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Stories related to ग़ज़ल ए मेरी मोहब्बत सुन

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Prem Narayan Shrivastava

मेरी स्वरचित इक ग़ज़ल अंजाम ए मोहब्बत #philosophy #शायरी

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थी मेरी ये आरज़ू अब और अर्ज़ न रहे सफर में हमारे तुम्हारे दरमियान कोई अधिक फासला न रहे

मजा तभी है मोहब्बत का जब दोनों की ज़िन्दगी गर्क में रहे मै डूब जाऊं तू भी सलामत में न रहे

खुदा बना दिया है मेरी मोहब्बत ने तुझे तो दिल में मेरे क्यूं रहे गर मै डूब जाऊं तो तुझे मालूम न रहे

मोहब्बत मेहरबां न मेरा न तेरा तो दोस्ती ही सलामत रहे दर्द मेरा अधिक सुर्खियों में तेरा नाम न रहे

हमें इंतजार है कब आएंगे बिछड़ने खातिर दिल भी यही चाहता है गुफ्तगू तेरे सिवा किसी और से न रहे

गर आप कभी बेखबर गुज़रे तो ये सदा भी दे दें हमारे ख्याल ए ख्वाब का मोहब्बत कभी बदनाम न रहे

मेरे द्वारा रचित इक ग़ज़ल अंजाम ए मोहब्बत

©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित इक ग़ज़ल अंजाम ए मोहब्बत

#philosophy

vikash agarwal

ए खुदा सुन मेरी। #standAlone

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ए खुदा, तू इश्क ना करना, वरना बहुत पछताएगा।
हम तो बेवफाई में जान देकर, आते हैं तुम्हारे पास।

लेकिन तू किधर जाएगा।

©vikash agarwal ए खुदा सुन मेरी।

#standAlone

Prem Narayan Shrivastava

मेरी स्वरचित ग़ज़ल एहसास ए दिल #akelapan #शायरी

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हमें भी अपनी कहानी को इक नया मोड़ देना था किसी रूठे हुए दिल को आज मनाना था

महकता था मेरा वीरान घर जिसकी खुशबू से एहसास ए दर्द हमें ही उसको आज सुनाना था

जब से तू मिला है मुझे सितमगर की तरह ख्याल ए आरज़ू में हमें ही तुझको आज सजाना था

ये रात ढलते ढलते रख गई सारा हिसाब कल के लिए तुम्हें ही अपना फैसला आज सुनाना था

खड़े हैं सर झुकाए तेरे सामने एहतिसाब के लिए तुम्हें ही अपना तरीका ए सितम आज बदलना था

 अब हर लम्हा के साथ बदलने लगे हो अपने तौर तरीके तुम्हें ही मेरे वीरान घर में आज आना था

🐱🐱मेरी स्वरचित ग़ज़ल एहसास ए दर्द🐱🐱

©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित ग़ज़ल एहसास ए दिल

#akelapan

Prem Narayan Shrivastava

मेरी प्यारी ग़ज़ल दास्तां ए गम #alone #शायरी

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तुमने भी सरे आम ये क्या ज़ुल्म कर दिया दिल को खुद बुझा कर इक इल्ज़ाम धर दिया

कभी झूठा इकरार कर एहसान कर दिया कभी धोखे से  गर्दन पर मेरे खंजर रख दिया

मुद्दत बाद हमें अचानक देख कर दर का चिराग बुझा दिया फिर सामने पत्थर रख दिया

बेहतर है अब मिटा दो ये तजुर्बे अपने जीना मेरा ही हराम कर हमको दर बदर कर दिया

मरहूमियों पे अब मिटा जा रहा हूं इक जो हसरत तेरे नाम की थी वो भी खत्म कर दिया

🐱🐱मेरी इक प्यारी सी ग़ज़ल दास्तां ए गम🐱🐱

©Prem Narayan Shrivastava मेरी प्यारी ग़ज़ल दास्तां ए गम
#alone

Prem Narayan Shrivastava

मेरी स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात #Doctors #शायरी

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निकल गए जब आप ही मेरी नज़रों से इतनी दूर लोग सोचने लगे किस आग में हम जल रहे हैं

मिले न हमें जवाब जब अपने ही सवालों के नाकाम ए दिल कैसे कहे ख्वाब में हम जल रहे हैं

आप शराफत का पर्दा लगाए शक्ल ही बदल रहे हैं जमीर ज़िंदा है मगर सवालों में हम जल रहे हैं

जाने किस मोड़ पे तेरे दर का पता भूल गए हमारा क्या गर्दिश ए हालात के साए में हम चल रहे हैं

दिल के भूले अफसाने हमें याद आने लगे हैं कूचा ए दिल तोड़ कर दस्त ए एहसास में हम जल रहे हैं

🐶मेरी इक नई स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात🐶

©Prem Narayan Shrivastava मेरी स्वरचित ग़ज़ल गर्दिश ए हालात

#Doctors

Prem Narayan Shrivastava

मेरी इक नई ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल #fullmoon #शायरी

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तुम जब भी हमें हुक्म दोगे दूर जाएंगे अपना किस्सा ए गम तुझ को नहीं किसी और को सुना जाएंगे

जब भी होगा तेरे नाम से वहशत सब्र कर जायेंगे  तौफीक ए इज़्तिराब खातिर तुझको भुला जाएंगे

बात किस्मत की थी दिल ए बेताब तुझे खुशी मिली हमें  गम मिला ये सोच कर दिल को बता जाएंगे

शायद हाल ए गम सुन कर तसल्ली हुआ होगा कभी सोचा अंज़ाम क्या होगा जब सब को सुना जाएंगे

खुदा नसीब करे उसे हर खुशी मिले जिसे तेरी सोहबतें मिले हमारा क्या हम अपने दर्द में समा जाएंगे

अपना दर्द भी अब सुनाऊं जिगर और दिल बचाना है नजर तुमसे मिला है फिर भी दर्द छुपा जाएंगे

🐯मेरी इक और ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल🐯

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल

#fullmoon

Prem Narayan Shrivastava

मेरी इक नई ग़ज़ल फसाना ए ज़िन्दगी #fullmoon #शायरी

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तुझे शायद पता नहीं तेरी आंखों में खुद को ढूंढता हूं फिर उसके बाद आइना से डरता हूं

गर हो सके तो तुम अभी चलो मेरे संग दो कदम मै अपने दरमियान फासला से डरता हूं

हम दोनों के दरमियान ये फासला ख्वाब है या हकीकत इसीलिए दूरी बना के रहता हूं

बोल ऐ शाम ए सफर रिहाई की सूरत क्या है खाक में मिला दिया फिर भी तुझ पे मरता हूं

सोचता हूं जाऊं कहां जब मेरे वजूद पे उतरी है लफ्ज़ की सूरत इसीलिए संभल के चलता हूं

मेरा मशवरा भी सुन लो अब तुम ही करो मसीहाई मेरा हाल ये की तेरे सामने आने से डरता हूं

    🐷मेरी इक नई ग़ज़ल फसाना ए ज़िन्दगी🐷

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल फसाना ए ज़िन्दगी

#fullmoon

Prem Narayan Shrivastava

मेरी इक नई ग़ज़ल मिजाज ए तमन्ना #Agnipath #शायरी

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हाल ये अर्ज़ ए गम खातिर हम बहाना बना लेते हैं और अपने आंसुओं से दिल्लगी कर मुस्कराना चाहते हैं

आप जब मिलते है राह में नजर झुका लेते हैं नजर बचाना आप चाहते हैं और हम नजर मिलाना चाहते हैं

गुरूर इतना की खुद को दिल ए बेताब सा समझने लगे हैं और अपने इंतखाब ए नजर से हमें आजमाना चाहते हैं

काश ये समझ सकते हर किसी की जिंदगी में वो दिन भी आते हैं दो राही इक मोड़ पे आकर बिछड़ना चाहते हैं

अलविदा ऐ मेरी शाहकार नज़्मों की शहजादी उल्फत के कुछ नए तकाजे हैं जो अक्सर हमें तड़पाना चाहते हैं

जिस अंधेरी राह पे लाकर हमें छोड़ रहे हो वो राह मेरी दुनियां बदल देगी इसीलिए खुद को बदलना चाहते हैं

😍मेरी इक और ग़ज़ल मिजाज ए तड़पती तमन्नाएं😍

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल मिजाज ए तमन्ना

#Agnipath

Prem Narayan Shrivastava

मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी #Agnipath #शायरी

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मोहब्बत भी किसी से इतना करो की दिल संभल जाए किसी को इस कदर भी न चाहो की दम निकल जाए

मिले हो बहुत दिनों बाद आओ ताजा कर लें भूली यादें भी इस कदर की रूह गर्मी ए एहसास से पिघल जाए

जब से तुझे देखा मोहब्बत से दिल मेरा अजीब धड़का है मगर डर ये की न जाने कब तेरा रस्ता बदल जाए

ख्वाब में हुई ये मोहब्बत भी कैसी दिल तो धड़का है मगर होश नहीं जुनून ए ख्वाब से दिल कब बहल जाए

तू साथ था मेहरबां था मगर दिल तोड़ कर अचानक ऐसे जुदा हुआ जैसे क़यामत की रात में तन्हाई जल जाए

हाल ये की तुझको इक झलक देखने खातिर ख्वाब कब तलक देखूं कोई तो दुआ करे मेरा दिल बहल जाए

      🐵मेरी इक और नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी🐵

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी

#Agnipath

Prem Narayan Shrivastava

मेरी इक नई ग़ज़ल अंजाम ए बेकरारी #SunSet #शायरी

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मिला जो हादसा दिल ऐसा खराश हुआ मैं फूट फूट कर बिखर गया मगर तुझको न ऐतबार हुआ

तमाम उम्र तुमने मेरे खिलाफ साज़िश किया सितम ये कि  बर्बाद हुआ मगर खुद न खबरदार हुआ

फितरत ही ऐसी कि शराफत की राह चलता रहा तेरी नीयत जानता था मगर तुझको न असर हुआ

तुम अपनी इनायतों से हमें बेखबर रहने दो ये जो आप सर झुकाए बैठे थे मगर हमको न खबर हुआ

हम आपके नाज़ उठाने खातिर सब्र किए बैठे हैं दिल भी अब तड़प रहा है मगर तुझको न असर हुआ

 🐶मेरे द्वारा स्वरचित इक ग़ज़ल अंजाम ए बेकरारी🐶

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल अंजाम ए बेकरारी
#SunSet
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