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तुषार"आदित्य"
ये बढ़ता आजकल दरम्यां जो दायरा है वजह नकाब या चश्मा या कोई दूसरा है ये बढ़ता आजकल दरम्यां जो दायरा है वजह नकाब या चश्मा या कोई दूसरा है #दायरा #दरम्यां #चश्मा #नकाब #दूसरा #genrationgap #newgeneration #digitalgen
ये बढ़ता आजकल दरम्यां जो दायरा है वजह नकाब या चश्मा या कोई दूसरा है #दायरा #दरम्यां #चश्मा #नकाब #दूसरा #GenrationGap #newgeneration #digitalgen
read moreDr Manju Juneja
Dr Manju Juneja
चुप थे सी लिया होठो को, चुप थे ,कोई आह ना निकल जाए.. वक़्त ठहरा था कुछ पल के लिए दोनो के दरम्यां, आरज़ू यही थी ,उनकी बाहों में, हमारी जाँ निकल जाए। ©Dr Manju Juneja #चुपथे #होठोको #दरम्यां #जाँ #उनकी #बाहोंमे #वक़्त #ठहरा #twoliner # #PoetInYou
Dr Manju Juneja
तुम कह कर तो देखते अपने दिल की बात चाहे कैसे भी थे हमारे दरम्यां हालात #तुम #कहकर #देखते #दिल_की_बात #दरम्यां #कैसे #हमारे #हालात #twoliner #nojotoshayri
Sushma Sonu Thakur
एहसास -ए- मुहब्ब्त ही तो है। हमारे दरमियां साँसे तुम लेते हो। धड़कने हमारी चलती है। चोट तुम्हे लगती है। महसूस हमे होता है। खुश तुम होते हो मुस्कान हमारे चेहरे पर आती है #nojotohindi #nojotoquotes #nojotolife #nojotolines #sushmathakur #ज़िन्दगी #दरम्यां #खुशी #मुस्कान #दर्द
तेजस
आकर मिली थी दो राहें एक चौराहे पर मैं खोया सा था और तुम थी दोराहे पर थी ज़रूरत शायद एक दूसरे के साथ की थाम कर चल पढ़ें उस हाथ की एक दूजे को बाहों का सहारा दे कर डगमगाती कश्ती को किनारा दे कर बढ़ चले कदमताल में भर के मस्ती अपनी चाल में कुछ अनसुलझे सवालों का जवाब मिला उसके आँखों से बावस्ता ख़्वाब मिला (पूरी कविता पढ़ें कैप्शन में...) आकर मिली थी दो राहें एक चौराहे पर मैं खोया सा था और तुम थी दोराहे पर थी ज़रूरत शायद एक दूसरे के साथ की थाम कर चल पढ़ें उस हाथ की एक दूजे को बाहों का सहारा दे कर डगमगाती कश्ती को किनारा दे कर बढ़ चले कदमताल में भर के मस्ती अपनी चाल में
आकर मिली थी दो राहें एक चौराहे पर मैं खोया सा था और तुम थी दोराहे पर थी ज़रूरत शायद एक दूसरे के साथ की थाम कर चल पढ़ें उस हाथ की एक दूजे को बाहों का सहारा दे कर डगमगाती कश्ती को किनारा दे कर बढ़ चले कदमताल में भर के मस्ती अपनी चाल में
read moreAmitesh S. Anand
प्रवास में है सिसकियां !! अतीत के कंपन से.... दहल रहा दिल । बवंडर..... बाहर-भीतर । विस्मय..... इस अंतहीन तलाश की अद्यतन हो..... गूंज तुम ही । तुम ही ... मुस्कान की वजह । पर..... हो एक पहेली प्यार की । बयार उस पार से इस पार संदेश जो लाती फुसफुसाती..... दरम्यां रही वजहों, उम्र, सालों की सब रेत उड़ा दो, अन्यथा ..... एक फूल दिल से आसमां में देना उछाल । और करना महसूस उगते सूरज से डूबते सूरज के मध्य किरणों की बिखरन-सिमटन में जो रंग आ-जा रहे होंगे हमारे दरम्यां रही वजहों, उम्र, सालों के होंगे ।।
Peeyush Umarav
.................... #NojotoQuote रात के हर पहर को कुछ यूं सुलाऊं मैं, तेरे सपनों के दरम्यां आने को, जैसे उस एक रात का हर पहर बीता था कुछ जिंदा ख्वाबों में जागते-जागते, जैसे दौड़ती भागती जिंदगी में कोई पल ठहराव से भी रहा हो, जैसे मैं हूं और नहीं भी यहीं चांद सा रुका कुछ चलता सा,
रात के हर पहर को कुछ यूं सुलाऊं मैं, तेरे सपनों के दरम्यां आने को, जैसे उस एक रात का हर पहर बीता था कुछ जिंदा ख्वाबों में जागते-जागते, जैसे दौड़ती भागती जिंदगी में कोई पल ठहराव से भी रहा हो, जैसे मैं हूं और नहीं भी यहीं चांद सा रुका कुछ चलता सा,
read moreNeha chauhan
एक रिश्ता है तेरे मेरे दरम्यां , जो सिर्फ महसूस होता है दिखाई नहीं देता , न लफ्जों में ब्यां किया जा सकता , पर हॉं एक रिश्ता है तेरे मेरे दरम्यां , दूर होकर भी पास होने का एहसास कराता है ये रिश्ता, हॉं एक रिश्ता है तेरे मेरे दरम्यां , जो हम दोनों को सभी रिश्तों से परे ले जाता है , हॉं , ये सच है एक रिश्ता है , तेरे मेरे दरम्यॉं ।
Raja Saheb
दूर कहीं पहाड़ों के दरम्यां, सुबह जागती होगी रेल की सीटी से, दोपहर ज़रा अलसाई सी सुस्ताती होगी पुराने किले के खंडहर में, शाम का धुआँ दूर तक उठता तो होगा, रात कहीं दीये की रोशनी से रोशन होती तो होगी, शायद कोई मालगुड़ी पहाड़ों के दरम्यां आज भी बसा हो..... मालगुड़ी.....
मालगुड़ी.....
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