Find the Best महादेवी_वर्मा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
HintsOfHeart.
"हँस देता जब प्रात, सुनहरे आँचल में बिखरा रोली, लहरों की बिछलन पर जब मचली पड़तीं किरणें भोली ! तब कलियाँ चुपचाप उठाकर पल्लव के घूँघट सुकुमार, छलकी पलकों से कहती हैं 'कितना मादक है संसार’ !" ©HintsOfHeart. #महादेवी_वर्मा #संसार #मादक #किरण
#महादेवी_वर्मा #संसार #मादक #किरण #ज़िन्दगी
read moreHintsOfHeart.
"मधुर मधु-सौरभ जगत् को स्वप्न में बेसुध बनाता, वात विहगों के विपिन के गीत आता गुनगुनाता। मैं पथिक हूँ श्रांत, कोई पथ प्रदर्शक भी न मेरा, चाहता अब प्राण अलसित शून्य में लेना बसेरा।" ©HintsOfHeart. #महादेवी_वर्मा #जन्म_जयंती महादेवी वर्मा जी हिन्दी काव्य में छायावाद की एक प्रमुख स्तंभ थीं। जन्म: 26 मार्च 1907, फ़र्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश।
#महादेवी_वर्मा #जन्म_जयंती महादेवी वर्मा जी हिन्दी काव्य में छायावाद की एक प्रमुख स्तंभ थीं। जन्म: 26 मार्च 1907, फ़र्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश। #पौराणिककथा
read moreHintsOfHeart.
"अपनी कण कण में बिखरीं निधियाँ न कभी पहिचानीं; मेरा लघु अपनापन है लघुता की अकथ कहानी। मैं दिन को ढूँढ रही हूँ जुगनू की उजियाली में; मन मांग रहा है मेरा सिकता हीरक प्याली में!"¹ ©HintsOfHeart. #महादेवी_वर्मा #महिलादिवस
#महादेवी_वर्मा #महिलादिवस #कविता
read moreअनुरोध श्रीवास्तव
#छायावाद की प्रतिनिधि कवियत्री #आधुनिक_मीरा #महादेवी_वर्मा को जन्मदिवस पर श्रद्धानमन🙏🙏 कवितायें इतनीं सुन्दर काव्य जगत हर्षाया है प्रेमभरा रचनाओं में आधुनिक मीरा कहलाया है भारत की नारी शिक्षित हो व्रत ले सपना साकार किया स्वातंत्र्य समर भी लड़ डाला हम पर बहुविधि उपकार किया छब्बीस मार्च उन्नीस सौ सात फर्रूखाबाद में जन्मीं थीं प्रयागराज कर्मभूमि छायावादी लेखनी थी नारी की पीड़ा को अपनी लेखनी से आवाज दिया प्रकृति प्रेम की रचनायें कर हिन्दी को समृद्ध किया अंतस में प्रेम भरा इतना वह देवी तो महादेवी थी आलोकित पथ करनें आयी वह तो स्वर्ग की देवी थी ©अनुरोध श्रीवास्तव #navratri
#navratri #प्रेरक #महादेवी_वर्मा #छायावाद #आधुनिक_मीरा
read moreInsprational Qoute
कवयित्री:- महादेवी वर्मा कविता -सांध्यगीत( सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!) प्रथम पंक्ति - सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी! अंतिम पंक्ति - दुख से, रीति जीवन-गगरी। सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!विरह के रंग से रंगी लाल हरी! नित नित पिया को बुलावा भेज,मानो तन मन से मैं हार रही....... सम्पूर्ण कविता अनुशीर्षक में पढ़े😊 सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!विरह के रंग से रंगी लाल हरी! नित नित पिया को बुलावा भेज,मानो तन मन से मैं हार रही....... कलकल करती बदली आज पिया कुछ कह रही, सावन की रुत भी अब बह रही, मन बांवरा बिन तेरे अब लागे नही, कौन सुने मेरी पीड़ आ जाओ, ये सांवरी तेरी तुझे बुला रही
सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!विरह के रंग से रंगी लाल हरी! नित नित पिया को बुलावा भेज,मानो तन मन से मैं हार रही....... कलकल करती बदली आज पिया कुछ कह रही, सावन की रुत भी अब बह रही, मन बांवरा बिन तेरे अब लागे नही, कौन सुने मेरी पीड़ आ जाओ, ये सांवरी तेरी तुझे बुला रही #महादेवी_वर्मा #restzone #rzछायावाद #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन
read moreInsprational Qoute
कौन है वो जो??? श्वासों की डोरी अब , छूटने लगी अकिंचन, मिथ्या भाव प्राश्रय का, नित करता कोई सिंचन। सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। कौन है वो जो??? श्वासों की डोरी अब , छूटने लगी अकिंचन, मिथ्या भाव प्राश्रय का, नित करता कोई सिंचन,
कौन है वो जो??? श्वासों की डोरी अब , छूटने लगी अकिंचन, मिथ्या भाव प्राश्रय का, नित करता कोई सिंचन, #poem #कविता #yourquotebaba #yourquotedidi #महादेवी_वर्मा #Nishakamwal
read moreNishtha Rishi
तुम 'नीलकंठ' बन जाना मैं तुम्हारी 'राधा' बन जाउंगी अनंत प्रेम का प्रतीक बन इस जीवन के सफ़र को पूरा कर जाउंगी। #महादेवी_वर्मा #नीलकंठ #छायावाद #nishtharishi #lovequote ये नीलकंठ और राधा नाम महादेवी वर्मा के 'नीलकंठ' कहानी से ली गई है, इस कहानी में दो मोर के प्रेम को दर्शाया गया है।
#महादेवी_वर्मा #नीलकंठ #छायावाद #nishtharishi #lovequote ये नीलकंठ और राधा नाम महादेवी वर्मा के 'नीलकंठ' कहानी से ली गई है, इस कहानी में दो मोर के प्रेम को दर्शाया गया है।
read moreAnupama Jha
साहित्याकाश के तारे (कविता अनुशीर्षक में) #yqhindipoetry #दिनकर #मैथिलीशरणगुप्त #निराला #बच्चन #जयशंकरप्रसाद #महादेवी_वर्मा #पंत साहित्याकाश में चमक रहे असंख्य सितारे हैं काव्यों को नमन इनके ये गौरव हमारे हैं रश्मियाँ निकलती हैं "रश्मिरथी" से "उर्वशी" से होता सौंदर्य श्रृंगार है
#yqhindipoetry #दिनकर #मैथिलीशरणगुप्त #निराला #बच्चन #जयशंकरप्रसाद #महादेवी_वर्मा #पंत साहित्याकाश में चमक रहे असंख्य सितारे हैं काव्यों को नमन इनके ये गौरव हमारे हैं रश्मियाँ निकलती हैं "रश्मिरथी" से "उर्वशी" से होता सौंदर्य श्रृंगार है
read more