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Prem Narayan Shrivastava
थी मेरी ये आरज़ू अब और अर्ज़ न रहे सफर में हमारे तुम्हारे दरमियान कोई अधिक फासला न रहे मजा तभी है मोहब्बत का जब दोनों की ज़िन्दगी गर्क में रहे मै डूब जाऊं तू भी सलामत में न रहे खुदा बना दिया है मेरी मोहब्बत ने तुझे तो दिल में मेरे क्यूं रहे गर मै डूब जाऊं तो तुझे मालूम न रहे मोहब्बत मेहरबां न मेरा न तेरा तो दोस्ती ही सलामत रहे दर्द मेरा अधिक सुर्खियों में तेरा नाम न रहे हमें इंतजार है कब आएंगे बिछड़ने खातिर दिल भी यही चाहता है गुफ्तगू तेरे सिवा किसी और से न रहे गर आप कभी बेखबर गुज़रे तो ये सदा भी दे दें हमारे ख्याल ए ख्वाब का मोहब्बत कभी बदनाम न रहे मेरे द्वारा रचित इक ग़ज़ल अंजाम ए मोहब्बत ©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित इक ग़ज़ल अंजाम ए मोहब्बत #philosophy
मेरी स्वरचित इक ग़ज़ल अंजाम ए मोहब्बत #philosophy #शायरी
read morevikash agarwal
ए खुदा, तू इश्क ना करना, वरना बहुत पछताएगा। हम तो बेवफाई में जान देकर, आते हैं तुम्हारे पास। लेकिन तू किधर जाएगा। ©vikash agarwal ए खुदा सुन मेरी। #standAlone
ए खुदा सुन मेरी। #standAlone
read morePrem Narayan Shrivastava
हमें भी अपनी कहानी को इक नया मोड़ देना था किसी रूठे हुए दिल को आज मनाना था महकता था मेरा वीरान घर जिसकी खुशबू से एहसास ए दर्द हमें ही उसको आज सुनाना था जब से तू मिला है मुझे सितमगर की तरह ख्याल ए आरज़ू में हमें ही तुझको आज सजाना था ये रात ढलते ढलते रख गई सारा हिसाब कल के लिए तुम्हें ही अपना फैसला आज सुनाना था खड़े हैं सर झुकाए तेरे सामने एहतिसाब के लिए तुम्हें ही अपना तरीका ए सितम आज बदलना था अब हर लम्हा के साथ बदलने लगे हो अपने तौर तरीके तुम्हें ही मेरे वीरान घर में आज आना था 🐱🐱मेरी स्वरचित ग़ज़ल एहसास ए दर्द🐱🐱 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित ग़ज़ल एहसास ए दिल #akelapan
Prem Narayan Shrivastava
तुमने भी सरे आम ये क्या ज़ुल्म कर दिया दिल को खुद बुझा कर इक इल्ज़ाम धर दिया कभी झूठा इकरार कर एहसान कर दिया कभी धोखे से गर्दन पर मेरे खंजर रख दिया मुद्दत बाद हमें अचानक देख कर दर का चिराग बुझा दिया फिर सामने पत्थर रख दिया बेहतर है अब मिटा दो ये तजुर्बे अपने जीना मेरा ही हराम कर हमको दर बदर कर दिया मरहूमियों पे अब मिटा जा रहा हूं इक जो हसरत तेरे नाम की थी वो भी खत्म कर दिया 🐱🐱मेरी इक प्यारी सी ग़ज़ल दास्तां ए गम🐱🐱 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी प्यारी ग़ज़ल दास्तां ए गम #alone
Prem Narayan Shrivastava
निकल गए जब आप ही मेरी नज़रों से इतनी दूर लोग सोचने लगे किस आग में हम जल रहे हैं मिले न हमें जवाब जब अपने ही सवालों के नाकाम ए दिल कैसे कहे ख्वाब में हम जल रहे हैं आप शराफत का पर्दा लगाए शक्ल ही बदल रहे हैं जमीर ज़िंदा है मगर सवालों में हम जल रहे हैं जाने किस मोड़ पे तेरे दर का पता भूल गए हमारा क्या गर्दिश ए हालात के साए में हम चल रहे हैं दिल के भूले अफसाने हमें याद आने लगे हैं कूचा ए दिल तोड़ कर दस्त ए एहसास में हम जल रहे हैं 🐶मेरी इक नई स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात🐶 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात #Doctors
Prem Narayan Shrivastava
तुम जब भी हमें हुक्म दोगे दूर जाएंगे अपना किस्सा ए गम तुझ को नहीं किसी और को सुना जाएंगे जब भी होगा तेरे नाम से वहशत सब्र कर जायेंगे तौफीक ए इज़्तिराब खातिर तुझको भुला जाएंगे बात किस्मत की थी दिल ए बेताब तुझे खुशी मिली हमें गम मिला ये सोच कर दिल को बता जाएंगे शायद हाल ए गम सुन कर तसल्ली हुआ होगा कभी सोचा अंज़ाम क्या होगा जब सब को सुना जाएंगे खुदा नसीब करे उसे हर खुशी मिले जिसे तेरी सोहबतें मिले हमारा क्या हम अपने दर्द में समा जाएंगे अपना दर्द भी अब सुनाऊं जिगर और दिल बचाना है नजर तुमसे मिला है फिर भी दर्द छुपा जाएंगे 🐯मेरी इक और ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल🐯 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल #fullmoon
Prem Narayan Shrivastava
तुझे शायद पता नहीं तेरी आंखों में खुद को ढूंढता हूं फिर उसके बाद आइना से डरता हूं गर हो सके तो तुम अभी चलो मेरे संग दो कदम मै अपने दरमियान फासला से डरता हूं हम दोनों के दरमियान ये फासला ख्वाब है या हकीकत इसीलिए दूरी बना के रहता हूं बोल ऐ शाम ए सफर रिहाई की सूरत क्या है खाक में मिला दिया फिर भी तुझ पे मरता हूं सोचता हूं जाऊं कहां जब मेरे वजूद पे उतरी है लफ्ज़ की सूरत इसीलिए संभल के चलता हूं मेरा मशवरा भी सुन लो अब तुम ही करो मसीहाई मेरा हाल ये की तेरे सामने आने से डरता हूं 🐷मेरी इक नई ग़ज़ल फसाना ए ज़िन्दगी🐷 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल फसाना ए ज़िन्दगी #fullmoon
Prem Narayan Shrivastava
हाल ये अर्ज़ ए गम खातिर हम बहाना बना लेते हैं और अपने आंसुओं से दिल्लगी कर मुस्कराना चाहते हैं आप जब मिलते है राह में नजर झुका लेते हैं नजर बचाना आप चाहते हैं और हम नजर मिलाना चाहते हैं गुरूर इतना की खुद को दिल ए बेताब सा समझने लगे हैं और अपने इंतखाब ए नजर से हमें आजमाना चाहते हैं काश ये समझ सकते हर किसी की जिंदगी में वो दिन भी आते हैं दो राही इक मोड़ पे आकर बिछड़ना चाहते हैं अलविदा ऐ मेरी शाहकार नज़्मों की शहजादी उल्फत के कुछ नए तकाजे हैं जो अक्सर हमें तड़पाना चाहते हैं जिस अंधेरी राह पे लाकर हमें छोड़ रहे हो वो राह मेरी दुनियां बदल देगी इसीलिए खुद को बदलना चाहते हैं 😍मेरी इक और ग़ज़ल मिजाज ए तड़पती तमन्नाएं😍 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल मिजाज ए तमन्ना #Agnipath
Prem Narayan Shrivastava
मोहब्बत भी किसी से इतना करो की दिल संभल जाए किसी को इस कदर भी न चाहो की दम निकल जाए मिले हो बहुत दिनों बाद आओ ताजा कर लें भूली यादें भी इस कदर की रूह गर्मी ए एहसास से पिघल जाए जब से तुझे देखा मोहब्बत से दिल मेरा अजीब धड़का है मगर डर ये की न जाने कब तेरा रस्ता बदल जाए ख्वाब में हुई ये मोहब्बत भी कैसी दिल तो धड़का है मगर होश नहीं जुनून ए ख्वाब से दिल कब बहल जाए तू साथ था मेहरबां था मगर दिल तोड़ कर अचानक ऐसे जुदा हुआ जैसे क़यामत की रात में तन्हाई जल जाए हाल ये की तुझको इक झलक देखने खातिर ख्वाब कब तलक देखूं कोई तो दुआ करे मेरा दिल बहल जाए 🐵मेरी इक और नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी🐵 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी #Agnipath
Prem Narayan Shrivastava
मिला जो हादसा दिल ऐसा खराश हुआ मैं फूट फूट कर बिखर गया मगर तुझको न ऐतबार हुआ तमाम उम्र तुमने मेरे खिलाफ साज़िश किया सितम ये कि बर्बाद हुआ मगर खुद न खबरदार हुआ फितरत ही ऐसी कि शराफत की राह चलता रहा तेरी नीयत जानता था मगर तुझको न असर हुआ तुम अपनी इनायतों से हमें बेखबर रहने दो ये जो आप सर झुकाए बैठे थे मगर हमको न खबर हुआ हम आपके नाज़ उठाने खातिर सब्र किए बैठे हैं दिल भी अब तड़प रहा है मगर तुझको न असर हुआ 🐶मेरे द्वारा स्वरचित इक ग़ज़ल अंजाम ए बेकरारी🐶 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल अंजाम ए बेकरारी #SunSet