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Andy Mann
सबसे अधिक वो प्रेम असफल हुआ जो एकनिष्ठ रहा सबसे अधिक वो भावनाएं छली गई जो निष्ठापूर्ण रही सबसे अधिक वो आँखें रोई जो आस में रही और सबसे अधिक वो उम्मीद ढही जो निश्छल रही ©Andy Mann #“प्रेम
#“प्रेम #लव
read moreAtul Sharma
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“4/6/2022”📝* *📙“शनिवार”💫* देखिए ये जो “प्रेम” है ये “मन” में रखने के लिए नहीं है, “प्रकट” करने के लिए है और बार-बार इस “प्रेम को प्रकट” करना चाहिए “उचित अवसर”, “उचित समय” देखकर, यदि आप “प्रेमी” के साथ किसी “उत्सव” में है तो “नृत्य गान” किजिए,यदि आप “भीड़” में है तो “प्रेमी को सम्मान” दिजिए, “एकांत” में उसका “श्रंगार” किजिए, “दुःख” में उसका “हाथ” थामे और “सुख” में उसे “ह्रदय” से लगाए, जैसे ही आप “प्रेम प्रकट” करोगे वैसे ही “प्रेम में वृद्धि” होगी, ये “प्रेम” और भी “अधिक गहरा” होगा और “अटूट” भी होगा, “प्रेम” तो “पति-पत्नी”,“भाई-बहन”, “पिता-पुत्र”, “मां और संतान” सभी रिश्तो में होता है तो इस “प्रेम” को “मन” में नहीं इस “जीवन” में स्थान दिजिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“4/6/2022”📝* *📙“शनिवार”💫* *#“प्रेम”* *#“मन में”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“18/3/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*🎈 “होली” के दिन “सारा देश” “रंगों” से खेलता है कभी देखिए किसी “चिंतित चेहरे” पर केवल “रंग का स्पर्श” पाकर “आनंदित” हो जाता है, “होली” पर हम क्या करते है “पुराने को भस्म” करते है और “नवधारण का स्वागत” करते हैं “चिंताओं को भस्म” कर “आशाओं का नया रंग” स्वयं पर चढ़ाते है एक “बात” मैं आपको बता दूं कि “दो रंग” एक साथ नहीं चढ़ सकते है,अब कौनसा “रंग” चढ़ाया जाए और कौनसा रंग “उतारा जाए”, यह समझना भी आवश्यक है आओ सभी “लालच का रंग” उतारकर “आनंद का रंग” चढ़ाते है “ईर्ष्या का रंग” उतारकर “प्रेम का रंग” चढ़ाते है,“अंधकार” पर “प्रकाश” का और “भ्रम” पर “सत्य” का रंग चढ़ाते है, आओ हम सब “प्रेम से” होली का यह त्यौहार मनाते है... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“18/3/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*🎈 #“होली” #“रंग”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/3/2022”*📚 📘 *“मंगलवार”*💫 देखिए ये “जीवन” इतना “बड़ा” भी नहीं है कि आप हर “समस्या” से या “व्यक्ति” के साथ “उलझते” रहो, बस जिसके साथ ये “मन” मिल जाए उसे “नमन” किजिए,“स्मरण” किजिए और जिसके साथ ये “मन” न मिले उसे “दूर” से “प्रणाम” किजिए, यही उचित है आपके लिए, लेकिन इस “मन” से “प्रेम के भाव” को कही भी मत जाने दिजिए, क्योंकि ये “प्रेम” ही अन्त में आपका “उचित मार्गदर्शन” करेगा, इसलिए इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” रखिए और “संबंधों में मधुरता” भी लाइए, और एक बात ये कि “कोशिश” ये भी की जाए जिससे “रिश्तों” दिलो की नजदीकियों वाला हो तो उनकी कुछ “गलतियों” को माफ भी किया जाए... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/3/2022”*📚 📘 *“मंगलवार”*💫 #“जीवन” #“समस्या”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 “प्रेम” ... क्या है ये प्रेम ? “प्रेम” वो भाव है जो एक “सुगंधित पुष्प” की भांति आपके “जीवन” को,आपके “मन” को “आनंद” और “प्रसन्नता” से भर देगा,इसलिए यदि आप “प्रेम” समझना चाहते है तो “प्रेमी के भाव” को समझें,“प्रेम” को “जीना” चाहते है तो “भाव से प्रेम” को जीए, “स्मृतियों” से नहीं,“स्मृतियों” का क्या है ये आज है और आगे जाके शायद नहीं, “समय” के साथ ये “स्मृतियां” मिट जाती है किंतु ये “प्रेम का भाव” सदैव “मन” में रहता है और यही हमारे जीवन का एक “एहसास” भी होता है, ये जीवन प्रेम ही तो है, इतना छोटा सा “जीवन” “प्रेम” करने के लिए कम पड़ जाता है, “घृणा” करके “समय व्यर्थ” क्यो करना, मैं भी यहीं करता हूं आप भी यहीं किजिए, “प्रेम ”कीजिए और “प्रेम” सब में बांटिए, आपको भी “आनंद” और “प्रेम” अवश्य मिलेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 #“प्रेम” #“सुगंधित पुष्प”
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 #“प्रेम” #“सुगंधित पुष्प” #Thoughts #“मन” #“आनंद” #“एहसास” #“प्रसन्नता” #“स्मृतियां”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“27/1/2022”*📚 🖋️*“गुरुवार”* 🌟 हम सभी कुछ न कुछ “पढ़” चुके है, कुछ न कुछ “सीख” चुके है, फिर भी “सबकुछ” तो कभी नहीं सीख पाते, आप सभी को पता है कि “व्यंजनों” का प्रारंभ होता है “क” से, “क” से “कबूतर” यह पढ़ते पढ़ते हम “शब्द रचना” सीखते है, उसके पश्चात “सबकुछ”,किंतु क्या कभी आपने सोचा है कि यह “क” से ही क्यों “प्रारंभ” होता है ? और किसी “व्यंजन” से क्यों नहीं, क्योंकि यह “क” दर्शाता है “करूणा”, “करूणा” जो सबसे महत्वपूर्ण भाव है,इसी “करूणा” के कारण आप भी किसी “व्यक्ति”,किसी “जीव की भावनाएं”,उसकी “समस्याएं”, उसके दुःख(“पीड़ा”) समझते है, “करूणा” ही है जो “प्रेम को जन्म” देती है,“करूणा” ही है जो आपके “विवेक” को भी “जाग्रत” करती है, तो यदि आप “क” से “करूणा” सीख गए तो “ज्ञ” से “ज्ञानी” बनने में अधिक समय नहीं लगेगा, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“27/1/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 *#“जीवन में”* *#“पढ़ना”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🪁*“14/1/2022”*🪘 🌾*“शुक्रवार”*🌴 देखिए ये जो “प्रेम” है ये “मन” में रखने के लिए नहीं है, “प्रकट” करने के लिए है और बार-बार इस “प्रेम को प्रकट” करना चाहिए “उचित अवसर”, “उचित समय” देखकर, यदि आप “प्रेमी” के साथ किसी “उत्सव” में है तो “नृत्य गान” किजिए,यदि आप “भीड़” में है तो “प्रेमी को सम्मान” दिजिए, “एकांत” में उसका “श्रंगार” किजिए, “दुःख” में उसका “हाथ” थामे और “सुख” में उसे “ह्रदय” से लगाए, जैसे ही आप “प्रेम प्रकट” करोगे वैसे ही “प्रेम में वृद्धि” होगी, ये “प्रेम” और भी “अधिक गहरा” होगा और “अटूट” भी होगा, “प्रेम” तो “पति-पत्नी”,“भाई-बहन”, “पिता-पुत्र”,“मां और संतान” सभी रिश्तो में होता है तो इस “प्रेम” को “मन” में नहीं इस “जीवन” में स्थान दिजिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🪁 *“14/1/2022”*🪘 🌾 *“शुक्रवार”*🌴 *#“प्रेम”* *#“मन में”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“2/1/2022”*🎉 🎁*“रविवार”* 🌟 “प्रेम” और “घृणा”... दोनों समान “शब्द” है कैसे ? देखिए दोनों में “2½ अक्षर” है ,दोनों में वो “भाव” है जो हमारे “मन” से है, अब दोनों भाव से जुड़े “व्यक्ति” हमारे लिए “महत्वपूर्ण” है अंतर बस इतना है, “प्रेम” को मिलता है “सम्मान” और “घृणा” को मिलती है “उपेक्षा”, ऐसा क्यों ? क्योंकि “प्रेम” वो “भाव” है जहां “व्यक्ति” सबकुछ दे देना चाहता है,वहीं “घृणा” ऐसा “भाव” है जहां “व्यक्ति” सबकुछ “पा लेना” चाहता है, सबकुछ “जीतना” चाहता है फिर भी “प्रेम का ये भाव” आपको कभी “हारने” नहीं देता है और “घृणा का ये भाव” आपको कभी “जीतने” नहीं देता है क्या करेंगे आप...? “एक ही जीवन” है इसे “घृणा” के साथ “व्यतीत” करना “पंसद” करेंगे या “प्रेम के साथ”, मैं तो “प्रेम” को ही चुनूंगा... और आप *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“2/1/2022”*🎉 🎁 *“रविवार”* 🌟 *#“प्रेम और घृणा”* *#“समान शब्द”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“29/12/2021”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 इस “संसार” में चारों और “दुःख” है,“समस्याएं” है, लेकिन फिर भी “कुछ लोग” ऐसे होते है जो “हंसमुख” होते है, उनके “हंसमुख” होने “कारण” है “प्रेम” आपके “जीवन” में ये “प्रेम” ही आपकी “मुस्कान का कारण” होता है, जैसे आपका “पत्नी प्रेम”,“परिवार प्रेम”,“संतान प्रेम”, “मित्र प्रेम”,“कला प्रेम”,“साथी प्रेम” आदि इत्यादि, उनका ध्यान सिर्फ उस “प्रेम” पर ही रहता है, जब भी “मुख” पर इस “प्रेम को स्मरण” करेंगे तो “चिंता”,“तनाव” या “दुःख के भाव” दिखना “असंभव” है,बस यही है “रहस्य” “हंसमुख” रहने का, इसलिए आप भी अपने “जीवन” में यही किजिए यदि आपको आपके “जीवन” में “प्रेम” प्राप्त है, तो “धन्यवाद” किजिए उस “प्रेम” का, “धन्यवाद” किजिए उस हर “वस्तु” और “व्यक्ति” का जो आपको “खुशियां” देती है, और आप ने ये तो “सुना” ही होगा कि “खुशियां बांटने” से “बढ़ती” है तो “खुशियां” बांटिए और “खुश” रहिए... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“29/12/2021”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“संसार”* *#“दुःख” और “समस्याएं”*
Atul Sharma
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“25/10/2021”*📝 ✨ *“सोमवार”*🌟 इस “संसार” का सबसे बड़ा “श्रेय” क्या है ? इस “संसार” में प्रतिदिन कोई “व्यक्ति” “जन्म” लेता है तो कोई “व्यक्ति” “मृत्यु” को प्राप्त हो जाता है, अब ये बात सभी जानते है, सभी को ज्ञात है कि मैंने “जन्म” लिया है और किसी दिन मैं भी “मृत्यु” को प्राप्त कर ही लूंगा, अब जब ये बात हर एक “मनुष्य” जानता है, तो हर एक मनुष्य इस “चिंता” में रहता है, इस “व्याकुलता” में रहता है, इस “पीड़ा” में रहता है, देखिए यह “भय”,“व्याकुलता” और ये “पीड़ा” आपके “मन” को जीने नही देती,इस “जीवन का अनुभव” करने ही नहीं देती, तो इस “चिंता” का, इस “भय” का और इस “व्याकुलता” का क्या लाभ, कोई लाभ नहीं... इसलिए जबतक आप “जीवन” जी रहे है तो उसका “प्रत्येक क्षण” “श्रेष्ठ” हो,“आनंदमय” हो,“प्रेम से परिपूर्ण” हो,इसका “प्रयास” किजिए, “प्रयास” किजिए कि हर “कार्य” आप जो करे उससे “दूसरों का लाभ” हो सके, यहीं “प्रयास” आपके “जीवन” को “प्रसन्नता” और “प्रेम” से भर देगा... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“25/10/2021”*📝 ✨ *“सोमवार”*🌟 #“संसार” #“जन्म”
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“25/10/2021”*📝 ✨ *“सोमवार”*🌟 #“संसार” #“जन्म” #“प्रयास” #“मृत्यु” #“प्रेम #“प्रसन्नता” #“चिंता” #“प्रत्येक #“आनंदमय”
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