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Aarif Butt
रास्ता तकती हुई आँखे रास्ता तकती हुई एक मुद्दत से बेशुमार आँखे सेहर का ख्वाब लिए सब उमीदवार आँखे मै जानता हूं की हरगिज़ ना आएगा अब वह निभाए जाते है पर फ़र्ज़-ऐ इंतेज़ार आँखे बिछड़ते वक़्त वो रोया तो था मगर F__M मुशरतो में भी होती ही अश्क़ बार आँखे F______M Soumya Jain Kumari Rinu Rashima Sukh Munesh Kumari Ritu
Soumya Jain Kumari Rinu Rashima Sukh Munesh Kumari Ritu
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रास्ता तकती हुई आँखे रास्ता तकती हुई एक मुद्दत से बेशुमार आँखे सेहर का ख्वाब लिए सब उमीदवार आँखे मै जानता हूं की हरगिज़ ना आएगा अब वह निभाए जाते है पर फ़र्ज़-ऐ इंतेज़ार आँखे बिछड़ते वक़्त वो रोया तो था मगर F__M मुशरतो में भी होती ही अश्क़ बार आँखे F______M Soumya Jain Kumari Rinu Rashima Sukh Munesh Kumari Ritu
Soumya Jain Kumari Rinu Rashima Sukh Munesh Kumari Ritu
read morePoetrywithakanksha9
मांग में सिन्दूर भर उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हूं जीवन में आस भरे, उस परदेशी की राह तकती हूं पूछते हैं लोग मुझसे, किसके नाम का श्रंगार करती हूं अब उन्हें क्या बताऊँ मैं, किस प्रिय की राह तकती हूं सुहागिन 🍁🍁🍁 Satyaprem Internet Jockey Vinay Vinayak Haksh Pandey Achal Sharma
सुहागिन 🍁🍁🍁 Satyaprem Internet Jockey Vinay Vinayak Haksh Pandey Achal Sharma
read more@yaadenyaadaatihain
किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के शीशों से बड़ी हसरत से तकती हैं महीनों अब मुलाकातें नहीं होती #WorldBookDay #किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के #शीशों से बड़ी #हसरत से #तकती हैं महीनों अब #मुलाकातें नहीं होती.... #WorldBookDay
#किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के #शीशों से बड़ी #हसरत से #तकती हैं महीनों अब #मुलाकातें नहीं होती.... #WorldBookDay
read moreRaghav
बुझ गया घर से जलता दिया आँधियाँ ही कुछ ऐसी चलीं नमी बह गयी आंसू बनके आँखे अब राह कोई तकती नहीं यूँ न जलता हृदय जो तू किसी का सहारा न होता यूं न रोता हृदय जो आँखों का तारा न होता मन रो रहा आँखों में अश्रु धार बहती नहीं नमी बह गयी आंसू बनके आँखे अब राह कोई तकती नहीं........ #NojotoQuote बसे जो ख्वाब आँखों में कई दफ्न कर जाऊ इन्हे कैसे?
बसे जो ख्वाब आँखों में कई दफ्न कर जाऊ इन्हे कैसे?
read moreAK Singh
दो आँखे इंतज़ार मे सूरज को तकती जा रही बिखरी हैं रोशनी फिर भी उजियारा न देख पा रही निर्वस्त्र है शरीर कई आँखे उसे तकती जा रही सच ने कब का साथ छोड़ा आज इंसानियत मरती नज़र आ रही आँखे खुदा की भी आज बंद न हो पा रही मासूम को तड़पते देख आँसू वो बहा रही ख़ून की धारा पत्थर से निकलती जा रही माता भारती भी खुद को माँ का दर्जा न दे पा रही। #बेबसी
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