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Miss mishra
वह चाहता अगर तो चुनता संपूर्णता प्रेम की फिर उसने आखिर क्यों चुनी होगी अपूर्ण प्रेम की पीड़ा? ©Miss mishra #कृष्णमेरे #अपूर्ण
Divya Thakur
अविवाहित किरदारों का मानना है कि विवाह उन्हें पूर्ण कर देगा। विवाहित किरदारों का मानना है कि बच्चों को जन्म देने से वे पूर्ण हो जाएँगे। माता-पिता को लगता है कि वे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के पश्चात पूर्ण हो जाएँगे। एक बेरोजगार व्यक्ति नौकरी पाने में पूर्णता देखता है जबकि एक नौकरी करने वाला व्यक्ति उच्च पद पाने में। एक भूखे व्यक्ति का मानना है कि भोजन उसे पूरा कर देगा और जिसका पेट भरा हुआ है उसके पूर्णता के बारे में अपने रंगीन विचार है। एक बेसहारा निर्धन कुछ सोने के सिक्के प्राप्त करने में पूर्णता देखता है जबकि एक धनी व्यक्ति दान या आध्यात्मिकता में लिप्त होकर पूर्ण होना चाहता है परंतु नहीं हो पाता। इस पल आपको राजा बनने में पूर्णता दिखाई दे सकती है और अगले ही पल आप पूर्ण होने के लिए कोई मनोरंजन ढूँढते हैं। कुछ घंटों पश्चात आपको तन मैला लगता है तो आप सोचते हैं कि स्नान करने से आप पूर्ण हो जाएँगे। फिर स्वादिष्ट भोजन का विचार आने पर आप अच्छा भोजन करके पूर्णता अनुभव करने ही वाले होते हैं कि कोई अन्य स्थिति पैदा हो जाती है जिससे आपके पूर्णता के विचार को संकट पैदा हो जाता है। फिर आपको अपनी योजनाएँ बदलनी पड़ती हैं। क्या आपको अब पता चला कि एक किरदार के रास्ते में इतने घुमाव क्यों होते हैं? ©Divya Thakur #पूर्ण #अपूर्ण "कोई भी किरदार राजा या रानी या अमीर या दरिद्र नहीं बनना चाहता। यदि आप गहराई से निरीक्षण करें तो पाएंगे कि सभी किरदार केवल एक चीज बनना चाहते हैं - ‘पूर्ण’। वे हर समय अपने आपको अधूरा अनुभव करते हैं। वे उस अधूरेपन को भरना चाहते हैं।" जय श्री राम 🙏🙏🙏
Rudra Goswami
अपूर्ण व्यथा -2 हमें कहना बहुत कुछ था कह न सके। मन के शब्दों को मुख पर नहीं ला सके। उम्र भर कुछ व्यथा से पीड़ित रहे हम , हर्ष-ध्वनीयों को मन में सजा न सके । तर्पण में अर्पण को अंजुरी में धरे , प्रवाहित गंगा में अर्पित नहीं कर सके । कहने को तो सब अपने थे अपने ही है , स्वयं को स्वयं का कभी मान ही न सके। मन की आशाओं को मन में जलाते रहे, अपूर्ण जीवन को पुरस्कृत कर न सके । ऐसे देखें तो थे स्वप्न हम बहुत से मगर , सम्मुख सपन के द्वार को पार कर न सके। --RAG The ghazal of RAG #अपूर्ण व्यथा -2 #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqghazal #yqhindi
Vineet Sharma
वो जो कभी चश्म में रहा करता था, अब मुस्कान बन मेरे लबों पर ठहर गया है, वो जो कभी न जाने का वादा किया करता था, अब रुख़सत हो भी मुझमे ही निखर गया है| ख़ार था मैं उन लाल पंखुड़ियों वाले गुलाब का, नासमझ वो अब मेरे बिन अपूर्ण शबाब रह गया है, रात हूँ मैं इंतज़ार में, वो चाँद अमावस्या का, जागती आँखों में पूर्ण वो, अधूरा ख़्वाब रह गया है| #अधूरारहगया #collab #yqdidi #cinemagraph #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #vineetvicky #julyvibes #अपूर्ण
#अधूरारहगया #Collab #yqdidi #cinemagraph #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #vineetvicky #julyvibes #अपूर्ण
read moreKisalay Shukla
कहानी लिख रहा हूँ मैं सपनो के संसार का अपनो के विस्तार का सुनहले अतीत का सुखद भविष्य का कहानी लिख रहा हूँ मैं गिरते समाज के उठते पाखंड का टूटते स्वप्नों के गिरते भविष्य का कहानी लिख रहा हूँ मैं उनके अपनत्व का अपनी प्रेमत्व का प्यार की प्रकृति का अपनी संस्कृति का कहानी लिख रहा हूँ मैं #सुंदरता #yqdidi #कहानीलिखरहा #yqbaba #अपूर्ण
#सुंदरता #yqdidi #कहानीलिखरहा #yqbaba #अपूर्ण
read moreRuchi dixit
मुझे प्रेम करना नही आता , मुझे पूर्ण नफरत भी नही आती , मै पूर्ण ईर्ष्या भी नही कर सकती , मुझमे पूर्ण इच्छा नही है मुझमे पूर्ण अनिच्छा भी नही है | मै पूरी जीवित नही हूँ , मै पूरी मरी भी नही | ©Ruchi dixit मुझे प्रेम करना नही आता , मुझे पूर्ण नफरत भी नही आती , मै पूर्ण ईर्ष्या भी नही कर सकती , मुझमे पूर्ण इच्छा नही है मुझमे पूर्ण अनिच्छा भी नही है | मै पूरी जीवित नही हूँ , मै पूरी मरी भी नही |
मुझे प्रेम करना नही आता , मुझे पूर्ण नफरत भी नही आती , मै पूर्ण ईर्ष्या भी नही कर सकती , मुझमे पूर्ण इच्छा नही है मुझमे पूर्ण अनिच्छा भी नही है | मै पूरी जीवित नही हूँ , मै पूरी मरी भी नही |
read moreGeeta Sharma pranay
*********अपूर्ण********** कितना कुछ अपूर्ण था जिंदगी में। बहुत सोच-सोचकर हिसाब लगाया।। तुम मेरे प्रेम के पूर्ण सागर थे। मेरा पहला प्यार, जिसके लिए मान-सम्मान सदैव हृदय में हैं। बस! तुमसे जो किया ,वह पवित्र प्रेम था। तुम्हारें संग जीवन के सारे रंग थे। एक तुम क्या मेरे जीवन से गये, मुझे हमेशा के लिए अपूर्ण कर गये। मेरे छोटे-छोटे "सपने "अपूर्ण, सपनों से सजा़ मेरा "घघर-संसार"अपूर्ण, तेरे-मेरे प्रेम का प्रतीक "प्रणय" अपूर्ण, मेरे जीवन के सभी "तीज़-त्योहार", मेरे जीवन की "मुस्कान" तू तो कहीं जाकर पूर्ण हैं पर मैं तो आज भी अपूर्ण हूँ कितने साल, कितने महिने, कितने दिन कितने पल बीत गये "मेरी अपूर्णता" को, एक बस तेरे इंतज़ार में। आजतक तेरे इंतज़ार में मैने "अपने-आप को "अपूर्ण ही रहने दिया। और लोग मुझसे मेरी ही 'अपूर्णता' का कारण पुछते रहें। आखिर कब तक मैं अपूर्ण रहूँ। ©Geeta Sharma pranay #अपूर्ण #Light
Asha...#anu
मी अपूर्ण.... वाट अपूर्ण...अपूर्ण हा प्रवास... थकली आशा....थकली वाट...थकला हा श्वास... स्वप्न अपूर्ण...उद्देश अपूर्ण...अपूर्ण सार्या भावना... थकले स्वप्न...थकले उद्देश...थकल्यात सार्या भावना... थकून ही आराम नाही..विराम नाही... ओसरत्या लाटा ना विसावा नाही.... मन निस्तेज..तरी होठांवर स्मित.... चालायचं आता विसरून सार्या आकांक्षा चे प्रीत....!!!!!! #अपूर्ण #जीवन #नोजोटोमराठी #नोजोटोसाहित्य जिंदगी के उपर कुछ पंक्तिया मराठी में..... #ShiningInDark
#अपूर्ण #जीवन #नोजोटोमराठी #नोजोटोसाहित्य जिंदगी के उपर कुछ पंक्तिया मराठी में..... #ShiningInDark
read moreJALAJ KUMAR RATHOUR
#अपूर्ण _आरजू फेसबुक ,इंस्टाग्राम किसी पर भी नही थी वो,धीरे धीरे वक्त बीतता गया, मैंने इंजिनीयरिंग के बाद जॉब करने लगा, 8 साल हो गए थे जॉब करते करते, आज पहली बार था जब मैंने दोस्तों के साथ कश्मीर जाने का प्लान बनाया था,एयरपोर्ट पर हमे रोक लिया गया था, मेरे दोस्त ने अपने चचा विधायक है वाली हेकड़ी झाड़ते हुए कहा,क्यों रोका है हमें ,तभी एक लेडी IPS ऑफिसर ने आवाज देकर कहा "Please support in Cheking" मैंने देखा,और उसके पास जाकर पूछा,आरजू 12B ,Roll no.-9. उसने तुरंत कहा,देर कर दी पहिचानने में मिस्टर अपूर्ण ठाकुर, फिर मैंने बताया कि हम कश्मीर घूमने आये है बस अब होटल देखना है, आरजू बोली, "मेरा टिफिन खाने वाला मेरे घर भी तो रुक सकता है"थोडी देर मना करने के बाद मेरे दोस्त भी राजी हो गए उसके घर तक के सफर में उसने बताया, कैसे वो IPS बनी और उसका निकाह मेजर अशफाक से हुआ जो 2 साल पहले एक आतंकी हमले में शहीद हो गए थे, उसका एक 6 साल का लड़का भी है, उसकी आँखे नम हो गयी थी, आज पहली बार था जब में उन आँखो में आँसू देख रहा था जिनके मुस्कराने के लिए मैंने हजारो दुआएं की थी, आरजू ने पूछा तुम बताओ शादी की, मैंने कहा हाँ की और एक बच्ची भी है, तब तक उसका घर आ गया, सात दिन तक हम कश्मीर घूमे, हर शाम को वो मुझे पूछती क्या क्या घुमा मैं, उस सब बताता, रमजान का महीना था वो, वो रोज सुबह उठती और नमाज अदा कर अपने काम पर निकल जाती थी मैंने और दोस्तों ने कश्मीर में वादियों के बीच अपनी जिंदगी की टेंशन को भुला दिया था ....#जलज कुमार राठौर फेसबुक ,इंस्टाग्राम किसी पर भी नही थी वो,धीरे धीरे वक्त बीतता गया, मैंने इंजिनीयरिंग के बाद जॉब करने लगा, 8 साल हो गए थे जॉब करते करते, आज पहली बार था जब मैंने दोस्तों के साथ कश्मीर जाने का प्लान बनाया था,एयरपोर्ट पर हमे रोक लिया गया था, मेरे दोस्त ने अपने चचा विधायक है वाली हेकड़ी झाड़ते हुए कहा,क्यों रोका है हमें ,तभी एक लेडी IPS ऑफिसर ने आवाज देकर कहा "Please support in Cheking" मैंने देखा,और उसके पास जाकर पूछा,आरजू 12B ,Roll no.-9. उसने तुरंत कहा,देर कर दी पहिचानने में मिस्टर अपूर्ण ठाकुर,
फेसबुक ,इंस्टाग्राम किसी पर भी नही थी वो,धीरे धीरे वक्त बीतता गया, मैंने इंजिनीयरिंग के बाद जॉब करने लगा, 8 साल हो गए थे जॉब करते करते, आज पहली बार था जब मैंने दोस्तों के साथ कश्मीर जाने का प्लान बनाया था,एयरपोर्ट पर हमे रोक लिया गया था, मेरे दोस्त ने अपने चचा विधायक है वाली हेकड़ी झाड़ते हुए कहा,क्यों रोका है हमें ,तभी एक लेडी IPS ऑफिसर ने आवाज देकर कहा "Please support in Cheking" मैंने देखा,और उसके पास जाकर पूछा,आरजू 12B ,Roll no.-9. उसने तुरंत कहा,देर कर दी पहिचानने में मिस्टर अपूर्ण ठाकुर,
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#अपूर्ण_आरजू 9 वी में पहली मुलाकात ही तो थी उस दिन मेरी जब ईद के दिन आरजू ने सबके साथ मुझे पहली बार गले लगाया था,पता नही वो मजबुर थी या उसकी ख्वाहिश ,पर मुझसे हमेशा नजरे चुराने वाली वो नकाबपोश लड़की मेरी नजरो के सामने जब भी गुजरती थी तो में रमजान सा इंतजार करता हुआ हो जाता और वो इतने लंबे इंतजार के बाद नजर आने वाले ईद के चाँद की तरह सिर्फ कुछ पल ठहर चुकाती, जब उसने मुझे पहली बार गले लगाया था उसी दिन से मैं ईद का इंतजार करने लगा था, 12 वी तक मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गयी थी आरजू,अम्मी के हाथो की मीठी सेवियाँ व उससे मीठी उसकी बाते वो जब भी खिलाती तो मैं मजाकिये लहजे कहता था मेरी ईदी ?,वो कहती क्या चाहिए तुम्हें #अपूर्ण और मैं चुप हो जाता, मेरी ये चुप्पी शायद वो समझती थी, पर ना जाने क्यों हम चीजो को समझ कर भी नासमझो सा व्यवहार करते है, शायद हम समझदार हो जाते है, रंगो का त्यौहार होली था, उस दिन ना जाने क्यों मुझे ये होली हमेशा ईद सी लगती है, मिठाइयो को खिला कर और गले मिल कर हम सब कुछ भुला देते है,आरजू भी आई थी उस दिन, मैं सभी दोस्तो से गले मिल रहा था, आखिरी सफ़ में खडी आरजू से जब मैंने हाथ मिलाते हुए होली की बधाई दी तो वो बोली," होली पर भी गले मिलते है ना अपूर्ण , मैंने अपनी बाहों को फैला दिया था " उस दिन मुझे एहसास हुआ था उसी पहली ईद जो की बधाई से शुरु हुई थी और उसी दिन पता चला था की वो उस दिन मजबूर नही थी" , बारहवी के बाद उसने शहर छोड़ दिया , पता नही उसके पापा का ट्रांसफर कहाँ हो गया ...#जलज #अपूर्ण_आरजू 9 वी में पहली मुलाकात ही तो थी उस दिन मेरी जब ईद के दिन आरजू ने सबके साथ मुझे पहली बार गले लगाया था,पता नही वो मजबुर थी या उसकी ख्वाहिश ,पर मुझसे हमेशा नजरे चुराने वाली वो नकाबपोश लड़की मेरी नजरो के सामने जब भी गुजरती थी तो में रमजान सा इंतजार करता हुआ हो जाता और वो इतने लंबे इंतजार को ईद की तरह सिर्फ कुछ पल ठहर चुकाती, जब उसने मुझे पहली बार गले लगाया था उसी दिन से मैं ईद का इंतजार करने लगा था, 12 वी तक मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गयी थी आरजू,अम्मी के हाथो की मीठी सेवियाँ व उससे मीठी
#अपूर्ण_आरजू 9 वी में पहली मुलाकात ही तो थी उस दिन मेरी जब ईद के दिन आरजू ने सबके साथ मुझे पहली बार गले लगाया था,पता नही वो मजबुर थी या उसकी ख्वाहिश ,पर मुझसे हमेशा नजरे चुराने वाली वो नकाबपोश लड़की मेरी नजरो के सामने जब भी गुजरती थी तो में रमजान सा इंतजार करता हुआ हो जाता और वो इतने लंबे इंतजार को ईद की तरह सिर्फ कुछ पल ठहर चुकाती, जब उसने मुझे पहली बार गले लगाया था उसी दिन से मैं ईद का इंतजार करने लगा था, 12 वी तक मेरी सबसे अच्छी दोस्त बन गयी थी आरजू,अम्मी के हाथो की मीठी सेवियाँ व उससे मीठी
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