
#शहज़ोर = शक्तिशाली / powerful / mighty #उर्दूअल्फाज़ #शह-ज़ोर #उर्दूपाठशाला #कोराकागज़ #suchitapandey #yqurdushayri "माना की वे नवाबी बहोत है , रखते हौसला-ए-ज़ोर बहोत है। न कर ग़ुरूर इतना भी ख़ुद पर , यहाँ वक़्त से बड़ा कोई 'शह-ज़ोर' नहीं है।" #सुचितापाण्डेय
read moreSuchita Pandey
"कोई 'इख़्तिताम' नहीं दिल के सूनेपन का, सन्नाटे के पार, इक सन्नाटा और भी है ।" #इख़्तिताम = अंत / end #कोराकागज़ #उर्दू_अल्फ़ाज़ #उर्दूशायरी #suchitapandey #उर्दूपाठशाला #yqurdushayri "कोई 'इख़्तिताम' नहीं दिल के सूनेपन का, सन्नाटे के पार, इक सन्नाटा और भी है।" #सुचितापाण्डेय
#इख़्तिताम = अंत / end #कोराकागज़ #उर्दू_अल्फ़ाज़ #उर्दूशायरी #suchitapandey #उर्दूपाठशाला #yqurdushayri "कोई 'इख़्तिताम' नहीं दिल के सूनेपन का, सन्नाटे के पार, इक सन्नाटा और भी है।" #सुचितापाण्डेय
read moreSuchita Pandey
"ना पूछो के मंजिल का पता क्या है, अभी तो बस 'हरीफ़' सफर बाक़ी है।" #हरीफ़ #उर्दू_अल्फ़ाज़ #कोराकागज़ #सुचितापाण्डेय #suchitapandey #मेरीशायरीमेरादर्द
Suchita Pandey
'मक़्तल' की आरज़ू में मुलाक़ात तो एहतियातन हो गई थी उनसे, मिलने का कोई इरादा न था । राह चलते यूँ दे दिया था आने का पैगाम , महफ़िल में बुलाने.का कोई वादा न था ॥ #मक़्तल #कोराकागज़ मक़्तल = निष्पादन #उर्दूशायरी उर्दू की पाठशाला #suchitapandey 'मक़्तल' की आरज़ू में मुलाक़ात तो एहतियातन हो गई थी उनसे, मिलने का कोई इरादा न था ।
#मक़्तल #कोराकागज़ मक़्तल = निष्पादन #उर्दूशायरी उर्दू की पाठशाला #suchitapandey 'मक़्तल' की आरज़ू में मुलाक़ात तो एहतियातन हो गई थी उनसे, मिलने का कोई इरादा न था ।
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निशा कमवाल (बचपन) ******** अद्भुत सा अनमोल अति न्यारा यह प्यारा, बिना चिंता का बचपन का संसार हमारा, वो पानी में हिलोरें खाती एक कश्ती थी, नंगे पाँव निकलते वो सावन की मस्ती थी, नन्हें नन्हें पैरों में वो पायल खनकती थी, सच मायनों में वहीं मेरी असली जिंदगी थी,
(बचपन) ******** अद्भुत सा अनमोल अति न्यारा यह प्यारा, बिना चिंता का बचपन का संसार हमारा, वो पानी में हिलोरें खाती एक कश्ती थी, नंगे पाँव निकलते वो सावन की मस्ती थी, नन्हें नन्हें पैरों में वो पायल खनकती थी, सच मायनों में वहीं मेरी असली जिंदगी थी,
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वो आख़िरी ख़त ख़त पुराना था मगर बेटे को खोने का ज़ख्म आज भी ताजा था,वो पढ़ रही थी बड़े ही प्रेम भाव से ख़त था उसके बेटे का जो वतन की आन बान शान बनाये रखने की ख़ातिर ख़ुद का जीवन बलिदान कर धरती माँ के आँचल में समा गया,वो माँ थी कभी बेटे की तस्वीर अपने आँचल से साफ करती,तो कभी उसका पुराना ख़त पढ़ने लग जाती,माँ का दिल था करती भी क्या बस पास उसके वही एक ख़त बेटे की तस्वीर ही थी जो उसके जीवन व्यतीत करने का सहारा थी। कहती न किसी से कभी कुछ छुपा कर गम दुनिया के सामने तन्हाई में फूट फूट कर रोती,वो माँ थी सब्र भी भला कैसे करती,बड़ा ही मुश्किल होता है एक माँ को सब्र करना। होली के हमजोली-15 #collabwithकोराकाग़ज #कोराकागज़ #होली2021 #kkhkh2021 #होलीकेहमजोली #विशेषप्रतियोगिता #tarunasharma0004
होली के हमजोली-15 #collabwithकोराकाग़ज #कोराकागज़ #होली2021 #kkhkh2021 #होलीकेहमजोली #विशेषप्रतियोगिता #tarunasharma0004
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पुश्तैनी घर जब टूट रहा था घर पुश्तैनी वो माँ पापा बैठे थे जमीं पर वहीं जब टूट रहीं थी कच्ची दीवारें तब मिट रही थी बुजुर्गो की निशानी उनकी,बदल रहा था घर का नक्शा जा रही थी सोच आधुनिकता की ओर बेबस थे वो अल्फाज़ में संतान से कुछ कह न पाये लाचारी थी ऐसी कि रहना उनको संतान के संग ही था,मिट रही थी धरोहर पिता की घर से जुड़ी यादों का सफ़र जहाँ से उनका शुरू हुआ, वहीं माँ का उस पुराने घर में ब्याह कर आना, बदल रहा था घर छोटे से बड़े की ओर बदल रहा था घर उनका ग्रामीणता से आधुनिकता की ओर। होली के हमजोली-14 #collabwithकोराकाग़ज #कोराकागज़ #होली2021 #kkhkh2021 #होलीकेहमजोली #विशेषप्रतियोगिता #tarunasharma0004
होली के हमजोली-14 #collabwithकोराकाग़ज #कोराकागज़ #होली2021 #kkhkh2021 #होलीकेहमजोली #विशेषप्रतियोगिता #tarunasharma0004
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